अंतरंग हमसफ़र भाग 065

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मिली ने दिया पहला सेक्स ज्ञान.
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Part 65 of the 343 part series

Updated 04/29/2024
Created 09/13/2020
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अंतरंग हमसफ़र भाग 64 में पढ़ा:

दुसरे निप्पल को अच्छी तरह से चुसने के बाद ही मिली ने मेरे को छोडा। फिर मिली ने मेरी और देख कर आँखो में आँखे डाल कर पूछा कैसा लगा निप्पल चुसवाना। मैं बोला क्या बताँऊ बस इतना कह सकता हूँ कि मुझे अभी बहुत कुछ सीखना है। लिली में बताया था आप सेक्स के मामले में उस्ताद हो । मैं आपको अपनी सेक्स गुरु बनाना चाहता हूँ। सीखाओगी गुरु जी। ये सुन कर उसने मेरे होंठो पर किस कर लिया और बोली तुम बिल्कुल मेरे सब्से सच्चे चेले कहलाने के लायक हो वैसे तो तुम्हे बहुत कुछ आता है और तुम हीरे के जैसे हो पर थोड़ी-सी पोलिश से सेक्स में निखर जाओगे। मिली बोली जरूर सिखाऊंगी और फिर कैसाउस्ताद अगर उसका कोई चेला ही ना ही और फिर आखिर उस्ताद होती किस लिये है।

मैंने कहा उस्ताद इसमें प्रैक्टिकल भी होंगे?

उस्ताद का तो ये फर्ज है के उसके चेले को पूरी शिक्षा दे प्रेक्टिकल के साथ जिससे की कोई ये ना कह सके की उसको कुछ भी नहीं आता है। अब मैं तुम्हारी सेक्स उस्ताद बनूंगी तो ये फर्ज जरूर पूरा करुँगी। मिली बोली।

उसके मुहँ से ये बात सुन कर मैं बोला गुरु जी आपके विचार कितने उत्तम हैं।

आपने मेरी कहानी " अंतरंग हमसफ़र-- 1 से 64" में अब तक पढ़ा:

मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।

उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।

लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया और उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा। मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।

कुछ देर बाद पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया। हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी। फिर मैंने हुमा और लिली की रात भर चुदाई की। अगले दिन लिली बोली अब तुम्हे मेरी दोनों बहने भी चाहती हैं और तुम्हे उन्हें भी चोदना होगा। दीपक मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मेरी बहनें मिली सबसे बेहतरीन महिला हैं और एमी बहुत कमसिन है। मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए उत्तर दिया मैं अपने आप को पूरी तरह से आपको समर्पित करता हूँ और आपकी सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ूंगा और हमने उसकी कार से हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान किया।'

कार में मैं मिली की बगल में बैठा उसे निहार रहा था और यह वास्तव में बहुत सुंदर थी, मैंने उसकी पतली कमर ने अपनी बाहों डाल कर उसे कसकर गले से लगा लिया, उसे चूमा और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच में धकेल दिया और मुझे उसकी झांटों के बीच योनि के नंगे होंठ महसूस किये। मैंने मिली को एयरपोर्ट से घर के रास्ते के बीच में ही चोद दिया।

घर में मिली मुझे खींच कर अपने कमरे में ले गयी।अगले कुछ ही पलो में हम दोनों चुंबन करते हुए नग्न हो गए और बिस्तर में एक दुसरे के साथ गुथम गुथा हो गए। उसके बाद तय हुआ एमी के कौमार्य भंग करने का कार्यक्रम कल रात के लिए रखा गया और आज रात मैं लिली और मिली को समर्पित की जायेगी।

अंत में जब तय समय हो गया तो मैं उठा और मिली के कमरे में गया और फिर मिली, लिली और एमी को चुंबन किया। फिर नंगी मिली को अपनी घुटनों पर बिठा कर उसके कांपते हुए ओंठो पर चुंबन किया। फिर मैंने सपना को अपने पास बुलाया और मैंने उसकी पीली नीली पोशाक की टॉप को उसकी कमर तक फाड़ दिया। इसके स्तनों को पकड़ लिया और उन्हें सहलाने लगा।उसकी गर्म गुलाबी योनि को बहुत सहलाया और उसका सौंदर्य निरिक्षण किया और सपना को उसके स्थान की तरफ जाते हुए मैंने उसके नितम्बो के गालों को बारी-बारी से तनावग्रस्त और ढीले होते हुए देखा।

उसके बाद हुमा चुनी गयी और मैंने उसके पकडे निकाले और चुकी वो मुझ से झगड़ कर और नाराज होकर चली गयी तो मुझे लगा उसे दण्डित किया जानना चाहिए। मैंने हुमा को हलकी से सजा दी और उसे माफ़ कर दिया।मिली ने अपने सेक्स ज्ञान का मुझे थोड़ा सा नमूना दिया तो मैंने उसे तुरंत अपना सेक्स गुरु बना लिया।

