अंतरंग हमसफ़र भाग 148

Story Info
महायाजक द्वारा सशक्तिकरण ​
1.7k words
0
112
00

Part 148 of the 342 part series

Updated 03/31/2024
Created 09/13/2020
Share this Story

Font Size

Default Font Size

Font Spacing

Default Font Spacing

Font Face

Default Font Face

Reading Theme

Default Theme (White)
You need to Log In or Sign Up to have your customization saved in your Literotica profile.
PUBLIC BETA

Note: You can change font size, font face, and turn on dark mode by clicking the "A" icon tab in the Story Info Box.

You can temporarily switch back to a Classic Literotica® experience during our ongoing public Beta testing. Please consider leaving feedback on issues you experience or suggest improvements.

Click here

मेरे अंतरंग हमसफ़र

सातवा अध्याय

लंदन का प्यार का मंदिर

भाग 17

महायाजक द्वारा सशक्तिकरण ​

जिस समय पुजारिने दोना और रूना स्नान कर रही थी तो तीसरी पुजारिन क्सेनु भी आ कर उनके साथ स्नान करने लगी और उसी समय जिस कनिष्ट पुजारिन ने I पेन्डेन्ट पहना हुआ था वह पुजारिन तेल का पात्र उठाकर मेरे सामने आयी और घुटने टेककर मेरे पास बैठ गयी। दूसरी लड़की ने हाथों में थोड़ा-सा तेल डाला और मेरे पीछे चली गई, जबकि गागा ने भी अपने हाथों को मीठे महक वाले तेल में ढँक लिया।

एक साथ काम करते हुए, लड़कियों ने मेरी त्वचा में तेल की मालिश करना शुरू कर दिया, उनके हाथों ने काम करते समय मेरे बदन के तनाव को शांत किया और मुझे आराम महसूस हुआ। फिर घुटने टेक कर बैठी I पेन्डेन्ट वाली लड़की ने मेरे लिंग को अपने छोटे हाथों में ले लिया और उनमे तेल भर कर मेरी गेंदों को थपथपाते हुए, अपने हाथों को मेरे लंड के शाफ्ट से ऊपर और नीचे चलाते हुए, सीधे मेरी आँखों में देखते हुए और मुस्कुराने लगी।

स्नानगगर के कुंड में रूना बोली डोना आज आपने दीक्षाकर्ता का लिंग देखा है कितना विशाल लम्बा और मोटा है मुझे लगता है आज उसे अपने अंदर लेना आपके लिए एक चुनौती से कम नहीं रहेगा । डोना कुछ उत्साहित हो बोली हाँ बड़ा तो लग रहा है । आज आजमा कर पता चलेगा की कितनी बड़ी चुनौती है और फिर तीनो हसने लगी । उसके बाद तीनो जा कर दुग्ध के कुंड में नहायी और पहले डोना बाहर निकली और उस वेदी के पास आयी जिस पर मैं लेटा हुआ था

जब यौन तैयारी की जा रही थी तब संगीत धीमा हो रहा था। गागा मेरे ऊपर आ कर मेरी मालिश करने लगी हुई थी । डोना को देख कर मेरी मालिश कर रही गागा पलट गयी। दोना मेरे लिंग को अपने मुंह में लेने के लिए अपना मुँह मेरे लिंग के पास के आयी। कर्तव्यपरायणता से वह आगे झुकी और मेरे नमकीन इरेक्शन को चाटने लगी। यह अच्छी तरह से कठोर था। उसने बड़ी कठिनाई से पूरा मुँह खोल कर लंडमुंड अंदर लिया । समारोह के इस भाग को मेरे लिंग को कठोर बनाए रखने के लिए रखा गया था और साथ-साथ मुझे मुझे यह याद दिलाने के लिए की अब मुझे अन्य उच्च पुय्जारिणो से भी शक्ति प्राप्त करनी थी।

