अंतरंग हमसफ़र - रंगरलिया 10

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स्वांगधारी का स्वागत
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Part 10 of the 18 part series

Updated 11/08/2023
Created 02/20/2022
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मेरे अंतरंग हमसफ़र -

मेरे दोस्त रजनी के साथ रंगरलिया

UPDATE 10

नयी छात्राओं का स्वागत ​

मोनिका थोड़ी हिचकती हुई लगी तो तनु ने पुछा की सुश्री मोनिका क्या आप बताएंगी की आप अब तक कहाँ थी और आप अकादमी में लगभग 2 बजे आ गयी थी और उसके बाद आपको मेडिकल जांच के लिए जाना था लेकिन आप वहाँ समय पर उपस्थित नहीं हुई । कहाँ थी आप?

रजनी-ओह! मोनिका! हमे तुमसे बेहतर व्यवहार की उपेक्षा थी और तुम एक बेहतर लड़की बनने की कोशिश क्यों नहीं कर रही हो। मैं तुम्हें दंड नहीं देना चाहता।

मोनिका-ओह श्रीमान! लेकिन मुझे पता नहीं था कि मुझे मेडिकल चेकअप करवाना है ।

रजनी-मिस मोनिका, आपने इस आवेदन पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं जिसमें स्पष्ट रूप से इसका उल्लेख है और आपने इसे हस्ताक्षर करने से पहले इसे जरूर पढ़ा होगा और आपको आपकी सहेली मिस निशा ने इस विषय में अवश्य बताया होगा। आपको इस भूल की सजा भी मिलेगी।

"लेकिन, सर कृपया मुझे माफ कर दें, मैं अब अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करूंगी।"

रजनी-" ठीक है, तो अपने व्यवहार से अपनी निष्ठां साबित करो अन्यथा अपने पिछवाड़े पर सन्टी महसूस करने के लिए त्यार हो जाओ। ये आपके लिए एक आखिरी मौका है मोनिका की आँखों में आँसू भर आए और वह उसके कठोर चेहरे को देख कांप उठी और जानती थी कि उसकी ओर से कोई भी विरोध बेकार होगा।

सजा की संभावना ने उसे इतना परेशान कर दिया और वह रोने लगी।

रजनी- "ओह! हो! मोनिका?" रोने से कोई फायदा नहीं होगा, कुछ नहीं होगा, देखो ये आपके लिए आखिरी मौका है अन्यथा आपको दंडित किया जायेगा।"

रजनी- मोनिका! अब आप से शुरू करते हैं आप नवआगंतुक छात्राओं में सबसे बड़ी हैं, सबसे पहले आपको वस्त्रहीन होना होगा और चिकित्सकीय जांच करवानी होगी, माप देना करना होगा ताकि हम अकादमी की पोशाक आपके लिए उपलब्ध करा पाए। "

ये बात सुन कर एक बार फिर बाकी दोनों नवआगंतुक छात्राओं शरमा गयी और उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि उन्हें क्या कहना है और मैंने देखा कि सुश्री निशा इस प्रकरण का भरपूर आनंद ले रही थीं।

किसी गुप्त कारण से निशा तनु के कान में को कुछ फुसफुसायी और उसने नीरा और फिर रूबी को और रूबी ने मुझे यह जानकारी दी कि " लंबी लड़की वास्तव में मोनिका नहीं थी, बल्कि निशा का प्रेमी मोनिका का भाई अनूप, था," जिसे निशा ने मना लिया था कि वह अपनी बहन मोनिका के व्यक्तित्व की नकल कर अकडेमी में आये और उसे ये नहीं बताया की उसे क्या करना होगा और इसमें कोई संदेह नहीं था कि वह अपनी असलियत उजागर होने और पकडे जाने के विचार से काफी परेशान था और मैंने वही राज रजनीकान्त को बताया और उसे फुसफुसा कर सलाह दी शांत रहें और इस खेल को कुछ देर खेले।

निशा ने हम सब पर जो चाल चली, उसे जानकार रजनी को बहुत गुस्सा आया, लेकिन मेरी फुसफुसाहट भरी सलाह सुन उसने मुझे कहा जैसा आप कहो वही करते हैं और फिर अपनी उस एक्टिंग के जोहर दिखाते हुए जो की वह स्कूल और कॉलेज में दिखा कर वाह वाही लूटता था, वह ऐसे आगे बढ़ा जैसे उसे इस बारे में कुछ पता ही न हो। "यहाँ मेरे पास आओ मिस मोनिका, जैसा की आप जानती हो यहाँ सब अपने हैं और सबने आपके समान गोपनीयता और नियमो के पालन की शपथ ली हुई है । आप घबराओ मत । और अपने कपड़े उतारना शुरू करो; शर्माओ मत नीरा और रूबी कृपया इस नवयुवती की सहायता करें।"

