पंडित जी और भोली विधवा 03

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शीला का शृंगार
1k words
3.96
299
00

Part 3 of the 3 part series

Updated 06/10/2023
Created 05/11/2021
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पंडित: इतनी चमकीलीl जीवन से भारीl प्यार बिखेरती, कोई भी इन आँखों से मंत्र-मुग्ध हो जाएl

शीला शरमाती रहीl कुछ बोली नहींl थोडा मुस्कुरा रही थीl उसे अच्छा लग रहा थाl

आई-लाइनर लगाने के बाद अब गालों पर रूज़ लगाने की बारी आईl

पंडित ने शीला के गालों पर रूज़ लगाते हुए कहाl

पंडित: शीलाl एक बात कहूँ?

शीला: जीl कहिए पंडितजीl

पंडित: तुम्हारे गाल कितने कोमल हैं, जैसे कि मखमल के बने होl इन पर कुछ लगाती हो क्या?

शीला: नहीं पंडितजी, अब शृंगार नहीं करतीl केवल नहाते वक़्त साबुन लगती हूँl

पंडित शीला के गालों पर हाथ फेरने लगाl

शीला शर्मा रही थीl

पंडित: शीलाl तुम्हारे गाल छूने में इतने अच्छे हैं कीl इन्हेंl इन्हेंl

शीला: इन्हें क्या पंडितजी?

पंडित: इन गालों का चुंबन लेने को दिल करेl

शीला शर्मा गयीl थोडा-सा मुस्कुराई भीl अंदर से उससे बहुत अच्छा लग रहा थाl

पंडित: और एक बार चुंबन ले तो छोड़ने का दिल ना करेl

गालों पर रूज़ लगाने के बाद अब लिप्स की बारी आईl

पंडित: शीलाl होंठ सामने करोl

शीला ने लिप्स सामने करेl

पंडित: मेरे ख़याल से तुम्हारे होंठो पर गाड़ा लाल (डार्क रेड) रंग बहुत अच्छा लगेगाl

पंडित ने शीला के होंठो पर लिपस्टिक लगानी शुरू कीl शीला ने शरम से आँखें बंद कर रखी थीl

पंडित: शीलाl तुम लिपस्टिक होंठ बंद करके लगाती हो क्याl थोड़े होंठ खोलोl

शीला ने होंठ खोले, ।पंडित ने एक हाथ से शीला की ठोड़ी पकड़ी और दूसरे हाथ से लिपस्टिक लगाने लगाl

पंडित: अति सुंदर!

शीला: क्या पंडितजीl

पंडित: तुम्हारे होंठ! कितने आकर्षक हैं तुम्हारे होंठ l क्या बनावट है, कितने भरे-भरे कितने गुलाबीl

शीला: आप मज़ाक कर रहे हैं पंडितजीl

पंडित: नहींl क़सम से l तुम्हारे होंठ किसी को भी आकर्षित कर सकते हैं l तुम्हारे होंठ देख कर तो कामदेव भी ललचा जाए, ।तुम्हारे होंठो का सेवन करे, तुम्हारे होंठो की मदिरा पीए!

शीला अंदर से मरी जा रही थीl उससे बहुत ही अच्छा फील हो रहा थाl

पंडित: एक बात पूछूँ?

शीला: पूछिए पंडितजीl

पंडित: क्या तुम्हारे होंठो का सेवन किसी ने किया है आज तकl

शीला यह सुनते ही बहुत शरमा गयीl

शीला: एक दो बारl मेरे पति नेl

पंडित: केवल एक दो बारl

शीला: वह ज़्यादातर बाहर रहते थे l

पंडित: तुम्हारे पति के अलावा और किसी ने नहींl

शीला: कैसी बातें कर रहें हैं पंडितजीl पति के अलावा और कौन कर सकता हैl क्या वह पाप नहीं हैl

पंडित: यदि विवश हो के किया जाए तो पाप है, वरना नहीं l लेकिन तुम्हारे होंठो का सेवन बहुत आनंदमयी होगा, ।ऐसे होंठो का रस जिसने नहीं पियाl उसका जीवन अधूरा हैl

शीला अंदर ही अंदर ख़ुशी से पागल हुई जा रही थी, अपनी इतनी तारीफ़ उसने पहले बार सुनने को मिल रही थीl

फिर पंडित ने हेयर ड्रायर निकालाl

अब पंडित ड्रायर से शीला के बॉल सुखाने लगाl शीला के बॉल बहुत लंबे थे l

पंडित: शीला झूट नहीं बोल रहाl लेकिन तुम्हारे बॉल इतने लंबे और घने हैं कि कोई भी इनमें खो जाएँगेl