फिर मेरे ऊपर उच्च पुजारिन डोना आ गयी और मेरी मालिश करने लगी । अब उसकी कसी हुई, चिकना, तैलीय पीठ मेरे लंड को सहला रही थी, तब उसकी कुछ देर बाद मुझे एहसास हुआ कि मेरा लिंग अब डोना की चूत के ऊपर फिसल रहा है। वह मेरी छाती पर लेटने के लिए झुक गई। एक हाथ से मैंने दोना के स्तनों पर रख कर उन्हें दबाया और, दूसरे हाथ से मैंने D पेन्डेन्ट वाली दोना के चेहरे को अपनी ओर खींच लिया। मैंने धक्का दिया और मेरा मोटा लोहे का सख्त लंडमुंड दोना की योनि में चला गया जिससे वह उछल गयी और बेदम खुशी से चीख पड़ी। डोना ने अपनी आँखें बंद कर लीं और अपना मुँह खोल दिया और मेरी जीभ को अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगी।

मुझे अत्यंत आनंद का अनुभव हुआ और मैंने अपने अंदर डोना को कसकर दबाने और उसे अपनी पूरा लंड अंदर देने के लिए एक आग्रह महसूस किया, और मैं उसे बार-बार चोदना चाहता था। हालाँकि, मालिश के कारण मैं अभी भी रिलैक्स्ड महसूस कर रहा था और उसे छोड़ना भी नहीं चाहता था। कुछ प्रयास के साथ, मैंने अपनी पकड़ को ढीला कर दिया, उसकी बाहें दूर हो गईं और मैं चटाई पर सपाट लेट गया। मेरी सेवा ने नियुक्त उच्च पुजारिन डोना के कोमल होंठ मेरी गर्दन और चेहरे पर चूमने लगी और डोना अब धीरे-धीरे इत्मीनान से मेरे लंड के ऊपर और नीचे खिसकती रही और कभी-कभी स्थिति बदलती रही। लेकिन अभी भी वह पूरा लंड अंदर नहीं ले पायी थी ।

मैंने एक मजे से भरा हुआ आनंद अनुभव किया समय की किसी को कोई परवाह नहीं थी। एक पल के लिए मैंने सोचा कि क्या यह कोई अविश्वसनीय सपना है भावना बहुत वास्तविक थी, डोना और अन्य लड़किया मुझे प्यार कर मजे दे रही थी। लड़कियों के साथ संवेदनाओं और अंतरंगता ने मेरी जागरूकता की समग्र बना दिया था। उनकी यौन उदारता ने मुझे गर्मजोशी से भर दिया था। मुझे उनके लिए बहुत स्नेह महसूस हुआ, मुझे उनसे प्यार महसूस किया। यह परमानंद था।

डोना मेरे कंधे पर सिर रखकर लेट गई, मेरा लंड एक आसान लय में उसके अंदर सरक रहा था। आखिरकार, धीमी और गहरी उत्तेजना ने डोना को कामोन्माद में ला दिया। मैं कुछ समय के लिए चरमोत्कर्ष के किनारे पर था, लेकिन स्वयं पर नियंत्रण करते हुए सुखदायक और उदात्त अनुभूति को लम्बा खींच रहा था, लेकिन जल्द ही डोना का शरीर अकड़ गया और उसकी चूत मेरे लंड के चारों ओर कसने लगी, उसका शरीर तेजी से कांपने लगा। मुझे लगा जैसे डोना की शक्ति मुझ में प्रवहित हो रही है और मुझे सशक्त बना रही है और अब मैंने कुछ तेज धक्के और मार दिए ।

पुजारिन क्सेनु ने भांप लिया की डोना अब स्खलित होने वाली है और उसने डोना को आगे खींच लिया ताकि मेरा लंड उसकी संकुचन करती योनि से मुक्त हो जाए। डोना ने मुझे गाल पर चूमा, फिर डोना मेरी छाती पर लेट गई, जोर से काम्पी और बदन ऐंठा और बेसुध हो गई और चटाई पर लुढ़क गई।

