अंतरंग हमसफ़र भाग 139

Story Info
प्यार की देवी​
1.7k words
0
181
00

Part 139 of the 342 part series

Updated 03/31/2024
Created 09/13/2020
Share this Story

Font Size

Default Font Size

Font Spacing

Default Font Spacing

Font Face

Default Font Face

Reading Theme

Default Theme (White)
You need to Log In or Sign Up to have your customization saved in your Literotica profile.
PUBLIC BETA

Note: You can change font size, font face, and turn on dark mode by clicking the "A" icon tab in the Story Info Box.

You can temporarily switch back to a Classic Literotica® experience during our ongoing public Beta testing. Please consider leaving feedback on issues you experience or suggest improvements.

Click here

मेरे अंतरंग हमसफ़र

सातवा अध्याय

लंदन का प्यार का मंदिर

भाग 8

प्यार की देवी​

पुजारिन जीवा ने इधर उधर देखा उसे महायाजक पिइथिया नजर नहीं आयी और उसने साथी पुजारीनो से पूछा। उच्च पुजारिन कहाँ है. वे सभी महायाजक के बारे में बिलकुल अनजान थी ।

फिर उसने देखा कि हाई प्रीस्टेस पानी के अंदर ध्यान मुद्रा में थी और जीवा ने उसे डेल्फी पायथिया कह कर पुकारा । डेल्फी आप ठीक हैं? धीरे-धीरे उच्च पुजारिन ने अपनी आँखें खोलीं और वह पानी की सतह पर आ गयी ।

जीवा तैरते हुए पानी में तेजी से पाइथिया की ओर कूदी और अन्य सभी पुजारिनों ने प्रीस्टेस जीवा का अनुसरण किया। उसने उससे पूछा कि डेल्फी यहां क्या हुआ?

पायथिया ने बताया कि वह कुमार के बारे में सोच रही थी। और फिर वहाँ अचानक धमाका हुआ और फिर वहां बहुत तेज प्रकाश हो गया । पहले तो पायथिया को धमाके और सफेद रोशनी से झटका लगा, लेकिन जल्दी ही उसे लगा कि यह सुकून देने वाला प्रकाश और सकूँ भरी गर्मी लिए हुए है। वह आराम महसूस कर रही थी, शायद इसलिए कि वह स्खलन के बाद आनद की स्थिति में थी। साथ ही अपने चिकने, कोमल पीले शरीर पर भी वह अपने चारों ओर उस प्रकाश आवरण की गर्माहट को महसूस कर सकती थी। और वह एक सफेद रसातल के बीच में नग्न खड़ी थी, प्रकाश की गर्माहट उसे एक सपना होने के लिए बहुत वास्तविक महसूस हुई, जिसने उसे योगिनी को भी भ्रमित कर दिया था ।

" पायथिया। " पायथिया लविया।" उसे अपने सामने से एक मधुर आवाज सुनाई दी। पायथिया ये आवाज सुन कर हैरान रह गयी और उछाल गयी जिससे उसके स्तन भी उछल गए । दिशाहीन आवाज का सामना करने के लिए बेताब, उसकी सुंदर आँखें चमक के इर्द-गिर्द घूम रही थीं।

"हाँ-हाँ?" मैं इधर ही हूँ उसने जवाब दिया । अचानक एक महिला के आकार उसके सामने अस्तित्व में आ गया। फ़िथिया ने तुरंत महसूस किया कि उसका दिल डूब गया है। उसके होंठ डर से कांप गए । उसे लगा न्याय की देवी न्याय करने के लिए आई हैं । पौराणिक कथाओं में न्याय की देवी की अवधारणा यूनानी देवी डिकी की कहानी पर आधारित है। डिकी ज़्यूस की पुत्री थीं और मनुष्यों का न्याय करती थीं।

