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Click hereपड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे
CHAPTER-5
रुपाली-मेरी पड़ोसन
PART-23
सुपर संडे-शाही हर्बल तेल से मालिश
कुछ देर बाद दरवाजे पर दस्तक हुई तो हम मुश्किल से अपने आप को ठीक कर पाए. ईशा बेड पर बिछी हुई चादर में घुस गयी और मैंने दरवाजे को तौलिया लपेट कर खोल दिया, दरवाजे पर और ब्यूटी पारलर वाली हेमा और रीती थी उनके हाथ में एक बैग था और दोनों अंदर आ गए। तो हेमा और रीती ने ईशा और मुझे बधाई दी मैंने उन दौड़ने का शुक्रिया अदा किया और पुछा अभी तो 3. ही बजे हैं आप दोनों थोड़ा जल्दी आ गयी हैं।
तो हेमा बोली हम इसी उहोपोह में थे त्यार होकर कैसे जाए होटल में हमे देखकर लोग क्या सोचेंगे। मैंने कहा वह तो अब भी सोच सकते हैं तो हेमा बोली अब तो हम ब्यूटिशियन के तौर पर आयी हैं अगर दुल्हन बन कर आती तो पक्का लोग शक करते।
हम सामान ले आयी अब यही त्यार हो जाएंगी तो ईशा बोली उसका शरीर बहुत दर्द कर रहा है मैंने उसे बाहर रगड़-रगड़ कर छोड़ा है। उसका अंग-अंग दर्द हो रहा है तो हेमा बोली ठीक है पहले आप दोनों की मालिश कर देते हैं।
हालांकि मेरा लण्ड टॉवल में नीचे की ओर दबा हुआ था फिर भी लण्ड ने टॉवल को पूरा ऊपर उठाने की कोशिश कर रखी थी।
हेमा ने मेरे लण्ड के उभार को नोटिस कर लिया था। हेमा ने टॉवल की गांठ को तुरंत निकाल कर ढीला कर दिया।
मेरे लण्ड ने एकदम टॉवल को झटके से नीचे गिरा दिया और मेरा 9 इंच लम्बा-मोटा लण्ड लहरा कर बाहर निकल कर झटके खाने लगा।
हेमा ने लण्ड को देखा तो शर्म से अपनी बाजू से अपनी आंखें ढक लीं और एक हाथ से टॉवल को लण्ड पर डालते हुए बोली-कुमार सर, आपने अंडरवियर भी निकाल रखा है?
मैं कुछ नहीं बोला और लण्ड को टॉवल से ढकने की कोशिश करने लगा।
लेकिन टॉवल छोटा पड़ने लगा क्योंकि लण्ड ऊपर को तन चुका था।
फिर हेमा बोली ये अंग ढके रहने और नमी के कारण यहाँ की खाल बहुत नाज़ुक होती है जो ये तेज़ मालिश सहन नहीं कर सकती। यदि यहाँ की मालिश करनी हो तो नारियल का तेल काम में लेना चाहिए और नीचे जड़ से ऊपर की ओर इस तरह से मालिश करो ये कह कर उन्होंने अपनी मुट्ठी में मेरे लण्ड की जड़ से पकड़ कर हौले से ऊपर की ओर लाते हुए बताया इस तरह से मालिश करनी है और बहुत ज़्यादा ज़ोर से नहीं दबाना। लण्ड ब्लड के ज़्यादा पम्पिंग होने से कठोर होता है, इस समय लण्ड से शरीर को जाने वाला ब्लड धीमे हो जाता है और पम्पिंग से आने वाला ब्लड बढ़ जाता है। बहुत ज़ोर से दबा कर मालिश करने से लण्ड के ऊतकों को नुक्सान हो सकता है और लण्ड की कठोरता कम हो सकती है।
वो बोली-रुको! मैं आती हूँ ऐसे ही रहना। मैं खड़ा रहा, हेमा ज़रा देर में वापस आई तो तीन चीजें उनके हाथ में थी--नारियल तेल की बोतल, एक हरे रंग के तेल की शीशी और एक पारदर्शी छोटी बोतल जिसमे सुनहरे रंग का कुछ तरल था।
