खानदानी निकाह 19

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में ही ऊपर से चोदूंगी फिर लंड चुसाई और चुदाई
1.8k words
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Part 19 of the 67 part series

Updated 01/16/2024
Created 01/21/2022
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मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

खानदानी निकाह भाग 19

में ही ऊपर से चोदूंगी फिर लंड चुसाई और चुदाई ​

मैं बेड पर चित लेटा हुआ था और जीनत मेरे लंड की टोपी पर अपने नरम उंगलिया फिरा रही थी। फिर उसे लंड को छोड़ा और मुझे किस किया। मेरे लेटे हुए होने और ज़ीनत के उस प्यार के कारण मेरा लंड किसी सांप की तरहा खड़ा झूमने लगा था।

फिर से उसने फूले हुए, खून से भरे फड़कते तने लंड को पकड़ कर नीचे की तरफ झुकी और पोजीशन बनाकर ऐसे झुकी की लंड उसके मुहँ के सामने आ गया। जब लंड की टोपी ज़ीनत के मुहँ से बस एक इंच दूर रहा गयी तो आपा ने थोड़े से ओठ खोले और एक हल्की-सी फूंक लंड की टोपी पर मारी और उसकी फूक के साथ उसका कुछ थूक लंड पर गिरा पर लंड इतना गर्म था कि लंड पर से भाप उठने लगी और जिसे देख ज़ीनत की आँखे चौड़ी हो गयी उसकी उंगलियों ने हलके-हलके फिर से लंड को रगड़ना शुरू कर दिया था।

मैं दर्द और मजे से कराहने लगा। आह आह! उसके बाद ज़ीनत ने ओठो पर जीभ फिरा कर उसको गीला किया और फिर लंड की एक बार किश किया। लंड से भाप फिर उठने लगी और आपा को स्वाद अच्छा लगा आपा ने मेरे लंड पर फिर मैं ने झुक कर लंड की टोपी से अपने होंठ मिला दिए. अब आपा ने के लंड की टोपी का ऐक लंबा किस लिया फिर जब आपा ने अपने होन्ट लंड की टोपी से हटाये तो टोपी के सुराख से परिकम का ऐक कतरा निकल आया। फिर थोड़ा-सा और झुक कर ओंठ खोले पूरी जीभ बाहर निकाल ली। जीभ का अगला हिस्सा सुपाडे के छेद तक पंहुच गया था। आपा ने अपनी ज़बान से कतरे को पूरी टोपी पर फेला दिया और फिर मैं टोपी को मुँह में लेकर चूसने लगी।

प्रीकम की बूंदों के स्वाद ने ज़ीनत की हवस और बढ़ा दी। अब उसकी काम वासना और ज्यादा भड़क गयी, काफ़ी देर तक आपा ने लंड की टोपी को चूसा फिर वह मेरे लंड को चारों तरफ से अपनी ज़बान से चूम और फिर चाटने लगी। आपा जितनी हवस की भूख को शांत करने की कोशिश करती उतना ही हवस की आग भड़कती जा रहा थी।

आपा से लंड चटवाने का मेरा ये पहला सेक्स एक्सपीरियेन्स था, इस लिए मैं अपनी आन्खै बंद किए मदहोश हो रहा था। आपा अब पागलों की तरहा चारों तरफ से मेरे लंड की टोपी को चाट रही थी।

ज़ीनत के जीवन में ये पहला मौका था जब वह लंड चूस रही थी। आज उन्होंने अपने शौहर का लंड पहली बार मुहँ से लगाया था। एक दो बार लंड की टोपी चाटने के बाद ज़ीनत ने थोड़े और ओठ चौड़े किये और मुहँ खोला। धीरे से मेरे के लंड की टोपी के चारो ओर ओंठो का घेरा बना लिया। लार से सनी लसलसी जीभ अब लंड की टोपी के चारो ओर घूम रही थी।

मेरी सेक्सी कराहे उसकी उत्तेजना के साथ बढ़ रही थी, ज़ीनत अपने हाथ को फिर से लंड की जड़ में ले गयी और लंड के सुपाडे के थोड़ा-सा और मुहँ के अन्दर ठेल दिया, देखते ही देखते, खून से भरा लाल सुपाडा ज़ीनत के गीले और गरम मुहँ में समा गया। फिर आपा ने मेरा पूरा लंड अपने मुँह में ले लिया जो आप के गले के अंदर तक गया फिर वह मेरा लंड दबा कर मज़े से चूसने लगी। जैसे ने ज़ीनत ने लार से भरा मुहँ से मेरे हिलते हुए लंड के सुपाडे को पहली बार चूसा, मेरे मुहँ से हल्की-सी मादक आह निकल गयी।

इस बीच मैंने जूनि की तरफ देखा जूनि दूसरी तरफ लेटी हुई मेरे लंड की चुसाई देख रही थी और उसके हाथ अपने बूब्स को दबा रहे थे।

