एक नौजवान के कारनामे 092

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मौसियो के परिवार​.
1.6k words
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Part 92 of the 278 part series

Updated 04/23/2024
Created 04/20/2021
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART 22

मौसियो के परिवार​

अब सांयकाल की चाय के समय सब लोग एकत्रित होने थे और सबका आपस में परिचय करवाया जाना था और फिर कुछ नाच गाना और संगीत की महफ़िल सजने वाले थी..

मैंने अपने कक्ष से देखा सांयकाल से पहले विवाह समारोह में पहुंचने वाले पहले रिश्तेदार भाई महाराज की मौसी के परिवार था ।

भाई महाराज की दो मौसी (मासी) हैं जिनका नाम श्रीमती नेहा पटेल और स्नेहा सोलंकी है, दोनों जुड़वां बहनें हैं और उनकी शादी क्रमशः रवीश पटेल और विशाल सोलंकी से हुई थी दोनों मौसा बचपन के सबसे अच्छे दोस्त थे और मेरी ताई जी से बड़ी दोनों मौसिया का परिवार मुंबई में पड़ोसी थी । उन दोनों में से नेहा मौसी बड़ी थी और स्नेहा मौसी उनसे कोई १० मिनट छोटी थी.

पटेल परिवार के मुखिया ६० साल के रवीश पटेल मौसा थे, जो एक उद्योगपति थे, उनका लंबा कद और बाल आंशिक रूप से भूरे हो चले थे । उनकी पत्नी 56 साल की नेहा मौसी थीं, फिर भी वह पुरानी सिने अभिनेत्री की तरह खूबसूरत दिखती थीं और उनकी त्वचा में कोई सिकुड़न या झुर्रिया नहीं थी । उनकI दो संताने थी । उनका बड़ा बेटा आशीष 37 साल का था, जो अपने पिता के विपरीत, मध्यम कद का था। उनकी पत्नी स्मिता 35 वर्षीय महिला थीं, जिसकी चमकदार त्वचा हमेशा चमकती रहती थी, और एक तेज नाक के साथ एक लम्बे चेहरे वाली महिला थी और जिसे देख कोई भी विश्वास नहीं करेगा कि वह एक व्यसक लड़की की मां है, वह कॉलेज जाने वाली लड़की की तरह दिखती थीं । फिर उनकी बेटी श्रीजा 34 साल की थीं, जो आशीष की बहन और नेहा मौसी की बेटी थीं। वह एक मॉडल के तरह पतली और सुंदर थी, लेकिन अभी तक अविवाहित थी और वर्तमान में, वह राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान संस्थान में एक वैज्ञानिक और शोधकर्ता थी। खानदान की सबसे युवा और छोटी, नेहा मौसी की पोती आशीष की चुलबुली बेटी थी, रीता, एक 18 साल की होनहार लड़की, जिसने अभी-अभी मुंबई के सबसे प्रतिष्ठित कॉलेज, सेंट फ्रेंको कॉलेज में स्नातक के पहले वर्ष में दाखिला लिया था।

कभी-कभी या तो ये चमत्कार होता है या यह संयोग से होता है। न केवल दोनों परिवारों के घरो की इमारतें संरचना समान थीं, बल्कि दोनों परिवारों की पारिवारिक संरचना एक दूसरे के साथ सौ प्रतिशत आश्चर्यजनक ढंग से मिलती जुलती थी।