अब आगे:-

मैंने कमरे में चारो और देखा वह कक्ष बहुत बड़ा था और इसमें कई प्रकार के तकियों से सजा हुआ एक विशाल बिस्तर था। एक पूरी दीवार पर एक जंगल का दृश्य के रूप में चित्रित किया गया था जिसमें नग्न लड़किया और नग्न अप्सराओं झरनो और तालाब में स्नान कर रहे थे और झरने के बगल में घास के मैदान में एक बहुत सुंदर लड़की को एक युवक चोद रहा था और एक उतनी ही सुंदर लड़की तालब में पूल में उन्हें चुदाई करते हुए देख रही थी और कुछ लड़किया वहाँ उत्साह में नाच रही थी और कुछ लड़किया शराब और खाना परोस रही थी। यह कमरा जाहिर तौर पर निजी प्रकृति के मनोरंजन के लिए था।

मिली बोली दीपक आपका प्रक्षिक्षण अब शुरू हो रहा है और फिर मिली ने अपने होठं मेरे होठ से लगा दिये और एक किस ले लिया। फिर मिली ने अपने हाथ मेरी गर्दन के पीछे ले जाकर मेरा मुँह को अपनी तरफ खीचा और अपनी जीभ निकाल कर मेरे होंठो पर जीभ फिराने लगी। उसके थोडी देर इसी तरह से जीभ फिराने के बाद मैंने उसका निचला होंठ अपने होंठो के बीच पकड लिया और फिर उस पर जीभ फिराने लगा।

मैं उसके होंठो को चुसने से पहले मैं गीला कर देना चाहता था। थोडी देर तक इसी तरह उसके होंठो को गिला करने के बाद मैने उसके होंठ चुसने शुरू कर दिये। मैं बहुत जोर-जोर से उसके होंठो को चूस रहा था। इस बीच लिली भी अपनी जीभ निकाल कर मेरे उपरी होंठ के उपर फिरा रही थी और साथ ही साथ अपना बहुत-सा थूक अपने नीचले होंठ के पास जमा कर रही थी जिस से मैं ज्यादा से ज्यादा उसके स्वादिष्ट थूक को पी सकूँ। मैं भी हर थोडी देर में नीचले होंठ को छोड कर उसका थूक अपनी जीभ की मदद से उसके होंठो पर मलने लगता और अच्छी तरह से मल कर फिर से उसके होंठ को चुसने लगता करीब 2 मिनट तक मैं ऐसा ही उसके साथ करता रहा।

फिर उसने मेरा निचला होंठ छोड कर मेरा उपरी होंठ अपने दोनों होंठो के बीच पकड लिया और उसको भी अपने थूक से गीला कर दिया। मिली ने भी मेरा नीचला होंठ अपने थूक से गिला कर दिया था। थोडी देर तक वह मेरे होंठ को गीला करती रही और-और मैं उसके ओंठ चुसता रहा फिर एक दम से मैंने अपनी जीभ को नुकीला कर के उसके दाँतों और होंठो के बीच डाल दी और उसके दाँतों पर फिराने लगा। वोह भी अपनी जीभ को नुकीली बना कर मेरे जीभ के नीचे गोल-गोल घुमाने लगी। जिससे उसकी जीभ से लार निकल कर मेरे मुहँ में गिरने लगी और मेरी जीभ के नीचे जमा होने लगी।

थोडी देर इसी तरह से उसके दाँत और होंठ के बीच की और उसके जीभ से टपकती लार मेरे मुँह में जमा हो गयी। फिर मैंने मिली के होंठ मुँह में लेकर चूसने लगा तथा साथ ही साथ मुँह के अन्दर जमी स्वादिष्ट लार को भी मैं पी गया। ये लार मेरे लिये अमृत थी। फिर थोडी देर तक इसी तरह मैं उसका होंठ चुसता और लार पीता रहा। फिर मिली ने आखरी बार मेरे होंठो पर अपने होठ रखे और एक गहरा चुम्बन लेकर मेरे से अलग हो गयी। फिर मैंने पूछा मजा आया दीपक। तो मैं बोलै हाँ गुरूजी बहुत मजा आया।

तुम तो बहुत ही अच्छी किस करते हो दीपक। मैं तो सोच रही थी तुमको किस करने की भी ट्रेनिग देनी पडेगी लेकिन ऐसा लगता इसकी कोई जरूरत नहीं है। मैंने कहा ट्रेनिग कि जरूरत तो मुझे है क्योकि चाहे जितना भी अच्छा किस मैं करता हूँ पर तुमसे अच्छा तो नहीं कर सकता। मिली बोली वोह तो तुम ठीक ही कह रहे हो राजा! ठीक है मैं तुम को पुरी तरह ट्रेन कर दूँगी और लगता है तुम मेरा सारा अनुभव और ज्ञान लूट लोगों। फिर मिली बोली तुम्हारी मस्ती होंठ चूसायी के कारण बढ चुकी है।

मैं हैरान हुआ और मिली को प्रणाम कर बोलै गुरूजी ये आपकी कैसे पता चला की मेरी मस्ती बहुत बढ़ चुकी है? क्योंकि मेरे लंड का तनाव मस्ती से बहुत बढ़ चूका था

