एक नौजवान के कारनामे 009

Story Info
स्वपनदोष​.
1.1k words
4.4
199
00

Part 9 of the 278 part series

Updated 04/23/2024
Created 04/20/2021
Share this Story

Font Size

Default Font Size

Font Spacing

Default Font Spacing

Font Face

Default Font Face

Reading Theme

Default Theme (White)
You need to Log In or Sign Up to have your customization saved in your Literotica profile.
PUBLIC BETA

Note: You can change font size, font face, and turn on dark mode by clicking the "A" icon tab in the Story Info Box.

You can temporarily switch back to a Classic Literotica® experience during our ongoing public Beta testing. Please consider leaving feedback on issues you experience or suggest improvements.

Click here

पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

CHAPTER-2

एक युवा के अपने पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ कारनामे

मानवी-मेरी पड़ोसन

PART4

स्वपनदोष

पहली मंज़िल पर अब सिर्फ़ हम दोनों ही थे और अगली सुबह क़िस्मत ने मेरा साथ दिया। उस सुबह मैं जल्दी उठ गया और फिर जब मानवी भाभी ने मेरे घर के मुख्य प्रवेश द्वार खोलने के धक्का दिया और उसके खुलने की आवाज़ आयी और मैंने देखा कि मानवी भाभी मेरे बिस्तर के पास आ रही थी। मैंने तुरंत, गहरी नींद में होने का नाटक किया ताकि पता चले मुझे रोज़ स्वपन दोष क्यों हो रहा है। मैं नकली खर्राटे लेने लगा।

अगले कुछ ही सेकंड बाद मैंने लंड पर कुछ महसूस किया और मेरी अधखुली आँखों के कोने से, मैंने ध्यान से देखा कि मानवी भाभी के होंठ मेरे बड़े मोटे लंड के आस-पास तक फैले हुए थे उसके गर्म और नम मोटे होठों के बीच से मेरा लंड उसके मुँह के अंदर और बाहर हो रहा था हैं। क्योंकि मेरा लंड बहुत लंबा है (लगभग 8 इंच) और इसकी मोटाई के कारण जिसने मानवी का मुँह पूरा खुला हुआ था।

मैंने झूठे खर्राटे लेना शुरू कर दिया और मानवी के सिर को अपने दोनों हाथों से पकड़कर मेरे लंड की तरफ़ ज़ोर से दबा दिया। एक सेकंड के लिए, मानवी भाभी को लगा मैं जाग गया हूँ वह घबराई, पर लेटी रही, लेकिन फिर मेरे खर्राटे की आवाज़ सुन उसे एहसास हुआ कि मैं गहरी नींद में सपने देख रहा था और ये एक्शन भी मैंने सपना देखते हुए ही किया था। वह मुझे गहरी नींद में देख आश्वस्त हो गयी।

दो तीन दिन से ऐसा करते हुए वह अभ्यस्त हो गयी थी इसलिए बहुत जल्द उसने मेरे लंड को अपने मुँह से अन्दर-बाहर करते हुए एक अच्छी गति विकसित कर ली। उसने देखा कि मैं भी सपने में अपने लंड को उसके मुँह में अन्दर बाहर कर उसकी ताल से ताल मिला रहा था । वह साथ-साथ मेरे अंडकोषों को अपने हाथ से सहला रही थी और लंड को चूस रही थी।

उसके ऐसा करने से मेरा लंड पूरा कठोर हो गया और-और मेरे अंडकोषों पर मेरी पर त्वचा कस गयी। कुछ देर वह ऐसे ही चूसती रही और फिर मुझे लगा की मैंने अपने पैरों पर पूरी तरह से नियंत्रण खो दिया क्योंकि वे बुरी तरह से हिलने लगे थे। जिस तरह से मानवी भाभी मेरे लंड पर अपने सिर को घुमा कर अपनी जीभ घुमा-घुमा कर चूस रही थी उससे मेरा लंड का अगर भाग लंडमुंड बेहद संवेदनशील हो गया।

फिर मेरा लंड उसके मुँह में धँसने और फूलने लगा और फिर अचानक ही लंड ने पिचकारी मार दी, मोटे, अकड़े हुए मेरे लंड ने वीर्य को इतने वेग से निकाल दिया गया की वीर्य सीधा मानवी भाभी के गले पर पहुँच गया। गले में जा लगी पहली धार से उबरने की कोशिश करते समय उसे घुटन और खांसी हो गई और इसके कारण मेरा वीर्य उसकी नाक से बाहर आ गया। यह बिलकुल नाक से पानी निकलने जैसा था।

मैंने एक बार फिर भाभी का सर पकड़ लिया तो उसने एक सेकंड के लिए सोचा मैं उसका सर लंड से हटाने वाला हूँ। पर मेरा सोने का नाटक यथावत चालू था इसलिए अपने स्खलित हो रहे लंड को उसके मुँह से बाहर निकालने के लिए मैंने कुछ नहीं किया।

