अंतरंग हमसफ़र भाग 064

Story Info
मिली निकली उस्ताद.
2.5k words
0
452
00

Part 64 of the 343 part series

Updated 04/29/2024
Created 09/13/2020
Share this Story

Font Size

Default Font Size

Font Spacing

Default Font Spacing

Font Face

Default Font Face

Reading Theme

Default Theme (White)
You need to Log In or Sign Up to have your customization saved in your Literotica profile.
PUBLIC BETA

Note: You can change font size, font face, and turn on dark mode by clicking the "A" icon tab in the Story Info Box.

You can temporarily switch back to a Classic Literotica® experience during our ongoing public Beta testing. Please consider leaving feedback on issues you experience or suggest improvements.

Click here

अंतरंग हमसफ़र भाग 63 में पढ़ा:

तो मैंने रोजी से कहा रोजी ये आपका प्रस्ताव था की इसे क्षमा कर दिया जाए और हुमा चाहती है उसी थोड़ी-सी सजा जरूर दी जाए । तो मुझे लगता है इसे थोड़ी सजा मुझ से जरूर मिलनी चाहिए और उसकी गांड पर मैंने बहुत हलके हाथ से एक प्यार भरी चपत लगा कर मैं मुस्कुरा दिया और हुमा को पकड़ आकर अपने और खींच लिया और उसे चुंबन करते हुए उसके स्तन दबा कर बोला अब कभी मुझे ऐसे मत सताना ।

अब मुझसे हुमा सपना और मिली का कोई शारीरिक रहस्य नहीं बचा था। मैं इस दौरान अपनी भावनाओं का वर्णन नहीं कर सकता मेरा लंड बहुत उग्र था।

"हुमा बहुत ही सुन्दर और प्यारी युवती है। मैंने अंत में घोषणा की, उसके नंगे कंधे पर अपना हाथ रखते हुए, मैंने मिलि की ओर रुख किया। हुमा चिकित्सा और कलात्मक दोनों दृष्टिकोण से बिल्कुल सही सुंदर और प्यारी है। एक प्रेमी के रूप में, मैंने कई नग्न युवतियों को देखा है, लेकिन हुमा जैसी कोई नहीं है। मुझे यकीन है कि आप सब को इस खेल में आनंद आ रहा है। फिर हुमा को चूमते हुए ठीक है, मेरी प्रिय, अब आप अपने स्थान पर खड़ी हो सकती हैं," मैंने हुमा से कहा.

आपने मेरी कहानी " अंतरंग हमसफ़र-- 1 से 63" में अब तक पढ़ा:

मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।

उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।

लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया और उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा। मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।

कुछ देर बाद पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया। हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी। फिर मैंने हुमा और लिली की रात भर चुदाई की। अगले दिन लिली बोली अब तुम्हे मेरी दोनों बहने भी चाहती हैं और तुम्हे उन्हें भी चोदना होगा। दीपक मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मेरी बहनें मिली सबसे बेहतरीन महिला हैं और एमी बहुत कमसिन है। मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए उत्तर दिया मैं अपने आप को पूरी तरह से आपको समर्पित करता हूँ और आपकी सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ूंगा और हमने उसकी कार से हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान किया।'

कार में मैं मिली की बगल में बैठा उसे निहार रहा था और यह वास्तव में बहुत सुंदर थी, मैंने उसकी पतली कमर ने अपनी बाहों डाल कर उसे कसकर गले से लगा लिया, उसे चूमा और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच में धकेल दिया और मुझे उसकी झांटों के बीच योनि के नंगे होंठ महसूस किये। मैंने मिली को एयरपोर्ट से घर के रास्ते के बीच में ही चोद दिया।

घर में मिली मुझे खींच कर अपने कमरे में ले गयी।अगले कुछ ही पलो में हम दोनों चुंबन करते हुए नग्न हो गए और बिस्तर में एक दुसरे के साथ गुथम गुथा हो गए। उसके बाद तय हुआ एमी के कौमार्य भंग करने का कार्यक्रम कल रात के लिए रखा गया और आज रात मैं लिली और मिली को समर्पित की जायेगी।

