अंतरंग हमसफ़र भाग 052

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नकली गुस्सा असली प्यार.
2k words
5
218
00

Part 52 of the 343 part series

Updated 04/29/2024
Created 09/13/2020
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अंतरंग हमसफ़र भाग 51 में पढ़ा:

कुछ देर बाद लिली ने मुझ से पूछा-अब आगे का क्या इरादा है?

मैं उसे किश करते हुए नाक से नाक रगड़ते हुए बोला-बस मेरी जान! चुदाई और सिर्फ़ चुदाई! लिली मेरी जान, मैं अपने लंड को अब अगले पांच दिन तक तुम्हारी और हुमा की चूत के अन्दर घिसना चाहता हूँ। लेकिन उसके अलावा और कोई ख़्वाहिश हो तो बताओ!

आपने मेरी कहानी " अंतरंग हमसफ़र-- 1 से 51" में अब तक पढ़ा:

मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।

उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। अचानक वह दर्द से चिल्लाने लगी और बोली, मेरे पैरों में ऐंठन आ गयी है। मैंने उसके गाउन को ऊपर उठाते हुए और उसकी प्यारी पिंडलियों को अपने हाथों से सहलाया, और नरम और गुलाबी त्वचा पर चुंबन कर दिया। उसके अतुलनीय अंग अनुपम रूप से सुशोभित थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।

लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया अब मेरा लंड लिली की कुंवारी चूत के बिल्कुल सामने था। उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया, जबकि उस समय मैं भी उसकी स्वादिष्ट योनी में घुसने के लिए उतना ही उत्सुक तेज़ था। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा । मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।

कुछ देर बाद मैं उठा तो मैंने देखा हुमा भी नींद की आगोश में थी और पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने नहीं ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया। हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी।

अब आगे:-

हुमा मेरे साथ चिपकी हुई मुझे किश करने लगी और रुआंसे से स्वर में कहने लगी-दीपक आई मिस यू! आई लव यू!

वो प्यार की भाषा बोले जा रही थीl मैं भी उसे किश करता रहाl

उसने मुझे बहुत देर तक हग किया और फिर अलग हुएl

ये सब ख़त्म करने के बाद मैं और हुमा चिपक कर बात कर ही रहे थे कि तभी दरवाजे पर दस्तक हुईl हुमा ने उठ कर दरवाज़ा खोला, तो लिली किचन में चाय पानी और कुछ नाश्ता ले कर आ गईl

नाश्ता करने के बाद लिली बर्तन इत्यादि ले कर चली गयी l

तो मैंने उससे पुछा हुमा तुम यहाँ कैसे पहुँची?

तो बो बोली जब आपको आपके फूफा जी में फ़ोन पर सन्देश भेजा था और यहाँ का पता बताया था तो मैंने पढ़ लिया था और जब आप बोलो मुझे जाना होगा तो मैंने सोचा क्यों न इसमें थोड़ा रोमांचा जोड़ा जाए इसलिए मैंने आपसे नाराज होने का नाटक किया और टैक्सी बुला कर यहाँ चली आयी और मैंने लिली को पूरी बात बतायी तो उसने आगे का सब प्लान ख़ुद बना लिया ।

मैं भी नकली गुस्सा करते हुए बोलै तुम्हे पता नहीं है और मुझे कितना बुरा लगा था मैंने अपने कपड़े पहने और जाने के लिए तैयार हो गया।

हुमा ने मुझे अपने और खींचा और मुझ पर टूट पड़ीl वह मेरे गाल, नाक, मुँह, सब जगह चूमने लगी और रोने लगीl

मैं थोड़ा नाटक करते हुए बाहर निकला और भी वही थोड़ी दूर बगीचे में थोड़ी सैर करने चला गया और कुछ देर घूमने के बाद सिगरेट पी कर वापस आ गयाl तब तक हुमा ने फ़ोन पर मुझे देर सारे सॉरी के SMS.भेज डाले