इस बीच तीसरी उच्च पुजारिन रूना जो ये सब चुपचाप देख रही थी उसने अपना एक हाथ दोना की टाँगों के बीच ला कर उस की गरम चूत पर रखा और अपने दूसरे हाथ से दोना के बाँये मम्मे को काबू करते हुए कहा"ओह सिस्टर डोनापकी चूत तो किसी आग की भट्टी की तरह तप रही है! और आपके ये बड़े-बड़े मम्मे बड़े मस्त हैं, मुझे अपने साथ मस्ती करने दो और ख़ुद भी मेरे साथ मस्ती कर के ज़िंदगी के मज़े लो!"

यह कहते हुए रूना ने डोना की चूत के ऊपर घुमाते हुए अपने हाथ की एक उंगली को डोना की चूत में घुसा दिया।

"हाआआअ" अपनी चूत में रूना की उंगली को जाता हुआ महसूस कर के डोना के मुँह से सिसकारी निकली तो उस का बंद मुँह एक दम से ख़ुद ब ख़ुद खुल गया। जिस की वज़ह से रूना की ज़ुबान डोना के मुँह के अंदर दाखिल हो कर उस की ज़ुबान से टकराने लगी।

उधर डोना को भी अपने मुँह से निकलने वाली इस सिसकारी पर हैरानी हुई. कि बजाय इस के वह रूना को इस हरकत से रोके. उस की चूत ने तो ना सिर्फ़ मेरे लंड बल्कि उसके बाद रूना की उंगली को भी अपने अंदर लेना पसंद किया था । लेकिन वह रुकी नहीं बल्कि उसने रूना को अपने पास खींच लिया और अपनी उंगलिया रूना की चुत में घुसा दी और तब रूना डोना की चुत और भगनासा से खेलने लगी । फिर क्सेनु तेजी से घूमी और डोना की चुत चाटी और उसका रस मेरे मुँह से लगा कर मुझे निगलने के लिए उकसाया ।

अब डोना और रूना एक दुसरे के साथ व्यस्त थी तो मैंने क्सेनु को अपनी और खींचा और उसकी नंगी गान्ड पकड़ कर उसे थोड़ा ऊपर उठाया और अपने लंड के ऊपर बिठा लिया और अब क्सेनु की चूत मेरे से चुदवाने और मेरे लंड का अपनी फुद्दि के अंदर स्वागत करने के लिए तैयार थी।

तो क्सेनु ने वक़्त न गवाते हुए जल्दी से अपना हाथ नीचे ले जा कर मेरे इंतज़ार करते हुए गरम लौडे को पकड़ कर अपनी फुद्दी के दरवाज़े पर लगाया।

साथ ही मैंने कस्नु जो उन तीनो उच्च पुरोहितो में से रैंक में दो नंबर पर थी उसकी की गान्ड को पकड़ कर हल्का से नीचे किया। तो मेरा खड़ा हुआ-हुआ लंड क्सेनु की चूत में जड़ तक घुसता चला गया।

ज्यों ही मेरा लंड उस की फुद्दि में जड़ में जा कर उसकी बच्चेदानी को ठोकरे मारने लगा। तो क्सेनु के मुँह से मज़े के मारे सिसकारियाँ फूटने लगीं। उसने जोश में आते हुए अपने मुँह को मेरे मुँह से जोड़ दिया। अब स्थिति ये थी। कि मैं क्सेनु के नीचे लेटा हुआ था और मेरा लंड क्सेनु के अंदर था और मेरा लंड उसकी योनि की जड़ में समाया हुआ था और वेदी की एक तरफ उच्च पुजारिन डोना रूना की चुत में और रूना डोना की चुत में ऊँगली कर रही थी और चौथी उच्च पुजारिन हमे देख रही थी।

