एक नौजवान के कारनामे 079

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वृद्ध से एक और मुलाकात.
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Part 79 of the 278 part series

Updated 04/23/2024
Created 04/20/2021
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART10

वृद्ध से एक और मुलाकात ​

मैंने नीचे देखा, मेरा लंड भी बड़ा लग रहा था। मेरा लिंग उस समय कठोर नहीं था इसलिए यह जानने का कोई तरीक़ा नहीं था कि यह कितना बड़ा था, लेकिन मैं निश्चित रूप से प्रसन्न था। फिर मैंने अपनी जांघों को देखा, वे भी एक एथलीट के जैसे अधिक मांसल और मज़बूत हो गयी थी। मैं बस कुछ पल के लिए आईने में अपनी छवि को विस्मय से देखता रहा और फिर मैंने उस अंगूठी को देखा।

और मुझे रूबी, रोजी, मोना और टीना की याद आयी और मैंने सोचा उन्हें भी यहाँ बुला लेना चाहिए...और मैंने उस अंगूठी की तरफ़ देखा तभी वह अंगूठी मेरी ऊँगली में ही समा गयी इस तरह से जैसे कभी कोई अंगूठी हो ही ना... मैंने अपने हाथ को कई बार देखा मैं सोचने लगा मैं कोई सपना तो नहीं देख रहा था।

फिर दिमाग़ में पूरे दिन में हुई घटनाएँ एक फ़िल्म की तरह चलने लगी और जब मैं हॉस्पिटल में था और मैंने नर्स को बोला था: ये जीवन रक्षक दवाये आप इन वृद्ध को 2-2 घंटो बाद दे-दे। मुझे लगता है ये शीघ्र ही स्वस्थ हो जायेगे। मैं इन्हे जल्द ही दुबारा देखने आऊँगा " वहाँ आकर रुक गया।

मुझे ध्यान आया की उस समय मैं थोड़ी ही दावाये ले कर गया था और मैंने जो दवा उनके लिए दी थी अब वह भी ख़त्म हो चुकी होगी और मुझे उन वृद्ध का हाल चाल पता करना चाहिए। आईने पर वृद्ध की छवि गायब हो गयी। तभी बाहर से मेरी अंगरक्षक मरीना की आवाज़ आयी। कुमार आपके लिए फ़ोन है। मैंने तौलिया लपेटा और बाहर निकल आया तो हॉस्पिटल से फ़ोन था। उन्होंने बताया की वृद्ध जिन्हे मई आज हॉस्पिटल में लाया था उनका नाम हीरा है।

मुझे लगा आज जो हुआ वों सपना नहीं हक़ीक़त है। पर उस अंगूठी का इस तरह गायब हो जाना मेरे लिए एक अनभूझि हुई पहेली था। वहाँ से उसी नर्स की आवाज़ आयी, उन वृद्ध का परिवार आ गया है। उनकी हालत पहले से बेहतर है और वह बेहोशी से बाहर आने पर बार-बार आपका नाम ले रहे है, हालाँकि ये बहुत असुविधाजनक होगा परन्तु क्या आप इस समय हॉस्पिटल में आ सकते हैं? आपके आने से शायद उन्हें आराम मिले।

मैंने तुरंत हॉस्पिटल जाने का निर्णय किया कपडे पहने और अपना दावाओ वाला बैग लेकर मरीना को साथ ले हॉस्पिटल चला गया। ICU. के बाहर कुछ महिलाये और लड़किया बैठी हुई थी जिनके कपडे पहनने का ढंग बाबा के जैसे थे और सब युवा और सुन्दर थी और मेरे मन उनकी तरफ़ आकर्षित हुआ और मेरे मन में बस इतना ही विचार आया। ओह सेक्सी!

हॉस्पिटल में मुझे बाबा के पास ले जाया गया। तो ड्यूटी नर्स ने मुझे बताया आपकी दी हुई दवाओं का उनपे बहुत अच्छा असर हुआ है। इनके घाव बहुत जल्दी भर रहे हैं। लेकिन इनका शरीर कमजोर हो गया है। आपने जो दवा दी थी वह ख़तम हो गयी है और इन्हे बीच में जब भी होश आता है तो ये आपका नाम पुकारते हैं और बहुत बेचैन हो जाते है।

मैंने बाबा के चेहरे पर तनाव देखा और जैसे ही उनके हाथ को छुआ तो फिर मुझे मेरे जहन में वही आवाज़ सुनाई दी। अच्छा हुआ दीपक आप आ गए!