अंत में जब तय समय हो गया तो मैं उठा और मिली के कमरे में गया और फिर मिली, लिली और एमी को चुंबन किया। फिर नंगी मिली को अपनी घुटनों पर बिठा कर उसके कांपते हुए ओंठो पर चुंबन किया। फिर मैंने सपना को अपने पास बुलाया और मैंने उसकी पीली नीली पोशाक की टॉप को उसकी कमर तक फाड़ दिया। इसके स्तनों को पकड़ लिया और उन्हें सहलाने लगा।उसकी गर्म गुलाबी योनि को बहुत सहलाया और उसका सौंदर्य निरिक्षण किया और सपना को उसके स्थान की तरफ जाते हुए मैंने उसके नितम्बो के गालों को बारी-बारी से तनावग्रस्त और ढीले होते हुए देखा।

उसके बाद हुमा चुनी गयी और मैंने उसके पकडे निकाले और चुकी वो मुझ से झगड़ कर और नाराज होकर चली गयी तो मुझे लगा उसे दण्डित किया जानना चाहिए। मैंने हुमा को हलकी से सजा दी और उसे माफ़ कर दिया।

अब आगे:-

मैंने लिली की तरफ देखा और मेरी गोरी मेजबान वैसा ही पारदर्शी गुलाबी गाउन पहने हुई थी, जिसमे मैंने उसे पहली बार देखा था जो ऊपर से खुला था, जिससे उसकी आकर्षक दूधिया छाती के ऊपरी भाग प्रदर्शित हो रहे थे वह केवल पेट के पास एक डोरी से बंधा हुआ था और उसकी गोरी लम्बी और चिकनी टाँगे जिनमे उसने खूबसूरत ऊँची ऐडी की सैंडल पहन रखी थी। उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था।

उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। यह वास्तव में बहुत सुंदर थी और उस समय मेरे सामने अर्ध-नग्न थी और थोड़ा शर्मा रही थी। उसके गोरे गाल शर्म से लाल हो चमक रहे थे, उसके प्यारे चमकदार कंधे और उसकी उत्तम छाती लगभग पूरी तरह से नग्न थी!

अपना हाथ आगे बढ़ा कर मिली ने लिली को अपने पास बुलाया तो लिली ने मिली का हाथ थोड़ा ऊपर किया तो उसकी गाउन उसकी छाती से थोड़ी दूर एक तरफ गिर गई और अब वह ऊपर से लगभग पूरी तरह से नंगी थी और उसके हाथीदांत के दो सबसे उत्कृष्ट गोल, पूर्ण और पॉलिश किए हुए सफ़ेद संगेमरमर के गोल स्तन दिखने लगे, बल्कि उस संगेमरमर के ऊपर सजा हुआ गुलाबी मूंगा भी बाहर निकल आया, जो उनमें से प्रत्येक को सुशोभित कर रहा था।

वह पूर्ण अंडाकार सुंदर चेहरे के साथ स्त्री सौंदर्य की एक आदर्श आकृति थी! गुलाब के फूल जैसा मुँह और चेरी जैसे होंठ, छोटे-छोटे कान, उत्तम गोल चमकदार कंधे, पूर्ण और सुंदर भुजाएँ, लहराती हुई उत्तम छाती, गोल सुदृढ़ और मोठे स्तन जिन्हे सहलाने और धीरे से दबाने का सौभाग्य एक बार फिर प्राप्त करने के लिए व्याकुल हो गया।