उसकी आवाज कर्कश हो गई, और वो डर से कांप गई। उसका दिमाग उसके सिर के चारों ओर सभी प्रकार के विचारों और भावनाओं से भर गया ; ब्रह्मचर्य और संयम के लिए की गयी वो अपनी टूटी हुई प्रतिज्ञाओं के बारे में चिंतित हो गयी । उसने अपनी मर्जी से मजे के लिए कल रात में और आज यौन संबंध बनाए थे।

वह घुटनों के बल बैठ गई और फूट-फूट कर रोने लगी। "मेरी देवी! कृपया दया करें! मुझे माफ़ कर दो!जब से मैंने उसे पहली बार एयरपोर्ट पर देखा फिर मैं उस से मिली, तब से मैं उसके बारे में ही सोच रही थी मेरा मन भटक गया था और इस ने मुझे भ्रष्ट कर दिया है! मैं आपसे विनती करता हूं, जैसा आपने एक बार पुरानी महान मैट्रन के लिए किया था, कृपया मेरी जान बख्श दें! " उसके गालो पर उसकी आँखों से आँसू बह निकले, जिससे उसके गाल सूजे हुए थे।

पायथिया जोर जोर से चिल्लाते हुए अपनी नाक उस देवी के हाथ से रगड़ने लगी।

देवी की ओर से मौन था, जिन्होंने अपने हाथों को अपने चौड़े कूल्हों पर मजबूती से रखा। अंत में, वह बोली। "पायथिया! रोना बंद करो।" शब्दों को सुनते ही पायथिया ने तुरंत रोना बंद कर दिया। अब उसे लगा कि सब कुछ भ्रम है। अपनी बाजू से आँसुओं को पोंछते हुए, उसने देवी की ओर देखा।

" देवी? मैं-मैं-मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा! " वह शुरू हुई, अपने घुटनों पर बैठी, स्वाभाविक रूप से अपनी छाती को बाहर फेंक रही थी उसके स्तन उठे और हर तनावपूर्ण सांस के साथ गिर गई। देवी ने अपना सिर हिलाया जिससे उसके पिंडली की लंबाई के बाल झिलमिला उठे।

" पायथिया लविया मैं अप्पको दोषी नहीं मानती । खड़ी हो जाओ।"

पायथिया खड़ी थी, उसके गालों को गुदगुदाते हुए ढीले आँसू उसके चेहरे को नीचे गिरा रहे थे। "आप मेरे मंदिर की अनुयायी और मेरी मुख्य पुजारिन हैं?"

पायथिया ने सिर हिलाया, लेकिन भौंहें चढ़ा दीं, और दावे को नकारने के लिए उसे हिला दिया। "मैंने अवज्ञा की और अपनी गहरी, वासनापूर्ण इच्छाओं के आगे झुक गयी हूँ..."

एक बहुत छोटा सन्नाटा था हुआ जो की प्यार की देवी अफ्रोदिते की एक कोमल, सेक्सी हंसी से टूट गया । "मेरी प्रिय, प्यारी, सेक्सी पायथिया! "ध्यान से देखो मैं तुम्हारी इष्ट हूँ मैं एफ्रोडाइट हूं: सुंदरता वासना और इच्छा की देवी! अब ये सुन कर पायथिया सदमे से हांफने लगी। जीवंत चित्रों से उसका मन भर दिया। प्रेम की देवी एफ़्रोडाइट की विभिन्न पुरुषों के साथ सम्भोग की एक विस्तृत विविधता लिए हुए उनकी कथाये उसके सामने घूम गयी जिसमे वो कई नग्न, बैरल-छाती वाले पुरुषों के साथ सम्भोग में लिप्त थी. जिनमे कुछ में लिंग उसके मुख में था और कुछ में वह सह-लेपित चेहरे में मुस्कुरा रही थी। पायथिया के गाल लाल हो गए, क्योंकि उसकी पूरी दुनिया ही उलटी हो गई थी। देवी घास को स्पर्श करते हुए सुनहरे बालों के साथ सुंदर योगिनी की ओर मुड़ी और सभी प्रकार के नश्वर पुरुषों के साथ हर तरह का प्यार कर रही थी।