सोलंकी परिवार के मुखिया ६० वर्ष के विशाल सोलंकी थे और वे भी उद्योगपति ही थे, और रवीश मौसा के बचपन के मित्र भी थे। अपने दोस्त के विपरीत, विशाल अपने नाम के ठीक उलटे मध्यम कद और मोटे थे लेकिन उनके बाल काले थे। उनकी पत्नी स्नेहा भी अपनी जुड़वाँ बहन की तरह 56 वर्ष की ही थीं, रवीश की पत्नी नेहा की जुड़वां बहन होने के नाते, उनकी ढलती हुई उम्र में एक उत्कृष्ट सुंदरता का उदहारण थी। स्नेहा और नेहा दोनों मौसिया दो जुड़वां बहनें होने के कारण आपस में बहुत ज्यादा जुड़ी हुई थीं। पटेलों की तरह स्नेहा मौसी का भी एक बेटा और एक बेटी थी। उनका बेटा पीयूष 36 साल का था और उसकी पत्नी मीना 35 साल की थी। मीना इतनी खूबसूरत महिला थीं और उन्होंने अपनी काया को इस तरह बनाए रखा कि शादीशुदा होने के बावजूद वह कॉलेज जाने वाली लड़की की तरह दिखती थीं। अब यह उल्लेख करने की आवश्यकता ही नहीं है कि मौसरे भाई पीयूष और आशीष बचपन के करीबी दोस्त थे और बिल्कुल सगे भाई जैसे ही थे। उनकी पत्नी मीना, आशीष की पत्नी स्मिता के साथ एक बहन की तरह करीब थीं। अपने दोस्त रविश की तरह, विशाल मौसा की भी एक 34 वर्षीय बेटी, बीना है जो मुंबई विश्वविद्यालय में मानव विज्ञान में प्रोफेसर और शोधकर्ता थी। अपने प्रिय मौसेरी बहन और मित्र श्रीजा की तरह, बीना भी अविवाहित ही थीं। अब सोलंकी परिवार की आखिरी थी जीवन से भरपूर, १८ साल की, खूबसूरत युवा और जोशीली लड़की, नीता. वह पीयूष और मीना की इकलौती बेटी और स्नेहा मौसी की पोती थी, और वह नेहा मौसी की पोती, अपनी सबसे अच्छी दोस्त रीता के साथ स्नातक की प्रथम वर्ष में पढ़ रही थी।

दोनों परिवार एक परिवार की तरह गहराई से जुड़े हुए थे आप इसे ऐसे समझ लीजिये उनके घरो के बीच में कोई दीवार नहीं थी और अगर आप उनका नाम नहीं जानते तो यही मानेगे की ये एक ही परिवार है ।

रीता और नीता, रवीश और विशाल को बड़े पापा, और नेहा और स्नेहा को बड़ी माँ के रूप में संबोधित करतो थी । दोनों लड़कियां अपनी बुआ और मौसी दादी की बेटी, श्रीजा और बिना को श्रीजा आंटी और बीना आंटी कहकर संबोधित करती थीं। वे दूसरे के माता-पिता को चाचा-चाची कहकर संबोधित करती थी । इसी तरह, परिवारों के दोनो बेटे और दोनो बेटियां अपने परिवार के मुखिया को रवीश अंकल और भास्कर अंकल और मौसी के रूप में उनकी पत्नियों को संबोधित करते थे । लेकिन परिवारों की दो बहुओं के मामले में अंतर था। दोनों बहुएं स्मिता और मीना रवीश मौसा और भास्कर मौसा को पापा कहकर संबोधित करती थीं और नेहा और स्नेहा को मॉम कहकर संबोधित करती थीं।

दोनों लड़कियां एक साथ ही कॉलेज के लिए निकलती थीं और उपलब्धता के अनुसार अपने परिवार की कारों से एक साथ कॉलेज जाती और लौटती थीं अन्यथा दोनों लड़कियां मेट्रो ट्रेनों से जाती थीं जो उनके लिए सुविधाजनक थी। जिस दिन वो लोग सूरत आये थे उस दिन नीता के पापा कार लेकर सुबह जल्दी चले गए थे और इसी तरह रीता के दादा भी कार लेकर किसी जरूरी काम से गए थे, आखिरकार दोनों लड़कियों को मेट्रो ट्रेन से कॉलेज जाना पड़ा था. जब भी ऐसा था तो परिवार उनसे टैक्सी ले कर जानने को कहता था लेकिन लड़कियां आम जनता की तरह मेट्रो से जाना पसंद करती थी ।

जब उनका आगमन पर ताई जी ने स्वागत किया गया तो बड़े पापा रवीश के पास खड़ी बड़ी माँ नेहा हालाँकि 56 साल की थीं, फिर भी वह अपनी आयु से बीस वर्ष कम की यानी 36, के आसपास की ही दिखती थी उनकी त्वचा तैलीय चिकनी, स्पष्ट, बेदाग और दीप्तिमान चमकती त्वचा वाली एक लंबी, और गोरी महिला थी। उनका चेहरा सुंदर अंडाकार, गोल गाल, प्राकृतिक मेहराब के आकार की सुडौल अच्छी तरह से परिभाषित भौहें, मोटी काली लंबी प्राकृतिक पलकों के साथ बड़ी और बोलती हुई आँखें, रसदार, चौड़े मोटे होंठ, लंबी चिकनी गर्दन और सेक्सी गोल कंधे, पतली लंबी चिकनी भुजाएँ थीं।, कलात्मक लंबी उंगलियां। और उनका सुखद मुस्कुराता हुआ चेहरा था, सुन्दर आकार के कान, उनका सुडौल शरीर और अभी भी छाती सुडोल और स्तन गोल थे, कूल्हे चौड़े गोलाकार और उनकी लंबी कामुक टाँगे थी । उसके पास एक और बहुत ही अनूठी विशेषता थी, उसके पेट की नाभि बहुत सुंदर और गहरी थी, जिस तरह से उनका पेट पतला और कमर पतली थी जैसे किसी कलाकार ने उनके रूप को अपने ब्रश से उकेर कर बनाया हो ।

