बेस्ट chudai कविता

Poem Info
बेस्ट chudai कविता
350 words
0
14
00
Poem does not have any tags
Share this Poem

Font Size

Default Font Size

Font Spacing

Default Font Spacing

Font Face

Default Font Face

Reading Theme

Default Theme (White)
You need to Log In or Sign Up to have your customization saved in your Literotica profile.
PUBLIC BETA

Note: You can change font size, font face, and turn on dark mode by clicking the "A" icon tab in the Story Info Box.

You can temporarily switch back to a Classic Literotica® experience during our ongoing public Beta testing. Please consider leaving feedback on issues you experience or suggest improvements.

Click here
odinchacha
odinchacha
252 Followers

उनको होठों को मे हमेशा हुं चुमता
चुतमारीओंका भोसडा बढिया हुं चोदता
पुरा नंगा रातभर हुं करता
बढ़िया मे बढिया चुदाई हुं करता

जब कभी मै अकेला हुं होता
लवडा मेरा चुत मेरा के लिए है तरसता
लवडा भी बारीश रो रो के है करता
गर्लफ्रेड के बिना अकेला है होता

लंड को मेरे चाहिए होती है चुत
लवडा नही जानता सिर्फ देना मुत
चुदाई वाला चुदकड उसे लगा है भुत

क्लासमेट मेरी मुझसे चोदकर लेती
अब वोह पति के घर बहोत है तरसती
मुझसे चोदने के लिए दिनरात तडपती

मेरा लवडा देख उनकी ऑखे सुज ज्याती
ठंडक पाने के लिए मेरे स्पर्म उसपे लगाती
अपना दुध मेरे गांड मे है निचोडती
मुझे पाने के लिए सब आपस मे है लडती

मुझे पाने के लिए सभी है लढती
लंड को मेरे प्रणाम है करती
देख के उसे अपने कपडे उतारती
मेरे सामने नंगा होकर है नाचती

उनकी चुत जानती है
मुझे क्या चाहिए
चुत अपनी मरवाना
काम यही एक सही है

जब कभी लंड मेरा
ज्याता है रूठ
चुतीया लडकिया
कहती है चल लवडे उठ
मुझे नही पडती फिर मारनी मुठ

अब मै गोलिया खाकर
चोदता हुं
सभी लडकयो को चुदाई के
मजे मै देता हुं

सभी लडकिया मुझसे
पटती नही है
बिन चुदवाये मुझसे
रहती नही है

नाम किसी और का लेती नही है
मेरे लंड के अलावा किसीको
सोचती नही है

उनकी आग मेरे शिवाय
बुझती नही है
चुत को अकेले रात
कटती नही है

मै जब अपना लंड
चुत मे डालता हुं
चुत नाप लेकर ही
बाहर निकालता हुं

लडकियो कि बाहो मे
झुम झुम झुमता हूं
दिन रात सारी रात
चोद चोद चौदता हुं

लंड मेरे कभी
आये ना मायुसी
कोई भी चुत कभी
रहे ना प्यासी

अच्छी नही लगती
कभी मुझे उदासी
चोदता हुं लडकियोंको
मै तो हंसी हंसी

जवान लौढी को मे
थुंक मार के चोदु
कामदेव का नाम लेकर
बिस्तर मे कुदूं

जवानी भी मेरी
बहोत निकल आई
चोद चोदकर लंबे मेरे
लंड कि सुबह निकल आई

और नही दोस्तों
मुझे कुछ कहना
नही जिंदगी मे कुछ
चुदाई के बिना

लडकिया भी चाहती है
लौंढों को पटाना
गांड मे अपनी उसका
लवडा डलवाना

odinchacha
odinchacha
252 Followers
Please rate this poem
The author would appreciate your feedback.
Share this Poem