'लिली, अब तुम्हारी बारी है!' मैंने कहा; 'प्रिय अपने वस्त्र निकालो और सबके सामने अपनी सुंदरता का नग्न प्रदर्शन करो । एमी उसकी नाइटी को उतारने में उसकी मदद करें!' उसके सुंदर स्तन गोल, मोटे और मज़बूत दिखने वाले थे। एक क्षण में लिली के गाउन की डोरी एमी ने खोली और लिली की जाँघों थोड़ी अलग हो गयी और उसकी गाउन उनके बीच गिर गई और वह अब सबके सामने नग्न खड़ी थी, मैं उसके प्यारे, प्यारे चुलबुले स्तनों को अपने कब्जे में लेना चाहता था ताकि मैं उन्हें अपने हाथ में के कर दबाने के बाद, उन्हें और उनके गुलाबी चुचकों को मेरे मुंह से चूसूं! और उसने अपने स्तनों की गोलाई और सुंदर रूप को मुझे पूरी तरह से दिखाया, जिससे मेरी कामोतेजना और उसे पाने की इच्छा और अधिक भड़क गयी। मिली जानती थी लिली मुझे उत्तेजित कर रही है, क्योंकि वह मेरे उत्तेजित हृदय की धड़कन को मेरे तेज साँसों से महसूस कर रही थी। पतली लिली कामुकता का एक सुंदर दृश्य पेश कर रही थी। मेरे और उसकी बड़ी बहन मिली के लिए यह दृश्य परिचित था, लेकिन बाकी लड़कियों और एमी के लिए यह एक रहस्योद्घाटन था जिसके कारण प्रशंसा के लिए शब्द नहीं ढूँढ पा रही थी।

एमी की टूटी हुई सांस ने मुझे बताया कि उसकी बहन की नग्न सुंदरता की दृष्टि उसे कितना प्रभावित कर रही थी, जबकि बाकी लड़कियों बस निर्विवाद आनंद से रोमांचित थी, उनकी आँखें लगभग आश्चर्यजनक रूप से सुनहरे बालों के शानदार धन पर टिकी हुई थीं जो कि लिली के शुक्र पर्वत पर बढ़ीं और उसकी योनी को आश्रय दिया। । हमने लिली को धीरे-धीरे घुमाया, जैसा कि उसकी बहन ने किया था, उसकी आकर्षक कोमलता के तमाशे में आनंदित होना; और जब उसने फिर से हमारा सामना किया, उसके गाल लाल हो गए, मैंने चुपके से मिली की आंखों को देखा क्योंकि वे अपनी बहन के स्वेच्छा से नग्न शरीर, उसके स्वादिष्ट स्तनों और उसके सुनहरे बालों वाली योनी पर घूमते थे।

कामोतेजना के कारण मैं अपने ओंठो पर जीभ फेर रहा था और मिली मेरे को देख कर शायद समझ गयी की मेरे को प्यास लगी है। बोली पानी चाहिए आपको मेने कहा हाँ। ठीक है अभी लाती हूँ कह कर लिली पलट कर पानी लेने चल दी। जैसे ही वह पल्टी सबसे पहले मेरी नजर उसके भारी भरकम चूतडो पर गयी। लिली के चूतड शानदार, कूल्हों चौड़े और बडे थे। उसने ऊँची ऐडी की सैंडल पहन रखी थी। जिस की वजह से जब वह चल रही थी तो उसके चुतड बहुत ही मस्ताने ठंग से मटक रहे थे और ज्यादा बड़े लग रहे थे।

एक तो उसको आगे से देख कर ही मेरा बुरा हाल था अब तो मैंने उसको पीछे से भी देखा लिया था मेरा लंड तो बिलकुल ही आपे से बाहर हो गया। वोह भी शायद जानती थी की उसके चूतडो का मुझ पर क्या असर होगा क्योकी लिली को पता था कि भारी चूतड मुझ को कितने पसन्द हैं। इसलिये मेज तक जाने में जहाँ पर पानी का जग रखा था उसने बहुत देर लगायी जिस से मैं जी भर कर उसके चूतड और उनका मटकना देख सकूं।

फिर उसने जग उठाया और मेरी तरफ़ देखते हुये और मटक कर उसने गिलास में पानी भरना शुरु किया। वह मुझ को देख कर मस्ती भरी नजरो से मुस्कुरा रही थी। पानी भरकर वह मेरी तरफ़ चल दी। उसने ऊँची ऐडी के सैंडल पहन रखे थे और जिस तरह से वह चूतड मटका के चल रही थी उसकी वजह से उसके बडे-बडे मम्मे जोर-जोर से उछल रहे थे।