जब मैं वापिस आया तो वहाँ हुमा अकेली बैठी थी

हुमा ऐसे ही नंगी उठकर उसके करीब आई और मुझसे लिपट कर बोली-" आई एम सॉरी...तुम गुस्सा मत मानो बस... मैंने तो बीएस मजे के लिए किया था... आई ऍम सॉरी प्रोमिस, आज के बाद तुम्हे कभी ऐसे नहीं सताऊँगी पर तुम नाराज़ मत होना... कहते हुए हुमा ने मेरे लंड को पेंट के उपर से पकड़ कर ज़ोर से दबा दिया।

हुमा ने-ने इशारा किया और लिली भी दौड़कर मेरे से आकर लिपट गयी...अपनी दोनों बाहों में 2 गरमा गरम लड़कियों को-को दबोचकर मेरा सारा नकली गुस्सा फुर्र हो गया...

मैंने एक के बाद एक दोनों को अच्छी तरह से स्मूच किया।

उसने एक के बाद एक दोनों को अच्छी तरह से स्मूच किया।

जैसे ही मैंने हुमा की गांड पर हाथ रखकर उसे अपनी तरफ़ उचकाया, वो किसी बंदरिया की तरह उछलकर मेरे से लिपट गयी...उन दोने में से हुमा छोटी थी और छोटी होने के साथ वह काफ़ी हल्की

भी थी...शायद उसका वज़न 50 के भी कम था...

उसने अपनी नंगी बॉडी को मेरे जिस्म से बुरी तरह से मसल दिया और उपर उछलकर अपने आतुर होंठों को मेरे गर्म होंठों पर रखकर एक गहरे चुंबन में डूब गयी।

मेरे लिए ये स्मूच एक यादगार लम्हा बनकर रह गया, और उसे किस्स करके पता चला हॉटनेस में वह अच्छे-अच्छों को पीछे छोड़ सकती थीl उसके किस्स करने का तरीक़ा ही ऐसा था, सबसे निराला, अपनी जीभ और होंठों को पूरी तरह से गीला करके वह मेरे होंठों को नहला रही थीl

मेरे दूसरे हाथ में लिली थी, वरना मैं उस समय हुमा के स्तनों को नींबू की तरह निचोड़ चुका होता अब तकl

हम दोनों को ऐसे स्मूच करता देखकर लिली ने हुमा को टोका-"अब बस करो हुमा! खा जाएगी क्या दीपक को!"

हुमा मेरी गोद में चढ़कर वह मेरी कमर पर अपनी चूत भी रगड़ रही थी...

कुछ देर के बाद हुमा उठी और मेरी पेण्ट को खोल दिया और मेरे लंड को खड़ा देख कर उसके ऊपर बैठने की कोशिश करने लगी।

मैंने भी उसको घोड़ी बनाया और अपना खड़ा लंड उसकी चूत में पीछे से डाल दिया। उसकी चूत बहुत ही टाइट लगी मुझको और लंड बड़ी मुश्किल से अंदर जा रहा था।

लंड के घुसते ही चूत में बहुत गीलापन आना शुरू हो गया और फिर मैंने कभी तेज़ और कभी आहिस्ता धक्के मार कर हुमा का पानी जल्दी ही छूटा दिया और वह कई क्षण मुझ से लिपटी रही।

फिर मैंने लिली को उठा कर अपने सीने से लगाया। उसकी काफ़ी तारीफ की, उसके सैक्सी जिस्म की काफ़ी तारीफ की। फिर मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रखे। वाकय उसके होंठ बहुत ही नरम और गुलाब की तरह थे। मैंने उसके होंठ चूसना शुरू किया। उसके बाद उसके होंठों को एक प्यासे बच्चे की तरह चूसने लगा।

लिली भी किसिंग में बहुत एक्सपर्ट लगती थी। उसने इस तरीके से मेरे होंठ चूसना शुरू किया कि मैं बहुत इंजॉय कर रहा था। उसके बाद हमारी ज़ुबानें एक दूसरे के मुँह में थीं। मैं उसके मुँह का ज़ायका चख रहा था और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। साथ-साथ मेरा हाथ उसके बूब्स पर गया।