मोनिका। -"ओह! नहीं! नहीं! मुझे नहीं पता था कि मुझे ऐसा करना होगा," पहले से कहीं ज्यादा शरमाते हुए, मोनिका ने अपने पास आयी लड़कियों को दूर धकेल दिया। "मुझे आप यूनिफार्म दे दो और मैं अपने आप अपने वस्त्र बदल लूंगी लेकिन यहाँ आप सभी के सामने नहीं बदल सकती मुझे शर्म आती है।"

अध्यक्ष महोदय-"सुश्री मोनिका प्रवेश से पहले मेडिकल जांच कराना अकादमी का नियम है। सुश्री रूबी एक प्रशिक्षित नर्स हैं और दीपक डॉ हैं और ये जांच सभी की सुरक्षा के लिए है और आप अब अकादेमी के नियमों की अवहेलना कर रही हैं; आप पर नियमो के अनुसार अवहेलना करने पर बिना किसी रहम के सन्टी का उपयोग किया जाएगा और क्या आप सन्टी के उपयोग को पसंद करती है?"

मोनिका। -"आह! मैं आप सबसे से माफ़ी माँगती हूँ, मेरी नियमो की अवहेलना करने की कोई मंशा नहीं है । लेकिन-आपको वास्तव में मुझे इतने सारे लोगों के सामने कपड़े उतारने के लिए नहीं कहना चाहिए।"

यहाँ प्रधान निदेशक ने एक दुर्जय छड़ उठा ली, जो लंबी शहतूत की टहनियों के एक मोटे गुच्छे से बनी हुई थी है, जिसे लाल और नीले रंग के रिबन के साथ एक साथ बाँधा गया था और उनके एक संकेत देते ही, मैं, नीरा, तनु रूबी निशा, अजंता और शीना उछले और मोनिका को जकड कर, उसे कक्ष की सीढ़ी पर घसीटा और उसके हताश संघर्षों के बावजूद, दोनों टखनों और कलाइयों को रस्सी के साथ बाँध दिया और इस तरह बाँधे जाने के बाद मिस मोनिका ने खुद को काफी असहाय पाया, इससे पहले कि वह अच्छी तरह से समझती कि क्या हो रहा है और उसके साथ आगे क्या किया जाएगा?

अध्यक्ष महोदय, हाथ में छड़ी लेकर मिनका की तरफ आगे बढ़ते हुए। -"आह! मैं देख रहा हूँ, यह गंभीर हठ का मामला है; जल्दी से इसकी पोशाक को फाड़ दो और स्कर्ट को ऊपर खींचो।"

हम सभी मोनिका की पोशाक आदि को फाड़ने में मदद करते हैं, मोनिका शर्म से लाल हो गयी थी और चिल्लाने लगी, "आह! ओह! प्लीज ऐसा मत करो, मुझे धोखा दिया गया है, मैं लड़की नहीं हूँ, महोदय कृपया ' मुझे नग्न मत करो," दर और घबराहट के आँसू उसके गालों से नीचे बह रहे थे।

अध्यक्ष महोदय,। -"रुको सब लोग, तो, आप कौन हो आप पुरुष हैं या छक्का (षंड) हैं?"

निशा: नहीं सर वह नहीं चाहती थी कोई मर्द उसे ऐसे वस्रहीन देखे ।

अध्यक्ष महोदय: ओह तो डॉक्टर दीपक आप अपनी जांच जारी रखे।

मैंने अपना स्टेथोस्कोप का आला उठाया और उसकी सांस और छाती की जांच की और एक तरफ हो गया ।

अध्यक्ष महोदय:-मोनिका इन्होने तो इतनी ही जांच करनी थी बाकी जांच मिस रूबी ने करनी थी।

उसने कोई जवाब नहीं दिया तो रजनीकांत ने अपना सवाल दोहराया।

अध्यक्ष महोदय:-तो आप बताएँगे हमे आप कौन हो पुरुष हो, महापुरुष हो या फिर छक्के हो?

