अंतरंग हमसफ़र भाग 062

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हुमा का निरिक्षण.
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Part 62 of the 342 part series

Updated 03/31/2024
Created 09/13/2020
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अंतरंग हमसफ़र भाग 61 में पढ़ा:

मैंने अभी भी उसकी बांह को अपने हाथ में पकड़ रखा था और मैंने धीरे-धीरे उसे एक पूरे घेरे में घुमाया, ताकि उसे पूरी तरह से देख सकु।

मैंने उसे फिर से अपने पास खड़ा कर दिया और मैंने धीरे से अपने बाएँ हाथ की मध्यमा उंगली को उसकी मोटी छोटी जांघों के बीच में डाल दिया और ऊपर वहाँ तक ले गया, जहाँ वे उसके पेट में मिलती थी। सपना विरोध करने के लिए हिली, लेकिन मेरी ओर से एक कड़ी नज़र ने उसे आज्ञाकारी और निष्क्रिय रखा। फि मैंने उसे किसी भी तरह से चोट पहुँचाने या उसका उल्लंघन करने का कोई प्रयास नहीं किया, बल्कि उसकी गर्म गुलाबी योनि को बहुत सहलाया और उसके पूर्वावलोकन से मिलने वाले आनद का उसे पुनः आभास करवाया।

यह अनुभव मेरे और सभी लड़कियों के लिए पूरी तरह से अद्भुत था। "ठीक है, सपना अब जाओ और अपने स्थान पर खड़ी हो जाओ।" मैंने सपना से कहा और उसका दिल खुशी से उछल पड़ा और वह तुरंत मेरे पास से आज्ञा मान अपने जगह की और चल दी तो मैंने उसके नितम्बो के गालों को बारी-बारी से तनावग्रस्त और ढीले होते हुए देखा।

आपने मेरी कहानी " अंतरंग हमसफ़र-- 1 से 61" में अब तक पढ़ा:

मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।

उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।

लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया और उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा। मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।

कुछ देर बाद पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया। हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी। फिर मैंने हुमा और लिली की रात भर चुदाई की। अगले दिन लिली बोली अब तुम्हे मेरी दोनों बहने भी चाहती हैं और तुम्हे उन्हें भी चोदना होगा। दीपक मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मेरी बहनें मिली सबसे बेहतरीन महिला हैं और एमी बहुत कमसिन है। मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए उत्तर दिया मैं अपने आप को पूरी तरह से आपको समर्पित करता हूँ और आपकी सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ूंगा और हमने उसकी कार से हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान किया।'

कार में मैं मिली की बगल में बैठा उसे निहार रहा था और यह वास्तव में बहुत सुंदर थी, मैंने उसकी पतली कमर ने अपनी बाहों डाल कर उसे कसकर गले से लगा लिया, उसे चूमा और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच में धकेल दिया और मुझे उसकी झांटों के बीच योनि के नंगे होंठ महसूस किये। मैंने मिली को एयरपोर्ट से घर के रास्ते के बीच में ही चोद दिया।

घर में मिली मुझे खींच कर अपने कमरे में ले गयी।अगले कुछ ही पलो में हम दोनों चुंबन करते हुए नग्न हो गए और बिस्तर में एक दुसरे के साथ गुथम गुथा हो गए। उसके बाद तय हुआ एमी के कौमार्य भंग करने का कार्यक्रम कल रात के लिए रखा गया और आज रात मैं लिली और मिली को समर्पित की जायेगी।

अंत में जब तय समय हो गया तो मैं उठा और मिली के कमरे में गया और फिर मिली, लिली और एमी को चुंबन किया। फिर नंगी मिली को अपनी घुटनों पर बिठा कर उसके कांपते हुए ओंठो पर चुंबन किया। फिर मैंने सपना को अपने पास बुलाया और मैंने उसकी पीली नीली पोशाक की टॉप को उसकी कमर तक फाड़ दिया। इसके स्तनों को पकड़ लिया और उन्हें सहलाने लगा।उसकी गर्म गुलाबी योनि को बहुत सहलाया और उसका सौंदर्य निरिक्षण किया और सपना को उसके स्थान की तरफ जाते हुए मैंने उसके नितम्बो के गालों को बारी-बारी से तनावग्रस्त और ढीले होते हुए देखा।