ज़ीनत की लार से सनी गुनगुनी जीभ मेरे फूले हुए लाल टोपी के चारो तरफ नाच रही थी बीच-बीच में मुहँ खोलकर वह अपनी लम्बी जीभ लंड पर फिराती हुई नीचे की तरह ले जाती और फिर शरारतपूर्ण तरीके से वापस मुहँ में ले आती और ओंठो से लंड को चूस लेती।

ज़ीनत के लंड के सुपाडे पर जीभ फिरा रही थी। सुपाडे को जीभ से चाट रही थी और फिर चूस रही थी जैसे कोई लोलीपोप चूसता है।

उसके बाद ज़ीनत ने मेरे लंड की टोपी को कसकर ओठो से जकड लिया। ओठ बंद करके और धीरे-धीरे अपना सर हिला कर टोपी चूसने लगी, जैसे बच्चे टॉफी चूसते है, मैं मजे ले रहा था और बेसाख्ता कामुक लम्बी कराहे भर रहा था। मेरा लंड उत्तेजना के कारण फटने की स्थिति में थाl

कुछ देर बाद अचानक मेरा हाथ ज़ीनत के सर तक पंहुच गया और आपा के बालो को मजबूती से पकड़ लिया और उसके सर को नीचे की तरफ ठेलने लगा। ज़ीनत इस तरह के हमले के लिए तैयार नहीं थी। उसे पूरा लंड गटकना पड़ा। मेरा लम्बा बड़ा लंड उसके ओठो को चीरता हुआ, खुरधुरी जीभ पर से गुजरता हुआ ज़ीनत के गले तक पंहुच गया जिससे उन्हें लगा की उनका गला घो स घुट रहा है अन्दर की साँस अन्दर रह गयी बाहर की बाहर। कुदरती तौर पर उनको को तेज खांसी आ गयी लेकिन मुहँ में पूरा लंड होने की वजह से घुट कर रह गयी।

ज़ीनत ने मुहँ से ही लम्बी साँस ली और मेरे लंड की जड़ के चारो ओर सख्ती से अपने ओठ कसे दिए और इससे ज़ीनत के मुहँ में मेरे फूले हुए कठोर लंड पर ज़ीनत के दांत लग सकते थे ये बात ज़ीनत भली भांति जानती थी।

ज़ीनत ने अपना हाथ मेरे हाथ पर रखा और हाथ पीछे किया जो मुझे रुकने को सन्देश था। फिर ज़ीनत आपा ने झटके से-से खुद को अलग किया, खांसी और फिर कुछ लम्बी साँस ली, जैसे किसी का कुछ देर तक गला दबाये रखो फिर छोड़ दो। ज़ीनत की हालत भी कुछ ऐसी हो गयी थी। उसने दो तीन सांसे जोर-जोर से ली फिर बोली आप मुझे अपने तरीके से चूसने दो। मैंने पहले भी कहा था आज आपको कुछ नहीं करना है अगर अब आपने कुछ मेरे साथ किया तो मैं आप से कभी भी नहीं चुदवाउंगी। तुम तो सिर्फ पड़े रहो तुम्हारा लंड खड़ा कर के में ही ऊपर से चोदूंगी और तुम्हारे को जन्नत की हूर कैसे चोदती है वह दिखाऊंगी।

उनके तेवर देख मैंने उनके के सर से तुरंत हाथ हटा लिया और अपने हाथ अपने कानों पर ले गया और बोला सॉरी आपा। मैंने कुछ नहीं किया। इतना मजा आ रहा था कि मैं अपने इख्तियार से बाहर हो गया था और अपने आप मेरे हाथ आपके सर पर चले गए. तो आपा बोली जूनी तुम आमिर के हाथो का ध्यान रखना आमिर के हाथ ज्यादा न भटके।

और फिर आपा थोड़ा मेरा पास इस तरह बैठ गयी की अब मेरे हाथ उनके बूब्स पर जा रहे थे उन्हेने मेरे हाथ अपने बूब्स पर रखे ौरः थोड़े से दबाये और मुझे उनसे खेलने का इशारा किया और मुझे करने दो। मैं कर रही हूँ, तुम्हे मजा आ रहा है बस मजे लेते रहो।

इतना कहकर ज़ीनत ने फिर से मेरे लंड पकड़कर मुहँ में ले लिया और कसे ओठो के साथ पूरा अन्दर लेती चली गयी। मैंने आपा के बूब्स को हलके-हलके दबाने लगा।