"ओह माय! एफ्रोडाइट गॉडेस ऑफ लव! " पायथिया बुदबुदाती हुई बोली और वो अपनी कामुक मुस्कान को दबाने की कोशिश कर रही थी। प्रेम की देवी और प्रकाश के बीच में से उसके पास पहुंची। अब उसकी विशेषताएं सामने आईं। उसके बाल झिलमिला रहे थे उसके सिर के दोनों ओर से लंबे, नुकीले कान बाहर निकले हुए थे, जो इयररिंग्स और पन्ना रत्नों की एक पंक्ति से सुशोभित थे। उसका शरीर एक अर्ध-पारदर्शी, सफ़ेद पोशाक में लिपटा हुआ था जिसने देवी के भारी बस्ट को उजागर किया और पीछे की ओर के भरी गोल नितंबप को भी उभारा ।

"मैं आपसे अप्रसन्न नहीं हूँ और फिर आपने तो वासना में मेरी शिक्षाओं का पालन ही तो किया है और मेरी तो आज्ञा भी है और उदेश्य भी है । प्यार करना, और प्यार करवाना । और एक ऐसे व्यक्ति के साथ जीवन का आनंद लेने के लिए जो आपको सबसे ज्यादा प्यार का एहसास कराता है।"

पायथिया ने सिर हिलाया, यह महसूस करते हुए कि उसके टांगो के बीच की गर्मी बढ़ रही है क्योंकि निषिद्ध दरवाजा खुल गया था। अब वो अपनी वासना की संतुष्टि करने के लिए स्वतंत्र हैं । ज्यादा देर नहीं हुई और ये विचार आते ही उसके निप्पल सख्त हो उभर गए। "मैं देख सकती हूं कि आप पहले से ही इसी बारे में सोच रही हो... मैं आपको दोष नहीं देती । विशेष विरासत वाले पुरुष हमेशा लड़कियों के लिए सबसे अधिक वांछित होते हैं। " पायथिया शरमा गई और हँस पड़ी, अब वो सहज रूप से उसके नीचे के होंठ को अपने दांतो से काट रही थी।

"लेकिन! कुछ है जो मैं आपसे पूछना चाहती हूं, पायथिया लविया।" प्रेम की देवी ने पायथिया के गाल को धीरे से सहलाया, उसके हरे रंग के नाखूनों ने उसके सुंदर चेहरे पर कोमलता से छींटाकशी की।

"आप आज्ञा करे प्यार की देवी। कुछ भी!" उसने उल्लास के साथ उत्तर दिया, अब वो लगभग उसी ऊर्जा के साथ उछल रही थी और ये उसकी आवाज से स्पष्ट था ।

"जब आप अपने परिवार को छोड़ कर भाग गयी थी और मंदिर की अनुचर बन गयी थी, तो आपके साथ क्या हुआ था जिसने आपको ऐसा करने के लिए प्रेरित किया था, मुझे बताएं कि यह क्या था।"

"मेरी प्यार की देवी आप सब जानती है । मेरी सौतेली माँ...मुझे उसकी कुटिल मंशा ज्ञात हुई थी और मुझे उसके बुरे इरादों के बारे में पता चला था । आपजानति हो उस समय मैं अपने प्रेमी से बहुत प्रेम करती थी और मेरी कुटिल सौतेली माँ जो की मेरी बहनों को दक्षिण में बेच चुकी थी और वहां के यौद्धाओ को प्रजनकों के रूप में दे रही थी! और जब मुझे पता चला कि मैं अगली हूँ जिसे वो बेचने वाली थी, तो मुझे बचने के लिए भागना पड़ा।" अब पायथिया के हाथ कांपने लगे। उसने उन शब्दों को याद किया जो उसकी सौतेली माँ ने मंदिर के पवित्र कक्ष में जुड़े हुए कक्ष में कहा था, जब पायथिया उस देवी से से प्रार्थना कर रही थी जो अब उसके सामने खड़ी थी ।