अब आगे:-

फिर मैंने मिली को अपने घुटने के ऊपर से उठाया और उसे अपने साथ बिठा कर उसे चूमा और आगे की कार्यवाही पर उसके साथ चर्चा की।

फिर मैं अपनी कुर्सी से उठा और सब लड़कियों के सामने से गुजरा और उन्हें करीब से देखा वहाँ पर उस समय वहाँ पर सबसे पहले सपना खड़ी हुई थी जो की पूरी नग्न थी, उसकी साथ में लिली सपना एमी, हुमा शबनम और अंत में डेज़ी खड़ी हुई थी और मिली मेरी कुर्सी के साथ बैठी हुई थी, तभी रोजी ख़ास पेय बना कर लायी और उसे हम सबने पिया फिर मैंने हुमा के पीछे जा कर पीछे से उसकी गुलाबी ड्रेस उतार दी और उसकी ब्रा खोली और उसकी ब्रा उसकी पोशाक पर फिसली और नीचे गिर गयी। चूंकि उसके स्तन मेरे सामने आ गए थे, उसके हाथ उनको छुपाने के लिए सहज रूप से ऊपर जाना चाहते थे, लेकिन जैसे ही उसने शर्माते हुए अपने हाथ हिलाने और ऊपर को उठाने शुरू किये तो उस समय रोजी मेरी मंशा भांप गयी थी और रोजी जो उसके लगभग सामने थी ने उसे चेतावनी में नकारात्मक सर हिला कर इशारा किया। उसे अंदेशा हुआ की इस समय मैं बहुत कामुक हूँ और जैसा की अभी तक मैंने सपना और मिली के साथ किया था इस समय मैं सभी लड़कियों के सौंदर्य का निरीक्षण करना चाहता था। इस समय मेरे मतव्य में अगर कोई भी रुकावट पेश करेगा तो वह मुझे बुल्कुल अच्छा नहीं लगेगा।

हुमा यह भी जानती थी कि मेरे द्वारा उसका मेडिकल परीक्षण नहीं किया जा रहा था, बल्कि एक दास की तरह उसका निरीक्षण किया जा रहा था ताकि ये पता लगाया जा सके की कि उसका शरीर पूरी तरह से बना हुआ है और उसकी क्या विशेषताएँ है। हुमा ने खुद को उतना अकेला और असहाय महसूस किया. जितना एक गुलाम लड़की को तब महसूस होता है जब उसे नीलामी ब्लॉक पर रखा जाता है, उसके कपड़े उतार दिए जाते हैं और सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को बेच दिया जाता है।

हालाँकि यहाँ उसे बेचा नहीं जाना था पर मैं सब अन्य लड़कियों के सामने उसे नग्न कर उसका निरिक्षण कर रहा था ।

मैंने एक बेंत जो उस कमरे में मेरी कुर्सी के पास रखी हुई थी वह उठा ली और मेरे चेहरे के भाव देखकर हुमा को यह विचार और भी अधिक सत्य लग रहा था, क्योंकि उसने कहानी की किताबों में पढ़ा था कि गुलाम लड़कियों को कोड़े के नीचे कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया जाता था और अगर मैंने उसके कपड़े नहीं उतारे होते, तो उसे बेंत मार कर नग्न होने के लिए मजबूर किया जाता। तो हुमा ने मेरे सामने उसी समय आत्मसमर्पण कर दिया वैसे भी वह मेरे से चुदाई सबके सामने करवा ही चुकी थी । वह जानती थी कि किसी भी तरह का प्रतिरोध बेकार है और वह मदद के लिए चिल्लाये तो भी उसकी सहायता करने वाला यहाँ कोई नहीं था। मिली और लिली जो की इस जगह की मालकिन थी मुझे पहले ही सबके सामने मास्टर कह सम्बोधित कर चुकी थी । इन हालात में वह केवल निष्क्रिय रह और मेरी आज्ञा का पालन कर अपनी अधीनता को स्वीकृति को प्रदर्शित कर मेरी कृपा प्राप्त करने की उम्मीद कर रही थी।