बस चार पांच तेज धक्के और क्सेनु मेरे साथ चिपक कर लेट गयी और उसकी दोनों बाज़ू अब मेरी गर्दन के इर्द गिर्द लिपटी हुई थी और नीचे से मेरा लंड क्सेनु की चूत में पूरे का पूरा जड़ तक धंसा हुआ था।

चुदाई की इस पोज़िशन में मैंने क्सेनु की गान्ड पकड़ कर उसे थोड़ा ऊँचा किया इतना की मेरा लंड पूरा बाहर ना आये और फिर मैंने पूरे जोश से उसे चोदन शुरू कर दिया। क्सेनु अपनी गान्ड मेरे लंड पर हिला-हिला कर बहुत मज़े से अपनी चूत चुदवा रही थी। मुझे लगा जैसे डोना की शक्ति मुझ में प्रवहित हुई थी वैसे ही अब क्सेनु की शक्ति मुझ में प्रवाहित हो रही है और मुझे सशक्त बना रही है और मैंने कुछ तेज धक्के और मार दिए ।

फिर मैंने अपने मुँह में डोना का बायाँ मम्मा अपने हाथ में भरा और उसे चूसा और-और मम्मे को अपनी मुट्ठी से कस कर दबाने लगा। हाईईईईईईई! तुम्हारे इन मम्मो ने तो मुझे पागल ही कर दिया है। " मैंने डोना के मम्मे पर अपने ओंठ और जीभ फेरते हुए कहा। मैंने नीचे क्सेनु के अंदर धक्के मारने जारी रखे और इसका नतीजा ये हुआ की क्सेनु स्खलित हो गयी और लंड निकाल कर नीचे लेट गयी । अब क्सेनु की परिचारिका जिसने X पेंडेट गले में पहना हुआ था उसने क्सेनु की योनि को चाटा और उसके रस का गोला बनाया और मेरे मुँह से पाना मुँह चिपका कर मुझे चुंबन करते हुए उसकी रस मेरे मुँह में सरका दिया ।

अब वक़्त था कि रूना मेरे ऊपर आये। वह अपनी महिमामय नग्नता में खड़ी होकर वेदी पर चढ़ गई। फिर खुद को तब तक नीचे किया जब तक कि वह घुटने के बल मेरे लंड के ऊपर आ गयी। अपने मेरे उत्तेजित लंड को पकड़कर उसने अपने आप को उस पर तब तक रखा जब तक कि उसने इसे पूरी तरह से नहीं ले लिया और धीरे-धीरे और फिर तेजी से, मेरे ऊपर सवारी करनी शुरू कर दी। मैं बहुत उत्तेजित लग रहा था क्योंकि मैंने भी उससे मिलने के लिए अपने कूल्हों को ऊपर की और जोर देना शुरू कर दिया था। मेरे हाथ उसकी टांगो को सहलाते हुए उसके स्तनों तक पहुँच गए थे। उसके पीछे के परिचारकायो ने मेरी छाती को सहलाया क्योंकि मैं आनंद में लेटा हुआ था और मेरा शरीर अब देवी की पुजारिन को समर्पित था।

जारी रहेगी

Please rate this story
The author would appreciate your feedback.
  • COMMENTS
Anonymous
Our Comments Policy is available in the Lit FAQ
Post as:
Anonymous
Share this Story

Similar Stories

Tales of the Sexual Healers Ch. 01 I become a White Witch.in Sci-Fi & Fantasy
Jaspernon the Prince Ch. 01: Court King's concubine attracts interest from all the court males.in Novels and Novellas
Life and Times of a Priestess Ch. 01 Pt. 01-02 Danella is obliged to attend sexual ceremony at temple.in NonConsent/Reluctance
The Priest of the Goddess A day in the life of a priest in a temple of pleasure.in Group Sex
The Sacrifice Chosen sacrifice is taken to altar of The Goddess.in Sci-Fi & Fantasy
More Stories