मेरे पास आकर उन्होंने ये सारा सामान मेज़ पर रखा और हाथ पर नारियल का तेल अपनी ऊँगली पर लगाई और मेरे लण्ड के सुपाडे की खाल पीछे करके लण्ड के सुपाडे पर मलने लगी। मल-मल कर दवा को उन्होंने पूरा सुखा दिया। अब बोली सर देखिये तेल की मालिश ऐसे करनी है।
मैं ने कहा कि आप मेरा नाम दीपक है आप दीपक ही बोलिए बहुत अच्छा लगेगा। वह बोली मैं आपका नाम नहीं ले सकती मैं आपको कुमार सर बोलूंगी। मैं सोचने लगा इसे मेरा नाम लेने में क्या आपाती है। इससे पहले उससे पूछता वह बोली आप मुझे हेमा बोलिए. उन्होंने अपने हाथ पर नारियल का तेल उंडेला और मेरे लण्ड पर अपने बताये तरीके से जड़ की तरफ़ से सुपाडे की तरफ़ लाते हुए मालिश करनी शुरू की।
वह मेरे ऊपर झुककर अपने हाथों से मालिश करने लगी।
हेमा के हाथ छूते ही मेरा लण्ड टाइट हो गया।
वह मेरे ऊपर झुक कर मेरी छाती, कंधों और बाजुओं पर अपने नर्म हाथों को फिराने लगी।
जब वह दूसरी साइड के कंधों पर हाथ बढ़ाती थी तो उसके बड़े सुडोल और गोल मम्मे मेरी छाती से टच हो जाते थे।
हम दोनों की साँसें तेज होने लगीं, मेरी छाती पर थोड़ा हाथ मसलने के बाद हेमा मेरे पाँव की मसाज करने लगी।
उधर रीती ने सुगंधित तेल की बोतल खोलकर थोड़ा तेल अपनी हथेली में डाल लिया।
रीती: मैडम मैं आपके बालों से शुरू करूँगी आप अपना जूड़ा खोलकर बाल पीठ में फैला दो।
ईशा ने अपने लंबे बाल खोल दिए. रीती ने बालों वाला तेल बालों में लगाना शुरू किया और वास्तव में उस तेल की सुगंध मदहोश करने वाली थी। ईशा ने गहरी साँस ली और मुझे भी उस ख़ुशबू से अच्छा महसूस हो रहा था।
रीती--मैडम, आपके बाल बहुत अच्छे हैं।
ईशा ने कोई जवाब नहीं दिया।
पूरे कमरे में तेल की सुगंध फैल गयी थी। रीती ने सावधानी से ईशा के सर में तेल लगाया और फिर अपनी अंगुलियों से ईशा के लंबे बालों में लगाया।
तभी रीती के घुटने ईशा के गोल नितंबों से छू गये, ईशा के बदन में इससे कंपकपी-सी दौड़ गयी।
कुछ ही देर में ईशा के सर की मालिश ख़त्म होने को आई थी।
और जैसे ही हेमा का हाथ मेरे पट पर मसाज करता हुआ मेरी जांघ की ओर बढ़ा उसी वक़्त मैंने लण्ड को थोड़ा झटका दिया, मेरे दिल ने ज़ोर से धड़कना शुरू कर दिया।
मैंने पुछा ये कौन-सा तेल है इस्सकी ख़ुशबू बड़ी ही अच्छी है।
हेमा बोली ये शाही हर्बल तेल हिमालय में हमारे गुरूजी जड़ी बूटियों से ख़ुद बनाते हैं और ये आपकी सारी थकान कुछ ही क्षणों में मिटा देगा। तो मैंने बोला फिर तो तुम कुछ शाही हर्बल तेल मंगवा देना तो वह बोली ये तो आपको मिल ही जाएगा
मुझे समझ नहीं आया कैसे मिल जाएगा मैं कुछ पूछता उससे पहले ही हेमा में अपना हाथ मेरे तपते लण्ड पर रख दिया।
हेमा ने एक हाथ की कोहनी से अपनी आंखें बंद किये-किये मेरा लण्ड पकड़े रखा और उसे ऊपर नीचे करने लगी। मैं उसे देखता हुआ अपने लंड की मालिश करवा रहा था।
कहानी जारी रहेगी
दीपक कुमार