मज़ेदार नया कोरोना संक्रमण 09

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इलाज बनेगा नया संक्रमण.
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Part 9 of the 14 part series

Updated 06/10/2023
Created 07/13/2021
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कोरोना काल में नया मज़ेदार संक्रमण

Update 09

इलाज बनेगा नया संक्रमण ​

मैंने जो अगली फाइल उठाई तो ये इत्तेफाक से डॉ एमी जो प्रयोग कर रही थी उसकी फाइल थी जिसमे कल शाम तक की रिपोर्ट थी ।

डॉ एमी कोरोना वायरस के सेक्स पर और कामेच्छा पर होने वाले प्रभावों के बारे में रिसर्च कर रही थी। जिन लोगों ने सेक्स में अनिच्छा या कमी की शिकायत की थी उनके लिए वह इसका उपचार ढूँढ रही थी। जिसके लिए उन्होंने वायरस की एक नयी किस्म की खोज की थी जिसमे कोरोना वायरस का सिग्मा वैरिएंट 21 स्वाभाविक रूप से शरीर में कुछ हार्मोन के उत्पादन को अस्थायी रूप से बढ़ाकर मानव शरीर को कामुक बना देता हैं।

कोरोना का सिग्मा वैरिएंट 21 वायरस के प्रभाव जो स्थायी हो सकते थे: उनसे संक्रमितों में कामेच्छा में भारी वृद्धि हो सकती है, जिससे वे किसी भी रूप में मैथुन के लिए त्यार हो जाते हैं। संक्रमित व्यक्तियों में यौन तरल पदार्थों का उत्पादन बढ़ जाता है जो संक्रमित को सामान्य मानव की तुलना में अधिक समय तक यौन उत्तेजना प्राप्त करने में सक्षम बनाता है। संक्रमितों किसी भी व्यक्ति के साथ सहवास में संलग्न होंगे, चाहे वे संक्रमित हों या नहीं। ऐसा लगता है कि संक्रमित व्यक्ति के शरीर में एक फेरोमोन नामक हार्मोन उत्पन्न होता है जो लंबे समय तक कामेच्छा में वृद्धि का कारण बनता है। संक्रमितों में घावों को भरने की अत्यधिक क्षमताएँ भी विकसित हो सकती हैं, जो चोट की डिग्री के आधार पर मिनटों से घंटों में घावों को भर सकती है।

अन्य प्रभाव: वायरस तेजी से परिवर्तित हो सकता है, जिससे यह संक्रमित में किसी भी प्रकार का परिवर्तन करने में सक्षम है। वायरस कुछ-कुछ जीवो में-में विशेष रूप से यौन प्रकृति के ऊतको का विस्तार से लेकर अत्यधिक शारीरिक परिवर्तनों में सक्षम पाया गया है वायरस अंगो को बड़ा या छोटा करने में सक्षम है, फर, पूंछ और हड्डी और मांसपेशियों की संरचना को बदलना भी कर सकता है। कुछ जीवाणुओं और पशुओ में संक्रमण के बाद मस्तिष्क की गतिविधि में भिन्नता, कुछ विषयों में आईक्यू में अत्यधिक कमी आई है, कुछ समान हैं और कुछ वास्तव में होशियार भी हुए हैं।

ट्रांसमिशन: वायरस अपने कच्चे रूप में हवा में भी जीवित रहता है लेकिन यदि ज्यादा मात्रा में हवा के कच्चे संपर्क में आये तो संक्रमण हो सकता है। हालांकि, संक्रमित व्यक्ति कच्चे रूप में वायरस का उत्पादन नहीं करते हैं। ये वायरस, इसके बजाय, यह मुख्य रूप से यौन तरल पदार्थ (वीर्य, योनि उत्सर्जन, प्राकृतिक स्नेहक) के माध्यम से प्रेषित होता है, हालांकि इसकी थोड़ी मात्रा संक्रमित की लार में भी मौजूद होती है और यदि स्तनधारी संक्रमित होते हैं तो स्तनपान से भी संक्रमित होने की संभावना रहती है। त्वचा संपर्क वायरस के शरीर में प्रवेश करने और प्रतिकृति शुरू करने के लिए आवश्यक है। सभी व्यक्ति जो वायरस के संपर्क में आए हैं, उनके संक्रमित होने का उल्लेख किया गया है, हालांकि बहुत कम व्यक्तियों को अपनी शारीरिक या मानसिक स्थिति में कोई बदलाव नहीं दिखाई देता है, जिससे उनमे इसके खिलाफ प्रतिरक्षा का आभास होता है। सभी संक्रमित बिना किसी अपवाद के वायरस को प्रसारित करने में सक्षम हैं।

रोकथाम: संक्रमित तरल पदार्थों के संपर्क में आने से बचने के अलावा संक्रमण को रोकने का कोई ज्ञात तरीका नहीं है। ऐसा लगता है कि वायरस किसी भी प्रतिरक्षा प्रणाली का सामना करता है, हालांकि संक्रमण और वायरल परिवर्तन के बीच का समय अलग-अलग होता है। इसके अलावा, वायरस की थोड़ी मात्रा भी संक्रमण पैदा करने के लिए पर्याप्त है, जिससे स्ट्रेन 21-सिग्मा क्यू बेहद संक्रामक और तेजी से फैलने वाला है। वायरस को ठीक करने के सभी प्रयास अप्रभावी साबित हुए हैं और कुछ मामलों में, केवल संक्रमित लक्षणों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हैं। आज तक संक्रमण को रोकने का एकमात्र सफल साधन संगरोध और विस्फोटक या आग के माध्यम से अत्यधिक शारीरिक विनाश है।

इलाज: फेरोमोन नामक हार्मोन में कमी करके इस वायरस के प्रभावों को कम किया जा सकता है। कुछ समय के बाद वायरस संक्रमित के शरीर में स्वयं कमजोर हो जाता है और संक्रमित तब संक्रमण फैला नहीं सकता और सबसे बेहतर है संक्रमण के दौरान मरीज को एकाकी रखा जाए।

सावधानी: संक्रमित को कभी भी संक्रमण होने के बाद पुरुष को सिल्डेनाफिल सिट्रट दवा या महिला को फ्लिबनसेरिन नामक दवाओ का उपयोग नहीं करना चाहिए इसके कारण कामेच्छा अचानक बहुत ज्यादा बढ़ सकती है । हाँ कुछ खाद्य पदार्थ खाने से शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर कम हो सकता है, जिनमें शामिल हैं: क्रूसिफेरस सब्जियाँ, जैसे ब्रोकोली, गोभी, फूलगोभी और केला, मशरूम, लाल अंगूर, पटसन के बीज,साबुत अनाज । संक्रमण के दौरान गर्म मसालों जैसे दालचीनी और लौंग के प्रयोग से बचना चाहिए ।

और डॉ एमी ने आखिर में लिखा था उसे आशा है वह इस वायरस का प्रभाव सिमित करने के लिए जो प्रयोग कर रही है उससे कई सेक्स की समस्याओ का समाधान मिल सकता है ।

कहानी जारी रहेगी

NOTE : कोरोना /COVID-19 के अतिरिक्त लिए गए सभी नाम, उपकरणों, रासायनों और पात्रो के नाम काल्पनिक हैं । इनका सच्चाई से कोई लेना देना नहीं है और इस कहानी का उदेश्य मनोरजन है।

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