अंतरंग हमसफ़र - रंगरलिया 04

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इसने आपको बहुत तंग किया है और भगाया है
1.4k words
4.5
328
00

Part 4 of the 18 part series

Updated 11/08/2023
Created 02/20/2022
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मेरे अंतरंग हमसफ़र-

मेरे दोस्त रजनी के साथ रंगरलिया

UPDATE 04​

दीपक जी, इसने आपको बहुत तंग किया है और भगाया है इसकी चूत आप एक ही झटके में फाड़ देना, ' ये बोलते हुए तनु के होंठों पर एक क्रूर मुस्कान आयी।

तब तक रूबी भी वहाँ आ गयी थी ।उसे देख रजनी के चेहरे पर चमक आ गयी जो तनु से छुपी नहीं रही और उसने इशारे में रजनी को उसके पास जाने की अनुमति दे दी । रूबी को मैंने ही थोड़ी देर बाद हॉल में आने के लिए कहा था और वह अपने साथ शराब ले कर आयी और सबको जाम बना कर दिए और बोली नीरा दीपक को जितनी वों पी सके, उतनी पिलाओ और उनकी सब बात मानो"l फिर वह गयी और एक ट्रे में कुछ शराब के बोतल, केक नमकीन कुछ फल मिठाई इत्यादि ले आयीl मेरे पास आ कर, दो गिलासों में शराब डाल कर, मुझे एक छोटी बोतल देते हुए बोली मेरे कान में फुसफुसाई," आप नीरा को शराब में इस ख़ास देसी दवा की कुछ बूंदे डाल दें और आपके गिलास में भी मैंने कुछ बूँद डाल दी है इससे आपका आनंद बढ़ जाएगाl फिर मजे करिये" और उसके बाद रजनी ने रूबी को पकड़ लिया और रजनी रूबी को चूमने लगा l

मैं नीरा के पास पहुँचा और उसे अपनी बाहों में ले लिया। वह अभी भी डर से कांप रही थी। फिर एक टेबल को बिस्तर का पास खींचा और नीरा को बिस्तर पर ले गयाl उसके पास बैठ कर, मैंने पहले नीरा के साथ बिना कोई स्वतंत्रता लिए, आगे धीरे-धीरे आगे बढ़ने का फैसला किया और अपने सभी प्रयास आराम से करने का प्रयास कियाl मैं उसकी प्रशंसा करने लगा मैं उसे कहा, "तुम बेहद सुन्दर हो, तुम मुझे बहुत अच्छी लगीl तुम बहुत अच्छी हो!"

तो उसने शर्माते हुए पुछा, "आप को मुझ में क्या अच्छा लगा?", तो मैंने कहा, "तुम्हारे रस भरे ओंठ, मन करता है, बस इन्हें चूसता रहूँl"

फिर मैंने धीरे से उसके ओंठों पर अपने ओंठ रख दिए और मैंने उसके रस भरे ओंठों पर चुम्बन कर दियाl मैंने उसके चेहरे, उसकी आँखों और मुँह को बहुत कोमलता से चूमा। इससे वह थोड़ी शांत हुई। ऐसे ही उसकी तारीफ करता रहा और उसका पूरा चेहरा, गाल, नाक, माथा और आँखे, धीरे-धीरे सब चूमते-चूमते चाट गया

मैंने नीरा को शराब का गिलास दिया, तो वह बोली मैं शराब नहीं पीती, तो मैंने उसे एक घूँट पीने को कहा तो उसने पी लीl

नीरा बोली अब आप पीओ, तो मैं पहले शराब का घूँट भरता फिर अपने होंठ उसके ओंठों से लगा कर, उसे अपने ओंठों से शराब पिलाने लगाl इस तरह मैंने उसको कुछ गिलास शराब पिलाई और उसके साथ मैंने ख़ुद भी शराब पीl

कुछ देर बाद ख़ास उत्तेजक दवा और दारू का दोनों पर असर हो गयाl अब वह थड़ी खुलने लगीl