मेरे हाथ में बेंत पर मैंने दूसरा हाथ फिराया तो हुमा कांपने लगी। चोली को हटाने के बाद, मैंने उसके उजागर हुई अंगो को अच्छी तरह से देखा। मैंने परीक्षण धीरे-धीरे और इत्मीनान से किया, इसके मेडिकल होने का केवल एक छोटा-सा ढोंग करते हुए, मैंने उसकी बाहों की मांसपेशियों का निरिक्षण किया और उसकी त्वचा की कोमल बनावट को महसूस किया, और फिर मैंने अपना ध्यान उसकी टांगो की ओर लगाया।

"हुमा! आपको इन्हें भी उतारना होगा,," मैंने बेंत को उसकी लोचदार कमर पर फिराते हुए फिर उसकी पेंटी के अंदर डाल नीचे करते हुए कहा।

अबसे पहले हमेशा ऐसे किसी मौके पर मैं अपनी हमसफर को प्रिय या मेरी प्रिय कह कर सम्भोधित करता था, परन्तु इस बार मैंने सिर्फ नाम लिया और मेरी आवाज में कुछ कठोरता थी।

यह पहली बार है कि जब आप अपनी पैंटी उतारेंगी तो आपको बेंत मारी जायेगी।

ये बात सुन हुमा कांपने लगी और बाकी लड़किया सिहर गयी और फिर डरते हुए लिली ने पुछा मास्टर हुमा को किस बात की सजा मिलेगी?

मैंने कहा है कि कल अचानक मुझे छोड़ने के लिए हुमा को दंडित किया जाना है, आपको पता होना चाहिए की कल मेरे फूफा जी का फोन आया की मुझे कुछ जरूरी काम करना है तो मोहतरमा ने मेरे साथ झगड़ा किया और उस दौरान मुझे बहुत बुरा लगा और फिर ये लड़ कर मेरे को छोड़ कर चली गयी और फिर जब तक मैं लिली से नहीं मिला, मैं बहुत उदास रहा था।

अब मोहतरमा को उनके उस व्यवहार के लिए सजा मिलेगी और आप सबको इन्हे दण्डित करना होगा और इन्हे एक अच्छा व्यवहार करने वाली लड़की बने रहने का वादा करना होगा । आप अपने सुझाव दीजिये।

ये बातचीत चुपचाप सुन रही हुमा जान गयी की यह एक बेकार खतरा नहीं था और मैं उसे बेंत मार कर या ने किसी तरह से उसे दण्डित करूंगा और उसकी जांच उसके बाद भी जारी रहेगी। मेरी बेंत अभी भी उसकी पेंटी में घुसी हुई थी तो हुमा ने तुरत अपनी उंगलिया पेंटी में घुसाई और उसकी पेंटी उसके कूल्हों से नीचे की ओर फिसली और फिर उसके टखनों पर गिर गयी और वह ऐसे ही खड़ी हो गयी।

मिली बोली अगर हम बहने कोई गलती करती थी तो हमे भी सजा मिलती थी। मोहतरमा ने तो ना केवल मास्टर की अवज्ञा की है बल्कि उनसे झगड़ा भी किया है इसलिए मोहतरमा को तब तक पीटना होगा जब तक ये आपकी आज्ञा कारी होने को तैयार नहीं हो जाती। "

"हुमा उनमें से बाहर निकलो और यहाँ मास्टर के घुटनों के बल लेट जाओ," मिली ने निर्देश दिया।

जारी रहेगी

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