पहले वह जहाँ सिर्फ सुपाडे से खेल रही थी अब पूरा लंड मुहँ में लेकर चूस रही थी। ज़ीनत के कसे ओठो से गुजरता हुआ लंड पूरा का पूरा मुहँ में समा गया और फिर एक झटके में दिर ऊपर ले गयी और लंड बाहर आ गया लेकिन फिर भी टोपी ज़ीनत के मुँह में ही थी। उन्होंने अपने हाथ की उंगली और अंगूठे से एक छल्ला-सा लंड की जड़ में बना लिया था। इससे वह लंड के इधर उधर भागने या तिरछा हो जाने को रोक रही थी। बार-बार ज़ीनत गर्म खून के भरा, फड़कता गरम लंड अपने नरम-नरम गुनगुने गीले मुहँ में अंदर बाहर कर रही थी और फूला हुआ फड़कता सुपाडा जीभ की पूरी लम्बाई तय करके मुहँ के आखिरी छोर गले तक जा रहा था। आपा पहले धीरे-धीरे फिर स्पीड बढ़ा कर तेजी से अपना सर लंड पर ऊपर नीचे करने लगी। लंड अधिकतम जितनी गहराई तक मुहँ में जा सकता था जा रहा था। ज़ीनत की लार भरी जीभ लंड को गीला कर रही थी। इससे लंड आसानी से अन्दर बाहर हो रहा था। कमरे में बस लंड चूसने और मेरी कराहने की आवाजे ही सुनाई पड़ रही थी।

ओह्ह! आअह्ह्ह! उफफफ-उफफफ! हाये! चूसो और चूसो ऐसे ही चूसो!

वाह! आपा मजा आ गया! ओह्ह्ह!आह!

वो मेरे लंड को और ज्यादा कसकर पकड़कर आक्रामक और वाइल्ड तरीके से चूसने लगी, ऐसा लग रहा था जैसे सालो से इस लंड की भूखी हो।

मैं आनद में गोते लगाते हुए-आह आपा बहुत मजा आ रहा है, क्या लंड चूसती हो आप। आह-आह आह! और जोर से! और अन्दर तक लेकर चूसो आह-आह अह्ह्ह्ह। में भी ज़ीनत के ब्रैस्ट दबाने लगा और उसके निप्पलों को मरोड़ने लगा।

ज़ीनत के शरीर में पहले से भी ज्यादा तेज सिहरन दौड़ गयी। ज़ीनत ने अब पागलो की तरह मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया और उत्तेजना के मारे लंड पर दांत भी लगाने लगी, फिर और जोरदार तरीके से लंड को चूसने लगी। ज़ीनत लंड पर पूरी तरह झुककर तेजी से पागलो की तरह लंड को बेतहाशा मुहँ में पूरा का पूरा ले रही थी, इससे मेरे कराहने की आवाज और बढ़ गयी।

में भी ज़ीनत के ब्रैस्ट निचोड़ने लगा और उनके नीपल्लो को खींचने और मरोड़ रहा था और फिर हवस की आग ऐसी भड़की की ज़ीनत के होंठो से चुसवाते हुए मेरा 90 डिग्री पर खड़ा लंड ज़ीनत ने अपने मुँह से निकाल कर अपनी चूत का मुंह सुपारे पर रख एक ही धक्के में पूरा लंड घप्प से अंदर ले लिया और मेरे हाथ ज़ीनत के बूब्स पर थे और वह मेरे लंड पर उछल कर मुझे चोद रही थी।

मेरे मुँह से ऐक सिसकारी निकली और मैं ने खुद नीचे से अपने चूतड़ को उछाला और मेरा पूरा लंड ज़ीनत ने अपनी चूत में ले लिया, आपा ऊपर हुई और फिर लंड टोपी तक चूत से निकाला और फिर ऐक झटके से उसने वापिस चूत में ले दिया, अब आपा के मुँह से भी सिसकारी निकली और फिर मैं भी खूब ज़ोर-ज़ोर से झटके मारने लगा।

मुझे बोहत मज़ा आरहा था और आपा बुरी तरहा से सिसकने लगी, आआआअहह-आआआअहह उूउउफफफफफफफफफफफफ्फ़! और ज़ोर जोर से उछलने लगी आआअहह! ऊऊऊऊीीईईईईईईईईईईईई! मुझे बोहत माज़ा आरहा है मेरी जान। मैं उसके बूब्स दबा रहा था उउउउउउउउउउउफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्! फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ,

जूनि भी हमारी चुदाई देख मस्त हो गयी और वह मुझे चूमने लगी और फिर उसने अपनी चूत मेरे मुंह पर रख कर ज़ीनत को चूमने लगी और मेरी जीभ उसकी गुलाबी चूत की क्लिट पर थी और ज़ीनत की क्लिट मेरे लंड से टकराने लगी और नीचे से सुष्मिता-सी ज़ीनत की मखमली गद्देदार चूत का मज़ा और मुंह पर अल्हड कमसिन जूनि की तब्बू जैसी चूत, मेरे बड़ो का ऐसी हूरो को पैदा करने के लिए शुक्रिया और जूनि आई अहहा पिशाब निकल जायेगा कह कर झाड़ गयी और उसकी खट्टी-खट्टी चूत के जूस को मैं पी गया इतने में ही ज़ीनत भी झड़ चुकी थी और पस्त हो गयी थी। उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और उसका जिस्म ढीला पड़ गया।

कहानी जारी रहेगी

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