मैंने उसकी कमर और गर्दन के चारों ओर अपनी बाँहों को रखा और उसकी छाती को अपने छाती के पास दबाने लगा और एक हाथ उसकी छाती पर फिराते हुए, उसके मुलायम बदन को महसूस करने लगा और उसके गोल-गोल बूब्स को सहलाने लगाl

फिर मैंने उसके खड़े निपल्स को चूमा और चूसा। फिर मसला दबाया और चूस-चूस कर दोनों स्तन लाल कर दिए l वाह! क्या गोल सुडौल स्तन थे नीरा जोर-जोर से चिल्लाई। अब मैंने अपना ध्यान उसकी योनि की ओर लगा मैंने अपना हाथ उसकी जाँघ पर तब तक सरकाया, जब तक कि मेरी उंगलियाँ उसकी कुंवारी चुत के द्वार पर नहीं पहुँच गई। उसके मुँह से इस्सस! निकली और मेरे ओंठ जोर से चूमने लगी।

नीरा की चूत बिलकुल सफाचट थीl बालों का नामों निशान नहीं था, बिलकुल मुलायम, चिकनी और नरमl जब मैंने हाथ फिराया, पहले मैंने उसे किस किया और फिर उसे अपने होठों के बीच ले जाकर चूसा। 'ओह, यह प्यारा लगता है,' नीरा जोर से कराह उठी।

मैंने उसकी योनि के होंठों के बीच उँगली की नोक डालते हुए, उसकी चूत के दाने को ढूँढ लियाl मैंने उसे इतनी अच्छी तरह से छेड़ा कि वह अपनी जगह पर उछलने लगी और बोली अब इंतज़ार नहीं होता प्लीज अब कुछ करोl मैं इसे अब बर्दाश्त नहीं कर सकती। मेरा लंड फुल टाइट हो गया था।

मेरी आँखे के सामने नीरा के गोल सुदृढ़ सुडौल स्तन, गोरा कमसिन बदन, पतली बल खाती कमर, सपाट पेट, तीखे नैन नक्श, मीठी आवाज़, चंचल आँखे, गुलाबी होंठ, लम्बे काले बाल, नरम चूतड़ और तीखी नाक, बड़े गोल नितम्ब, लंबी सुगढ़ टाँगे और सुन्दर हाथ, सब कुछ बेहद सुन्दरl पूरा शरीर सांचे में ढला हुआ था। उसके गोल बूब्स को मैं दबाने लगा, तो कभी चूमने लगा, फिर उसके निपल्स को मुँह में ले कर चूसने लगाl उसे इस हालात में देख कर मैं सब भूल कर उसे जोर से काटने लगा तो वह ओह! आह! करने लगीl

उसकी ऐसे हालत देख मेरे भी लंड का तनाव इतना ज्यादा हो गयाl मैंने उसे पकड़ कर अपने शरीर से चिपका लियाl मैं उसका पूरा बदन महसूस कर रहा थाल दवा का असर नीरा पर हो रहा था और वह भी अब कामाग्नि में जल रही थी l मैंने अपने हाथों से उसे अपने छाती पर दबायाl उसके स्तन कठोर हो मेरी छाती में चूभ रहे थेl उसने भी अपने हाथों से मेरी पीठ को अपने स्तनों पर दबा दिया थाl तो मैं उसकेओंठों की किश करने लगा और मेरे हाथ उसके उसकी कमर पर फिसलते हुए रोज़ी के नितंबो की अपनी और दबाने लगेl ऐसा लग रहा था दोनों एक दूसरे में समां जाना चाहते होल

आकर्षित, उससे चिपका हुआ उसके नग्न शरीर को महसूस करते हुए मैंने उसे प्यार भरे चुंबन कियेl मैं पूर्ण उन्माद में थाl

दीपक, वहा खड़े-खड़े क्या देख रहे हो? नीरा का कौमार्य भंग करो ' तनु ने कहा।

उसके शरीर को मेरा करने के लिए, मैंने कांपती हुई नीरा को अपनी बाँहों में उठाया और उसे बिस्तर पर ले गया।