उसने शीला का हेर-स्टाइल चेंज कर दियाl उसके बॉल बहुत फ्लफी हो गयेl

आई-लाइनर, रूज़, लिपस्टिक और ड्रायर लगाने के बाद पंडित ने शीला को शीशा दिखायाl

शीला को यक़ीन ही नहीं हुआ की वह भी इतनी सुंदर दिख सकती हैl

पंडित ने वाकई शीला का बहुत अच्छा मेक-अप किया थाl

ऐसा मेकप देख कर शीला ख़ुद को सेन्सुअस फील करने लगीl

उससे पता ना था कि वह भी इतनी एरॉटिक लग सकती हैl

पंडित: मैने तुम्हारे लिए ख़ास जड़ीबूटियों का तेल बनाया हैl इससे तुम्हारी त्वचा में निखार आएगाl तुम्हारी त्वचा बहुत मुलायम हो जाएगी, तुम अपने बदन पर कौनसा तेल लगाती हो?

शीला 'बदन' का नाम सुन के थोडा शर्मा गयी, सेन्सुअल तो वह पहले ही फील कर रही थीl 'बदन' का नाम सुनके वह और ज़्यादा फील करने लगीl

शीला: जीl मैं बदन पर कोई तेल नहीं लगातीl

पंडित: चलो कोई नहीं, अब ज़रा घुटनो के बल खड़ी हो जाओl

शीला घुटनो के बल खड़ी हो गयी l

पंडित: मैं तुम पर तेल लगाऊंगा l लज्जा ना करनाl

शीला: जी पंडितजीl

शीला ब्लाउस-पेटिकोट में घुटनो पर थी।

पंडित भी घुटनो पर हो गयाl

शीला के पेट पर तेल लगाने लगाl

अब वह शीला के पीछे आ गयाl और शीला की पीठ और कमर पर तेल लगाने लगाl

पंडित: शीला तुम्हारी कमर कितनी लचीली हैl तेल के बिना भी कितनी चिकनी लगती हैl

पंडित शीला के बिल्कुल पीछे आ गयाl दोनों घुटनो पर थे l

शीला के हिप्स और पंडित के लंड मैं मुश्किल से 1 इंच का फ़ासला थाl

पंडित पीछे से ही शीला के पेट पर तेल लगाने लगाl

वो उसके पेट पर लंबे-लंबे हाथ फेर रहा थाl

पंडित: शीलाl तुम्हारा बदन तो रेशमी हैl तुम्हारे पेट को हाथ लगाने में कितना आनद आता हैl ऐसा लग रहा है कि शनील की रज़ाई पर हाथ चला रहा हूँl

पंडित पीछे से शीला के और पास आ गयाl उसका लंड शीला की हिप्स को जस्ट टच कर रहा थाl

पंडित शीला की नेवेल में उंगली घुमाने का लगाl

पंडित: तुम्हारी धुन्नी कितनी चिकनी और गहरी हैl जानती हो यदि कामदेव ने ऐसी धुन्नी देख ली तो वह क्या करेगा?

शीला: क्या पंडितजी.?

पंडित: सीधा तुम्हारी धुन्नी में अपनी जीभ डाले रखेगा, इसे चूसता और चाटता रहेगा l

यह सुन कर शीला मुस्कुराने लगी, शायद हर लड़की / नारी को अपनी तारीफ़ सुनना अच्छा लगता हैl चाहे तारीफ़ झूटी ही क्यूँ ना होl

पंडित एक हाथ शीला के पेट पर फेर रहा थाl और दूसरे हाथ की उंगली शीला की नेवेल में घूमा रहा थाl

शीला के पेट पर लंबे-लंबे हाथ मारते वक़्त पंडित दो तीन उंगलिया शीला के ब्लाउस के अंदर भी ले जाताl

तीन चार बार उसकी उंगलियाँ शीला के बूब्स के बॉटम को टच कर गयी l

शीला गरम होती जा रही थीl

पंडित: शीलाl अब हम आखरी चरण मैं है, कुछ आसन हैंl

शीला: आसनl कैसे आसन पंडितजी?

पंडित: अपने शरीर को शुद्ध करने के पश्चात जो स्त्री वह आसन लेती है, देवता उससे सदा के लिए प्रसन्न हो जाता हैl लेकिन यह आसन तुम्हें एक पंडित के साथ लेने होंगेl परंतु हो सकता है मेरे साथ आसन लेने में तुम्हें लज्जा आएl

कहानी जारी रहेगी

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