कमरे में मौजूद सभी लगे इस प्रश्न पर हंसने लगे और उसके भ्रम को देखकर अध्यक्ष चिल्ला पड़े "मिस तनु, इसे गुदगुदी का स्वाद चखाओ ताकि ये सब कुछ कबूल कर ले और उससे गोपनीयता की शपथ लेने को बोलो नहीं तो हम इसे कोड़े मार-मार कर मार डालेंगे।"

मोनिका उर्फ़ अनूप-अध्यक्ष महोदय प्लीज मुझे माफ़ कर दीजिये । ओह! मैं कहाँ फस गया ये शैतान लड़किया मुझे मार डालेंगी। ओह! मुझे जाने दो और मैं कभी किसी को कुछ नहीं बताने की कसम खाता हूँ।

अध्यक्ष महोदय-"अभी आपके जाने में बहुत समय है, आप मिस निशा के साथ की गयी इस बेहूदा साजिश के बाद इतनी आसानी से यहाँ से निकलने वाले नहीं हैं; आप दोनों एक दूसरे को अच्छी तरह से पिटाई खाते हुए देखेंगे; आप नीचे देखकर चौको मत हम आप से बहुत अच्छी तरह से परिचित हैं। फिलहाल के लिए आप काफी सुरक्षित हैं। नीरा अब मिस निशा को सजा देने की तैयारी कर रही है, ताकि वह जान सके कि आपके साथ उसे क्या करना है।"

निशा-"सर! आह सर! नहीं मिस तनु नहीं! मेरा मकसद सिर्फ थोड़ी मस्ती था मैं उसे सन्टी करवाना (छड़ी से मारना) चाहती थी और मुझे यही एकमात्र तरीका समझ आया जिससे मैं इसको पिटवा सकती थी।" जब निशा चिल्लाई तो तनु के चारे पर मुस्कुराहट फ़ैल गयी क्योंकि उसमे सैडिस्ट प्रवृति थी।

अध्यक्ष महोदय। -"बहुत अच्छा, मिस निशा, हम इसे ध्यान में रखेंगे और अब आप अपने नितम्बो को स्थिर कर उस खांचे में रख दीजिये। नीरा शुरू करो और मिस मोनिका अगर आप इस सजा के लिए त्यार नहीं हैं तो हमे तुरंत पुलिस और निशा आपके अभिभावकों को सूचित करना होगा।"

युवा सज्जन को सीढ़ी पर सुरक्षित रूप से स्थिर छोड़कर, उन्होंने उसकी महिला मित्र निशा को पकड़ लिया, जो जानती थी की विरोध करने से बेहतर है समर्पण करना और कुछ ही क्षणों में अनूप को अपनी महिला मित्र के नितम्बो और सुंदर टांगो को नग्न देखने का आनंद मिला और उसके नितम्ब और टाँगे लकड़ी के खांचे से बाहर निकले हुए थे जिसमें निशा के नग्न बदन का केवल एक तरफ का आधा हिस्सा ही देखा जा सकता है।

अध्यक्ष-"अब रूबी हमारे बीच हमारी छात्रा निशा द्वारा असमय में एक अन्य लिंग के व्यक्ति को प्रवेश दिलाने के लिए पेश करने और अकादमी के नियमो के धता बताने के प्रयास के लिए निशा में उचित सुधार लाना शुरू करेंगी।"

रूबी ने इस अवसर के लिए खुद को अच्छी तरह से मसालेदार सन्टी के साथ सशस्त्र किया। -"मुझे नहीं लगता कि जब हमने उसे भर्ती किया था तो इस दिलेर छात्रा को उचित तरह से दंडित किया गया था, अन्यथा उसके नीचे की व्यथा ने निश्चित रूप से उसे ऐसे किसी भी दुस्साहस से रोक लिया होता।" फिर व्हेक-व्हेक-व्हेक-व्हेक-वह बड़े विचार-विमर्श के साथ चार बहुत ही स्मार्ट सन्टी के स्ट्रोक मारे। "आपको यह कैसा लगा, क्या मेरा हाथ मिस तनु से भारी है?"

निशा, चिल्लाई और अपने पैरों को बहुत दर्द महसूस होने से तड़पने और नाचने लगी। -"आह! ओह! ओह! मैं माफ़ी की भीख माँगती हूँ-मैं क्षमा माँगती हूँ, वास्तव में मैंने सोचा था कि अकादमी में कुछ मौज मस्ती करुँगी। हाय मर गयी ओह! आह! ये बहुत तेज लग रहा है, यह भयानक है!" जैसे-जैसे सन्टी के प्रहार प्रभाव और सटीकता के साथ हो रहे थे वैसे वैसे, सन्टी का हर एक प्रहार लंबे लाल और लाल निशान और घाव छोड़ रहा था। निशा चिल्ला रही थी तनु सबसे ज्यादा मुस्कुरा रही थी और उसे अपनी योनि रस छोड़ती हुई महसूस हो रही थी ।

आपका दीपक

कहानी जारी रहेगी

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