मैंने आराम करने के लिए एक तकिया उसकी शानदार गोल गांड, नितम्बो के नीचे रखकर लेटा दिया। मैंने उसकी जाँघों को चौड़ा किया और लंड पूरा खड़ा था तो उसने एक बार अपना हाथ लंड पर फेरा, तो लंड जैसे उसके हाथ के छुअन से पूरा भड़क गयाl

दूसरी तरफ रजनी रूबी को चूमता हुआ उसके स्तन दबा रहा था ।

नीरा बोली आपका लंड तो काफ़ी बड़ा है मेरी चूत फट जायेगी तो मैंने कहा 'चिंता मत करो, मुझे मैंने तुम्हारे जैसी कई लड़कियों का कौमार्य भंग किया है। सभी सुरक्षित हैं और सबने उसके साथ चुदाई का आनंद लिया है और लेने को लालायित रहती हैं। चाहे तो रूबी से पूछ लो इसकी बहन रोजी की योनि मैंने सबसे पहली फाड़ी थी।'

अपना नाम सुन कर रूबी पास आयी और बोली नीरा चिंता मत करो थोड़ा-सा दर्द होगा फिर तुम्हे दीपक के साथ चुदाई में बहुत मजा आएगा ।

तनु अधीर हो रही थी, उसने कहा, 'दीपक जी, चूमा चाटी बहुत हो गयी अब नीरा की कोरी चूत एक झटके से फाड़ दो।'

मैं तनु की बात मानने के लिए आगे बढ़ा और नीरा के ऊपर चढ़ गया और नीरा की चुत के छोटे से प्रवेश द्वार और चूत को हाथो से सहलाया चूत के दाने को लंड से मसला, फिर उंगलियों की मदद से योनि के ओंठो को फिर अलग किया, तो रूबी ने भी हाथ से मेरा लंड पकड़कर उसे नीरा की चूत के छोटे से छेद अपने लंड को जोर से लगा दिया। तनु ने फिर दोहराया, ' याद रहे दीपक, एक झटके से।

मैंने नीरा को मजबूती से पकड़ लिया और जोर से धक्का दिया। ' आयआयययययययीईईईईई दीदी बहुत दर्द हो रही है यह इतना बड़ा नीरा चिल्लायी मेरा लंड उसके कुंवारी योनि के अंदर गया और उसकी कौमार्य की सुरक्षा कर रही झिल्ली को बीच से फाड़ कर लंड चूत के झिली को चीरता हुआ नीरा का कुंवारापण भंग करता हुआ अंदर चला गयाl और अपने आप को उसके अंदर गहराई से दर्ज कर दिया और जिसके कारण अब वह अब वह कुंवारी नहीं रही थी। इस तरह नीरा की चूत की गुफा में मेरे लंड के लिए रास्ता बन गया थाl मैंने थोड़ा-सा लंड पीछे किया और फिर एक ज़ोर दार शॉट लगा कर पूरा लंड जड़ तक अंदर पैबस्त कर दिया

नीरा ने मुझे हटाने को कोशिश की लेकिन मैं उसके लिए बहुत अनुभवी और उससे अधिक ताकतवार था। वह हो रहे दर्द के मारे, रोती चीखता और जोर से चिल्लाती हुई अपने दांतों के बीच बिस्तर की चादर रखते हुए, इस दर्द को सहने का पूरा प्रयास कर रही थी। उसने चेहरे से ही लग रहा था कि उसे बहुत दर्द हो रहा हैl मैंने नीरा को धीरे-धीरे चूमना और सहलाना शुरू कर दिया, तनु ने मेरे नितम्ब दबा कर मुझे चुदाई जारी रखने का इशारा किया और फिर मैं अपना लंड उसकी योनी के अंदर और बाहर पंप करता रहा। तनु ने नीरा का हाथ अपने हाथ में लिया और उसे आश्वस्त करते हुए उसे दबाया।

कहानी जारी रहेगी

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