मिली बोली लुंगी में छुपा हुआ नाग बारी-बारी अपना सर उठा कर फुफकार रहा है उसी से मुझे पता लगा । सभी लड़किया हमे किश करते हुए देख कर गर्म हो रही थी और तभी मेरा ध्यान लिली की तरफ गया जो हमे किस करते हुए बड़ी गौर से देख रही थी ।

' मिली मेरे साथ बैठी हुई लिली के दिव्य रूप, सौन्दर्य, यौवन, चमक उत्साह को देख आसक्त लग रही थी।

क्या आपने लिली को इस तरह पहले नहीं देखा है? 'मैं मिली के कान में फुसफुसाया तो मिली शरमा गई।' नहीं! 'उसने धीरे से उत्तर दिया-' लिली छोटी थी जब मैंने उसे आखिरी बार पूरी नंगी देखा था-दीपक, उसे देख कर मुझे लगता है कि मुझे पुरुष होना चाहिए था, उसकी खातिर! '-और वह हसने लगी जबकि एमी जो हमारे पीछे खड़ी थी उसने भी मिली का हसी में साथ दिया।

'तब तो आप निश्चित रूप से इस समय मेरी संवेदनाओं को समझ पाती कर सकते हैं, प्रिय मिली!' मैंने उसके स्तनों से प्रेमपूर्वक खेलते हुए कहा।

'दीपक, जिस चीज पर मैं बैठी हुई थी मैं उसकी धड़कन और चुभन से अभी भी उन संवेदनाओं का अनुमान लगा सकती हूँ!' मिली ने जवाब दिया और उसने खुद को मेरे घुटनों पर दबाया और मुझ पर मुस्कुरा दी और दीपक अब आपको लिली के मिलवाना ही पड़ेगा।

लिली जैसे खड़ी थी उसमे उसकी बाहें, एक आकर्षक स्थिति में मुड़ी हुई थीं, जो उसकी बगल के गड्ढे के नीचे बालों की हलकी-सी वृद्धि दिखा रही थी। उसकी छाती नग्न थी और उसके दो अनमोल नग्न स्तन, गोल और दृढ़, इतनी खूबसूरती से रखे हुए थे जैसे दो प्यालो को उलटे रखा गया हो और उनपर दो बड़े अंगूर लगा कर उन्हें सजाया गया हो और उसका पूरा शरीर उसकी पतली कमर तक पूरा नग्न था।

लिली के समतल पेट का साफ़ चौड़ा मैदान कर उसने कमर में सुंदर आकर्षक कमरघनी पहनी हुई थी जो उसकी नाभि के आरपार गुजर रही थी और फिर उसका शानदार योनि क्षेत्र था और उसके नीचे उसकी सुंदर चिकनी टाँगे सब बिलकुल आकर्षक और शानदार था! उसकी शानदार नग्नता को देखने के बाद कोई भी उसको प्राप्त करने के लिए उत्सुक हो जाता, लिली के कामुक आकर्षण के प्रदर्शन के बाद उसके निकट संपर्क का भड़काऊ प्रभाव और उसके स्तनों को संभालने से उत्पन्न उत्तेजना ने मुझे कामुक आग में झोक दिया था, मैंने इस समय छूने उसकी योनी को छूने की हिम्मत नहीं की। लुंगी के अंदर मेरा लंड लोहे की छड़ की तरह था और फुफकार रहा था।

मैंने अपने कंधे पर एमी को देखा। वह अभी भी लिली को गौर से देख रही थी और जाहिर तौर पर उसकी नग्न सुंदरता से बहुत उत्साहित थी। उसकी आँखें चमक रही थीं, उसके होंठ आंशिक रूप से खुले हुए थे, जबकि उसकी छाती धड़क रही थी और भारी हो गई थी। जिज्ञासा वह स्पष्ट रूप से उस पर हावी थी, जो कुछ समय के लिए उसके दब्बू स्वाभाव पर हावी हो गयी थी।

मिली ने मुझे देख मुस्कुरायी और मेरे को, लिली को एमी को और यह सुनाने के लिए जोर से फुसफुसायी लिली अब तुम दीपक के पास आ जाओ! लिली से सुन कर शरमा गई, लेकिन एमी क्रिमसन हो गई और उसने जल्दी से मेरी ओर देखा।

फिर मिली बोली एमी तुम मेरे पास आओ और सब लड़कियों अब ध्यान से देखो आपको कुछ विशेष देखने को मिलेगा फिर अपनी गोद की ओर इशारा करते हुए, 'इधर आओ, एमी,' उसने कहा, जिस पर दबी हुई उत्सुकता से कांपती हुई एमी ने तुरंत खुद को स्थापित कर लिया। मिली ने उसके कान में कुछ फुसफुसाया और उसे प्यार से चूमा, लेकिन मिली ने एमी के कान में जो भी कहा उसे सुन एमी का रंग पहले से ज्यादा लाल हो गया।

तो दोस्तों कहानी जारी रहेगी। आगे क्या हुआ? ये अगले भाग में पढ़िए।

आपका दीपक

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