खानदानी निकाह 40

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चलो अब एक साथ नहाते हैं
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Part 40 of the 67 part series

Updated 01/16/2024
Created 01/21/2022
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मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

भाग 40

चलो अब एक साथ नहाते हैं​

अर्शी ने कहा, "चलो अब एक साथ नहाते हैं," और हम मास्टर बाथरूम की ओर चल पड़े। घर में बहुत बड़ा बाथरूम था और पांचों को उसमें नहाने में कोई परेशानी नहीं हुई। मैं चारो को बड़े बाथटब में ले गया मैंने एक हाथ में रुखसार और ज़ीनत का हाथ और दुसरे में अर्शी और जूनि के हाथ पकड़, हम सब के सब उस छोटे से बाथटब में उतर गए। हम सब पानी में हर तरह की शरारते कर रहे थे।

कभी लड़कियों पर पानी के छींटे डाल कर और कभी तो उनका सिर और कानों को दबाकर, और उन्हें हर संभव तरीके से उकसाया, और उन्हें धोने के लिए मैंने अपने हाथों को हर आज़ादी दी। हर हिस्से को सहला स्तनों को निचोड़ और उनकी चूचियों, उनकी मुलायम बेलो जैसी टाँगे, उनकी जाँघों, उनके चूतड़ों और दूसरे सभी हिस्सों को रगड़ते हुए मैं उनके साथ खेल रहे था और लड़किया भी यथा संभव मेरा और मेरी अन्य बेगमो का साथ दे रही थी. रुखसार शुरू में सिर्फ मेरे साथ चिपकी हुई थी वही बाकी तीनो ज़ीनत अर्शी और जूनि पहले मेरे साथ फिर बारी बारी से आपस में भी मजे ले रही थी. रुखसार को मरे साथ साथ तीनो लड़किया भी छेड रही थी, तो वह भी मुस्कुरा कर उनके अंगो पर पानी के छींटे मार देती थी l सच में बहुत मजा आ रहा था।

रुखसार ने मुझे कसकर गले लगाया। मेरा लंड अब कठोर हो चूका था और उसके योनि क्षेत्र पर दब रहा था। मैंने अपना चेहरा उसके नंगे स्तनों के अंदर छुपाने के लिए नीचे किया। मैंने अपना मुँह खोलकर और अपनी जीभ से चारों ओर चाट कर उसके उसके निपल्स को चूमा और फिर चूसने लगा। मेरे हाथ उसकी पीठ पर थे और वे नीचे फिसल गए, उसके कमर पर से फिसलते हुए उसके नितंबों तक पहुँच गए। मैंने उसके नितम्बो को प्यार से छुआ और धीरे से थपथपाया।

"तुम्हारा पिछवाड़ा भी कितना प्यारा है" मैंने प्रशंसा करते हुए कहा। हम दोनों बिलकुल नग्न और करीबी आलिंगन की स्थिति में थे। जीनत ने शॉवर ऑन कर दिया। पानी धीरे-धीरे बहने लगा-उसके बालों से, उसके स्तनों के नीचे, नीचे उसके योनि क्षेत्र में उसकी जांघों के नीचे, पैरों के नीचे और उसके पैर की उंगलियों से पानी बहने लगा । मेरा लंड का उभार उसकी योनि क्षेत्र में उसे चुभ रहा था और लंडमुंड उसकी योनि के ओंठो का चुंबन ले रहा था. हम दोनों एक दुसरे को सहलाते हुए चूमने लगे । उसका हाथ मेरे लंड पर गया उसने मेरे इरेक्शन के ऊपरी वक्र के नीचे अपनी उँगलियों को फंसाया, शाफ़्ट को अपने हाथ में हिलाया उसका हाथ लंड की परिधि के चारों ओर मध्य-लंबाई पर फैला, केवल उसकी मध्यमा और अंगूठे की मदद से उसने गोल घेरा बना कर लंड को पकड़ा और मेरी लाल गर्म छड़ की पूरी लंबाई पर अपना हाथ आगे पीछे घुमाया ।

अर्शी ने कहा, अब हम तुम दोनों को साबुन लगा कर नहला देती हैं । वह मेरे कंधों को सहलाने लगी और फिर कंधो पर साबुन मलने लगी। जैसे ही उसने मेरी नग्न त्वचा को छुआ, एक कंपकंपी मानो मेरे शरीर से गुजर गई। मैं जोर-जोर से सांस ले रहा था और मेरा पूरा शरीर गर्म हो रहा था।