मिली ने लिली से पानी का गिलास पकड़ा और मुझे पानी पिलाने लगी और पानी पीला कर गिलास उसको दे दिया। मैंने उसका हाथ अपने हाथो में लिया और बोला लिली तुम तो सेक्सी हो। मेरा लंड अब पुरी तरह टनटनाया हुआ है और पैन्ट फाड कर बाहर आने को तैयार है।

फिर मिली ने मेरा कुरता उतारा और अपनी एक उँगली को अपने थूक से गिला करके मेरे बाँये निप्पल पर फिराने लगी और उसका दुसरा हाथ मेरी छाती पर धीरे-धीरे चल रहा था। वह मुझे मस्त कर रही थी। थोडी देर इसी तरह से मेरे निप्पल पर हाथ फेरने के बाद उसने अपना मुँह मेरे निप्पल पर रख दिया और उसे अपने होंठो के बीच लेकर चुसने लगी। उसके ऐसा करने से मेरे मुँह से एक दम से एक आह निकल गयी। इसका सीधा असर मेरे लंड पर हुआ। वोह मस्ती में एक दम कडा को गया। अब उसका मेरी पैन्ट में रहना बडा ही मुश्किल था।

फिर मेरे दुसरे निप्पल को अपने हाथ के नाखून से जोर-जोर से कुरेद रही थी। एक तो निप्पल चुसे जाने की मस्ती दूसरा निप्पल कुरेदे जाने की वजह से होता दर्द ने मुझे तो स्वर्ग में पहुँचा दिया था। इस बेइन्तेआह मस्ती के कारण मेरे मुँह से आह! ओह! के आवाज निकल रही थी। मैने अपने हाथ उसकी पीठ और एक बाँह पर रख रखा था। एक हाथ से उसकी बाँह मसल रहा था और दुसरे हाथ उसकी पीठ और कमर पर फेर रहा था। वोह करीब 3-4 मिनट तक ऐसे ही करती रही फिर पर्ल बाँयी निप्पल छोड कर दाँयी निप्पल को चुसने लगी और बाँयी निप्पल को नाखुनो से कुरेदने लगी।

दुसरे निप्पल को अच्छी तरह से चुसने के बाद ही उसने मेरे को छोडा। फिर मिली ने मेरी और देख कर आँखो में आँखे डाल कर पूछा कैसा लगा निप्पल चुसवाना। मैं बोला क्या बताँऊ बस इतना कह सकता हूँ कि मुझे अभी बहुत कुछ सीखना है। लिली में बताया था आप सेक्स के मामले में उस्ताद हो । मैं आपको अपनी सेक्स गुरु बनाना चाहता हूँ। सीखाओगी गुरु जी। ये सुन कर उसने मेरे होंठो पर किस कर लिया और बोली तुम बिल्कुल मेरे सब्से सच्चे चेले कहलाने के लायक हो वैसे तो तुम्हे बहुत कुछ आता है और तुम हीरे के जैसे हो पर थोड़ी-सी पोलिश से सेक्स में निखर जाओगे। मिली बोली जरूर सिखाऊंगी और फिर कैसाउस्ताद अगर उसका कोई चेला ही ना ही और फिर आखिर उस्ताद होती किस लिये है।

मैंने कहा उस्ताद इसमें प्रैक्टिकल भी होंगे?

उस्ताद का तो ये फर्ज है के उसके चेले को पूरी शिक्षा दे प्रेक्टिकल के साथ जिससे की कोई ये ना कह सके की उसको कुछ भी नहीं आता है। अब मैं तुम्हारी सेक्स उस्ताद बनूंगी तो ये फर्ज जरूर पूरा करुँगी। मिली बोली।

उसके मुहँ से ये बात सुन कर मैं बोला गुरु जी आपके विचार कितने उत्तम हैं।

तो दोस्तों कहानी जारी रहेगी। आगे क्या हुआ? ये अगले भाग में पढ़िए।

आपका दीपक

Please rate this story
The author would appreciate your feedback.
  • COMMENTS
Anonymous
Our Comments Policy is available in the Lit FAQ
Post as:
Anonymous