मैंने उसके मम्मे दबाना शुरू किया और लिली को भी मज़ा आने लगा। उसके बाद मैंने उसके एक मम्मे को मुँह में लिया और उसको चूसने लगा। मेरी हालत एक भूखे बच्चे की तरह थी। मैंने एक मम्मे को मुँह में लिया था और दूसरे को हाथ से मल रहा था। वह बहुत ही गरम हो रही थी और मैं लगातार उसके मम्मे एक के बाद दूसरे को चूस रहा था। उसने मेरे सिर को अपनी चूचियों के साथ लगा कर रखा था और आँखें बंद की थीं। उसने मेरे जिस्म पर हाथ फेरना शुरू किया और जब उस का हाथ मेरे लंड पर पहुँचा और उसने मेरा लंबा कठोर लंड अपने मुलायम और नाज़ुक हाथों में काबू किया और मैं अभी तक कभी उसके मम्मे चूस रहा था और कभी उसके लिप्स को चूसता।

उसके साथ ही मैं अपना हाथ उसकी चूत पर ले कर गया और वह मुकम्मल गीली हो गयी थी। मैंने उसके जिस्म को किस करना शुरू किया।

मैंने उसके एक-एक हिस्से को किसिंग करना और चाटना शुरू किया। उसकी गर्दन से होता हुआ उसके प्यारे से पेट पर गया, फिर उसकी चूत की ऊपरी जगह को किस करने और चाटने लगा। बेशक वह बहुत साफ़ सुथरी लड़की थी। उसने ताज़ा-ताज़ा पहले बार चुदी हुई चूत पिंकिश थी। फिर मैंने उसकी चूत पर किस की और आहिस्ता-आहिस्ता उसकी चूत पर ज़ुबान फेरने लगा। लिली को भी काफ़ी मज़ा आ रहा था।

मुझे बहुत ही मज़ा आया क्योंकि उसकी चूत बहुत साफ़-सुथरी और सुंदर थी सो मैंने काफ़ी देर उसकी चूत चाटने में लगायी। वह बहुत गरम हो गयी थी और टाँगें मार रही थी मगर मैं उसको पूरा मज़ा देना चाहता था। चूत चाटते-चाटते वह डिसचार्ज हो गयी और मैं उसको पूरा चाट गया मगर जब उसकी चूत की हालत देखी तो उस वक़्त वह गुलाबी हो रही थी, इसलिये मैंने मुकम्मल तरीके से उसकी चूत को चाटा।

इस दौरान वह मेरे लंड के साथ खेल रही थी सो मैंने उसको चूसने के लिये कहा। वह अब एक एक्सपर्ट की तरह मेरे लंड को सोफ्टी तो तरह चाटते हुए चूसने लगी। मेरा लंड पूरा तन चुका था तो कुछ देर बाद मैंने लंड उसके मुँह से निकाला और उसकी टाँगों के बीच में रखा। फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुँह पर रखा और आहिस्ता-आहिस्ता अंदर डालने लगा। उसकी चूत अभी भी काफ़ी टाइट थी।

मैंने धीरे-धीरे एक एक इंच करते हुए पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया और आगे पीछे करने लगा। मैंने उसकी टाँगें उठायी हुई थीं और अपना लंड उसकी चूत में डाला हुआ था। लिली की आँखें बंद थीं और वह भरपूर मज़ा ले रही थी। कुछ देर बाद मैं डिसचार्ज होने लगा और मुझे ये डर था कि अगर मैं अंदर डिसचार्ज हो जाऊँगा तो ये प्रेगनेंट हो जायेगी। सो मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसकी पेट पर डिसचार्ज हो गया।

जब उसने मुझे बाहर डिसचार्ज होते देखा तो मुझसे पूछा कि लंड बाहर क्यों निकाला है? मैंने यही जवाब दिया कि मैं उसको प्रेगनेंट नहीं करना चाहता। इस पर उसने मुझे सीने से लगा कर बहुत किस किया और मेरी इस बात पर खुश हुई और कहा कि अब आगे कभी बाहर नहीं डिसचार्ज होना मैं दवाई ले लूंगी ।

फिर हम तीनों ने रात का खाना खाया मैंने उस रात हुमा और लिली को आठ बार अलग-अलग स्टाईल से चोदा। मुझे उनके साथ हर बार एक नया ही मज़ा आया।

जारी रहेगी

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