"पाइथिया लोवा संभवतः अब मेरे परिवार में सबसे अधिक प्रजनन योग्य है और सुंदर हैं । अब मैं श्रीमान उसे आपको सौंपने वाली हूँ और आशा है आप उसको बच्चों को पैदा करने के लिए सैकड़ों उत्तराधिकारियों और सैकड़ों अन्य प्रजनकों के बीज को गर्भ में धारण करने वाली आदर्श पत्नी बनाएंगे । मैं उससे नफरत करती हू। मुझे उस दिन से उससे नफरत है जिस दिन मेरी बहन ने इस कुतिया को जन्म दिया था, और मुझे खुशी है की वो अब जल्द ही आपकी पत्नी बन जाएगी।" मैं वहां छिप कर सब सुन रही थी और बस भाग कर अपने प्रेमी के पास गयी परन्तु वो अभी मुझसे विवाह नहीं कर सकता था और फिर मेरी सौतेली माँ से डरता था ओर फिर मैंने आपके मंदिर में शरण ली।

अब वो शब्द उसके सिर में गूँज रहे थे। उसकी अपनी माँ की बहन जो उसकी सौतेली माँ भी थी... उसे बेच रही थी। वह भागने के दिनों को याद काने लगी और अब उसे समझ आ रहा था और वो जानती थी कि ऐसा क्यों हो रहा है और देवी उसे ये सब क्यों याद दिला रही है ।

"पाइथिया के शरीर पर एड्रेनालाईन का एक शॉट था, वह सीधे हो कर बैठ गई, उसने अपने बालों को आत्मविश्वास से पीछे खींच लिया और प्यार की एफ़्रोडाइट देवी की आँखों में देखा । "हाँ मेरी इष्ट । अब मैं समझ गयी आप क्यों आयी हैं अब मैं उन सबको बचा लूंगी! "

" आपका सुन्दर...सुसज्जित प्रेमी इसके लिए उपयुक्त है, लेकिन इतना मजबूत नहीं है कि वो सब कुछ अकेला कर सके। आपको उसे शक्तिया देनी होगी और उसके साथ यात्रा करनी होगी, प्यार की देवी एफ़्रोडाइट के असली ज्ञान को किसी भी योगिनी तक पहुँचाना होगा और जब ऐसा करने के लिए आप दो और महिलाओं की तलाश करें जो आप दोनों के जीवन में शामिल हों। और सबसे कुटिल और जटिल शक्तिया आप दोनों के पास समय पर आएंगी । तभी आप पर्याप्त रूप से मजबूत होंगे।" प्रेम की एफ्रोडाइट देवी ने पाइथिया को होठों पर एक कोमल चुंबन दिया। और पाइथिया ने महसूस किया कि उसका पूरा शरीर शक्ति से पिघल गया है। जैसे ही देवी ने अपने होठों को अपने से पीछे खींचा, उसका कंधा जल से भीगा हुआ था, घुटने और चिकनी जांघें कांप रही थीं।

"प्रिय। आपको कामयाबी मिले।"

जारी रहेगी

Please rate this story
The author would appreciate your feedback.
  • COMMENTS
Anonymous
Our Comments Policy is available in the Lit FAQ
Post as:
Anonymous
Share this Story

Similar Stories

Nubian Warrior Ancient Egypt, where a priestess tests her guard's skills.in Sci-Fi & Fantasy
A Harem Fantasy Ch. 01 Destined for the royal harem, Virtal must lose her virginity.in Sci-Fi & Fantasy
The Freshman Ch. 01 Freshman Orientation - Jason meets Cecilia, his RA.in Novels and Novellas
Anatomy of an Invasion Ch. 01-03 A new hospital cures all of its patients. But is it safe?in Sci-Fi & Fantasy
Futa Quest Ch. 01 Mary the knight battles a demon queen.in Sci-Fi & Fantasy
More Stories