उनके बाद विशाल मौसा और स्नेहा मौसी का स्वागत किया स्नेहा मौसी नेहा मौसी की जुड़वाँ बहन होने के कारण दिखने में लगभग नेहा मौसी के ही जैसी थी पर उनके स्तन नेहा मौसी के मुकाबले बड़े, गोलाकार, दृढ़, और उत्कृष्ट थे। उसकी बाहें लंबी, बड़ी, फिर भी अत्यधिक चिकनी थीं, उसके कूल्हे और नितम्ब भी उपेक्षाकृत बड़े थे पर अच्छी तरह से नियंत्रित थे। उसकी जांघें और पिण्डलिया पूरी तरह से आकर में थी! उसके पास 38-26-38 के माप के साथ आदर्श बड़ा नाशपाती का शरीर था। कूल्हे का आकार अतुल्य था! साथ ही, उनके पास ही खड़ी उनकी पोती नीता ने नदाजा लगाया था स्नेहा दादी की ब्रा का आकार 38D होना चाहिए । वह दिखने में बिलकुल एक पुरानी ब्यूटी क्वीन की तरह थी। दोनों ने प्योर सिल्क गोल्ड जरी बॉर्डर वाली सिल्क की साड़ी और बिना बाजू का बैकलेस ब्लाउज पहना हुआ था। दोनों बहने सिर से पैर तक सोने और हीरे के गहनों से सजी हुई थी, जिसमें उसका सुंदर सुडौल सेक्सी और कामुक शरीर दिख रहा था। नीता ने सोचा कि ये दोनों बहने अपने जवानी के दिनों में निस्संदेह सुंदर सेक्सी और कामुक रही होंगी । दोनों बहने अनुग्रह और कामुकता का प्रतीक महिलाये थी।

वही तीसरी बहन मेरी ताई भी कुछ कम नहीं थी वो उसने छोटी तो थी ही और देखने में दोनों से बाहर छोटी लगती थी और ताई जी ने चमकदार सफ़ेद की सिल्क साडी, हार, कमर बंद और हीरे जड़ित सोने की बाजूबंद और हाथों में सोने से भरी हुई चूड़ियाँ, सोने और हीरे की अंगूठी अपनी पतली लंबी सुंदर उंगलियों पर पहन रखी थी।

बहनो और जीजा के स्वागत के बाद मेरी ताई जी अपने बड़े भांजे और उसकी पत्नी स्मिता का स्वागत किया. नीता ने स्मिता आंटी की तरफ देखा। नीता को आश्चर्य हुआ कि उसकी स्मिता आंटी जरा भी नहीं बदली थी, जिसे वह अपने बचपन से अब तक देख रही थी। वह 36 साल की उसकी माँ के समान उम्र की थी, लेकिन कॉलेज में पढ़ने वाली उसकी किसी अन्य दोस्त की तरह ही दिखती थी ।

स्मिता आंटी शानदार, सुन्दर, और आकर्षक व्यक्तित्व वाली एक सुडौल आकृति वाली युवती लगती थी । वह बहुत ही आकर्षक, सुंदर, मोहक, मनोरम और आकर्षक प्रतीत होती थी। नीता ने स्मिता के भव्य और अद्भुत फिगर की सराहना की, उनका रंग बहुत गोरा था और उनकी ऊंचाई लगभग 5'5″ थी। अन्य गहनो के अतिरिक्त उसने एक नथ और झुमके पहने हुए थे जो केक पर चेरी की तरह थे। वे उसकी सुंदरता में एक और अतरिक्त आयाम जोड़ रहे थे । उन लंबी पतली भुजाओं के साथ, उसकी नाभि दुनिया को दिखाने के लिए नग्न थी, उसकी साड़ी उसके सुन्दर सुडोल शरीर पर इतनी समग्र रूप से लिपटी हुई थी, कि उसके शरीर की नक्काशी लाल और काले रंग की साड़ी जो उसके आकर्षक क्रीम-आधारित रंग के पूरक होने पर सज गए थे ।

जारी रहेगी

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