मैंने मन में सोचा बाबा से पूछू बाबा वह अनूठी तो मेरी ऊँगली में ही समै गयी है ये क्या है। बाबा की आवाज़ फिर जहन में आयी, वह अंगूठी जब तुम चाहोगे किसी को देना तभी उतार सकोगे और तभी नज़र आएगी। वह अंगूठी अब तुम्हारे अंदर समा गयी है। इसका मतलब है अब तुम्हे उस अंगूठी के ऊपर अधीकार प्राप्त हो गया है। जैसा तुम्हे तुम्हारे गुरु ने बोला है वैसा करते रहना।

मैंने बाबा के घावों को देखा और टेस्ट की रिपोर्ट्स को देखा और बोला बाबा आप के स्वस्थ्य में काफ़ी सुधार हुआ है आप जल्द ही ठीक हो जाएंगे आपको दवा दे देता हूँ।

वो आवाज़ फिर मेरे जहन में आयी मेरी आप से एक प्राथना है। मेरे परिवार बाहर बैठा हुआ है आप उन्हें समझा दे मैं अभी बेहतर हूँ और अब मेरा जो भी जीवन बचा हुआ है मैं संन्यास ले कर उसे में परम पिता की साधना में लगाना चाहता हूँ मैंने रिंग आपको देने से पहले यही कामना की थी आप मेरे परिवार को अपने साथ ले जाए और मेरी बेटियों और पत्नियों का आप अपना लेना। मुझे पता है आप जो भी इच्छा करेंगे वह आपका मिल जाएगा। आप उन्हें बुलवा लीजिये मैंने उन्हें बोला आप परिवार की चिंता मत करे उनका ख़याल मैं रखूंगा। उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी।

मैंने नर्स से बोल कर बाबा के परिवार की बुलवा लिया उनके परिवार में उनकी चार युवा पुत्रिया और चार युवा पत्निया थी। बाबा ने आँखे खोली उन्हें इशारे से अपने पास बुलाया उनका हाथ पकड़ कर मेरे हाथ में दिया और बोले अब मैं निश्चित हो अपनी साधना कर सकूंगा। मेरी सब इच्छाएँ और कामनाये अब शांत हो गयी है और अपने परिवार से बोले मेरे प्यारो आप सब जानते हो मैंने निर्णय लिया है मैं अब अपना शेष जीवन साधना करते हुए बिताना चाहता हूँ। अबसे आप इन्हे ही अपना सर्वस्व मानना और इनके साथ रहना। आप सब का कल्याण हो कह कर बाबा चुप हो गए।

उसके बाद बाबा के चेहरे का तनाव गायब हो गया। मुझे मालूम था और कामदेव ने बताया था बाबा अंगूठी की शक्ति के कारण हो ठीक हो रहे हैं, फिर भी मैंने नर्स को कुछ दवाये लिख दी और नर्स को मुझ से संपर्क में रहने को कहा और उन लड़कियों और महिलाओं को लेकर भाई महाराज के महल में वापिस आ गया।

वहाँ तब तक मैंने देखा रोज़ी रूबी मोना और टीना भी आ गयी थी और उन्होंमे वहाँ मेरा स्वागत किया। उनमे से-से मीणा, 21 नाम की उनकी बेटी ने सबका परिचय करवाया उनमे से सबसे बड़ी उनकी पत्नी जिसकी आयु 25 साल थी उसका नाम कामिनी था फिर रजनी 24 साल फिर चांदनी 23 साल और सबसे छोटी मोहिनी 22 साल और मधु 20 सोना 19 और सबसे छोटी रौशनी 18 उनके बेटिया थी। लड़कियों की माता का देहांत 2-3 महीने पहले हो गया था और मीणा बोली और माँ के देहांत के बाद से बाबा संन्यास की बाते करने लगे थे।

मेरी सचिव ने बाबा के परिवार के भोजन इत्यादि की व्ववस्था कर दी थी। चुकी काफ़ी रात हो चुकी थी तो सब महिलाओ और लड़कियों के सोने की व्ववस्था मेरे ही कक्ष के बाक़ी कमरों में-में कर दी गयी और मैंने उन्हें बोला आप के रहने की व्यवस्था कल से अलग-अलग कमरों में कर दी जायेगी आज उन्हें थोड़ी असुविधा होगी।

भोजन के बाद सभी लोग आराम करने के लिए चले गए और कामिनी मेरे पास बैठ गयी और हम बात करते रहे,, उसने मुझे अपने बारे में सब बताया और उसकी शादी कब हुई वह काफ़ी सुंदर थी मैं उसे देख मंत्रमुग्ध था।

मैंने उसकी बातें सुनते हुए अपने विचारों को उसके दिमाग़ की ओर केंद्रित किया और धीरे-धीरे उसके जीवन के हर विवरण को अवशोषित कर लिया।

अब उसके रहस्य मेरे पास थे। मुझे पता था कि उसे किस बात ने खुश किया जा सकता है। मुझे लगा कि मैं उसे बहुत दिनों से जानता हूँ और पाया कि उसने मुझे यौन रूप से आकर्षक पाया। एक बार फिर अँगूठी की शक्ति का परीक्षण करने के लिए; मैंने उसके दिमाग़ में यह विचार दिया कि उसे मुझ पर पूर्ण विश्वास होना चाहिए और मैं उसे कभी निराश नहीं होने दूंगा।

मैंने उसे अपने कमरे में बैठने के लिए आमंत्रित किया, वह बोली मैं वस्त्र बदला चाहती हूँ पर अपना सामान नहीं लायी हूँ तो मैंने उसे बोला आपका सामान आप कल दिन में जा कर ले आना फिलहाल आप यहाँ जो वस्त्र हैं उनमे से जो आपको पसंद आये वह पहन ले और मैंने उसे ड्रेसिंग रूम की तरफ़ निर्देशित किया।

कहानी जारी रहेगी

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