मानवी सोच रही थी आज से पहले तो मैंने कभी इतना वीर्य उत्सर्जित नहीं किया तो उसे समझ आया की आज से पहले तो केवल मेरे लंड से केवल उतसर्जन पूर्व चिकनाई ही निकली थी वीर्य तो आज ही निकला है और वह भी मोटी धार में इतना गाढ़ा। मुझे भी रोज़ हो रहे गीले सपनो का राज समझ आ गया था पर अभी ख़त्म नहीं हुआ था । वह पहले उत्सर्जन से उबर पाती इससे पहले ही लंड ने अगली धार मार दी और ये पहली से भी जोरदार थी।

इसी तरह, मानवी ने मेरी पिचकारी की अगली 2-3 शॉट को अपने मुँह ने लिया लेकिन यह अंतहीन लग रहा था। वह अपने हाथो से लंड को ज़ोर जोर से हिला रही थी। मैं बस उसके मुँह में वीर्य डाल रहा था।

मनवी को आखिरकार एहसास हुआ कि वह अब वीर्य निगलने लगी है। उसे वीर्य निगलने से कोई समस्या नहीं थी लेकिन यहाँ मेरा वीर्य इतना गाढ़ा और इतना ज़्यादा था कि उसे निगलना उसके लिए लगभग असंभव था। आखिरकार उसने नली को टटोलते हुए अपने सिर को इस तरह से मोड़ा की उसके मुँह से लंड की नली जहाँ खुलती है वह उसके मुँह से बाहर हो गया और फिर मैंने तीन चार शॉट और मारे, पहला उसकी आँख में सीधे गया उसके छींटे गाल पर पड़े और मेरा वीर्य उसकी आँखों नाक बालो और गालो पर फ़ैल गया। फिर मेरे लंड ने शुक्राणु को पंप करना बंद कर दिया।

मैंने भी उसका सर छोड़ दिया और मानवी तुरंत इस डर से उठी कि मैं किसी भी समय जाग सकता हूँ और फिर उसके चेहरे पर और उसके मुंह में शुक्राणु डेल्ह लूँगा। मेरा गाढ़ा वीर्य उसके लिए निगलना असंभव था। यह उसके गले में ही रह गया ठगा। यह उसके पूरे जीवन में सबसे रोमांचक अनुभवों में से एक था क्योंकि उसने मेरे स्खलन का आनंद लिया था l

मुझे जगाने से पहले मनवी बाथरूम में भाग गई। मेरे गधा वीर्य उसके चेहरे पर फैला हुआ था और ऐसा चेहरा ऐसा लग रहा था जैसे उसके मुँह पर गोंड की शीशी गिर गयी हो और उसके बालो पर मेरा वीर्य सूख गया था और उसके बाल कड़े और नुकीले हो गयी थे। उसके मेरे वीर्य का हल्का नमकीन स्वाद पसंद आया था। उसका मुँह मेरे वीर्य से सना और भरा हुआ था जिसे वह निगल नहीं पा रही थी उसे लगा जैसे वह सुबह के बाक़ी समय में भी अपना गला साफ़ नहीं कर पाएगी। यह उसे अभी भी उसे चकित कर रहा था कि मैंने कितना ज़्यादा वीर्य छोड़ा और मेरा वीर्य कितना गाढ़ा था।

उसने किसी तरह ख़ुद को साफ़ किया और फिर उसने मुझे उठाया l मैं उस सुबह रहस्यमय तरीके से बहुत खुश और मुस्कुरा रहा था।

" रात को फिर स्वपनदोष हो गया,

तुम्हारी भी इज़्ज़त रह गयी,

हमारा भी काम हो गयाl ll"

अगले दिन, जो दूसरा शनिवार था, एक छुट्टी का दिन, इसलिए मैं अपने फ़्लैट में रहा। मंज़िल पूरी तरह से सुनसान थी। प्रवेशद्वार ग्रिल में सुरक्षित रूप से बंद था। हम दो हमारे सम्बंधित फ्लैटों में रहने वाले बाशिंदे थे।

मानवी सुबह की चाय ले कर आई और मैंने फिर से गहरी नींद में सोने का नाटक किया और उसने मेरे लंड को चूसा और मैंने इनाम के तौर पर उसे शुक्राणु की क्रीम दी। उसके बाद में मैं इत्मीनान से अपने बिस्तर पर लेट गया क्योंकि उस दिन छुट्टी थी। मानवी भाभी अपने फ़्लैट में थी। अचानक, मुझे कॉफ़ी लेने की इच्छा हुई; मैं अपने फ़्लैट से बाहर आया और मानवी के घर के दरवाजे को खटखटायाl

कहानी जारी रहेगी...

दीपक कुमार

Please rate this story
The author would appreciate your feedback.
  • COMMENTS
Anonymous
Our Comments Policy is available in the Lit FAQ
Post as:
Anonymous
Share this Story

Similar Stories

For One Night Only He is hers for one night only.in Romance
The Belladonna Sisters Ch. 01 Stunning BBW twin sisters move in across the street.in Fetish
Str8 Sex to be near Gay Dream Ch. 01 A closeted gay teen has straight sex to be near his crush.in First Time
The Catch-Up Ch. 01 High school ends and it's time for a quiet nerd to catch up.in Erotic Couplings
Quaranteam Ch. 01-10 A pandemic survivor accidentally forms a harem.in Group Sex
More Stories