फिर जूनि धीरे-धीरे वह मेरी पीठ को रगड़ने लगी और मेरी मांसपेशियों को महसूस कर रही थी । उसके गर्म, कोमल हाथ मुझमे कामुक संवेदनाओ को जगा रहे थे । फिर उसने अपने हाथों को मेरे नितम्बों पर फिराया और अपनी साबुन लगी उँगली को मेरी गुदा से एक दो बार गुजारा और फिर उसने मेरी टांगो और पैरो को साबुन के साथ रगड़ा और सहलाया।

जीनत बोली आमिर! अपने हाथ उठाओ।

मैंने मुड़ा और देखा कि वह मेरे शरीर को रगड़ने के लिए आगे को झुकी हुई थी और उसके शंक्वाकार स्तन मेरे सामने लटक रहे थे और मैं नियंत्रित नहीं कर सका और मैंने अपने हाथों को उसके कंधों पर रख अपना मुंह उसके स्तन के करीब लाया और उन्हें चूमा।

आआह!

वो बड़बड़ायी, आमिर! और मेरे छाती पर साबुन रगड़ने ;लगी! वह मेरी धड़कनों को अपनी हथेलियों पर स्पष्ट रूप से महसूस कर रही थी, मैं निश्चित रूप से उसके स्पर्श से उत्तेजित था। कुल मिलाकर, वास्तव में यह एक अद्भुत एहसास था!

तीनो ने मुझे और फिर रुखसार को साबुन लगाया और फिर आपस में एकदूसरी को साबुन लगाया और फिर अपने शरीर को एक साथ मेरे और रुखसार के साथ रगड़ा। मैंने उनमें से प्रत्येक को उँगलियों से चोदा और वास्तव में कोशिश किए बिना ही सबसे पहले जूनी में एक चरमोत्कर्ष अनुभव किया। इस बीच मैंने उन सबके ओंठो को खूब चूसा और और स्तनों को बुरी तरह से दबाने के बाद चूमा चाटा और चूसा । इसके बाद ज़ीनत और फिर अर्शी ने उसने प्रेम के जलाशय की बाढ़ को खोल दिया।

फिर मैंने रुखसार को अपने गले से लगा कर कुछ देर उसकी पीठ को सहलाया और फिर मेरे हाथ उसको स्तनों पर चले गए और उन्हें दबाने लगेl उसके बूब्स सुडोल और बड़े बड़े थे और उसके निप्पल भी उत्तेजित हो चुके थेl मैं उसके स्तन पकड़ कर उनकी दृढ़ता को महसूस किया और उनके दवाया l उसके निप्पल उत्तेजना में खड़े हो चुके थे l फिर मैंने उसके स्तनों को चूमा सहलाया दबाया. तो जीनत ने मुझे पानी दाल कर धोना शुरू किया और जूनि ने फिर से शावर चला दिया और जल्द ही साबुन निकल गया।

और मैं ज़ीनत का एक निप्पल को अपने मुँह में ले कर चूसने लगा, फिर उसके दुसरे निप्पल को चूसा l फिर ऐसे ही एक एक कर चारो के दोनों निप्पलों को चूसता रहा ।

उत्तेजना के वजह से उसके स्तन और कड़े हो गएl मैंने रुखसार को अपनी छाती के साथ चिपका लिया तो उसके गोल सुडोल स्तन और निप्पल मेरे छाती में गड गएl बता नहीं सकता मुझे क्या मजा आया l फिर मैंने उसको सीने से लगा कर रखते हुए उसके ओंठो को दुबारा चूमना शुरू कर दिया l फिर मेरा हाथ फिसल कर सीधा उसकी गांड तक पहुँच गयाl

ज़ीनत ने मेरे बालों से शैम्पू हटाने के लिए मगे भर कर पानी और अपने हाथ का इस्तेमाल किया।

फिर अर्शी ने धीरे-धीरे मेरे दाहिने हाथ और बाजू को सहलाना शुरू किया, उन्हें सूंघते हुए, उसने मेरी बाजुओं को जानबूझकर धीमी विधि के साथ स्क्रब किया,, उसने जहां भी रगड़ा, उसका स्पर्श स्फूर्तिदायक और शांत करने वाला, उत्तेजक और आश्वस्त करने वाला था। वो स्पर्श करते हुए मुझे साबुन रगड़ती रही और पानी डालती रही. ऐ मैं ना केवल युवा और तरोताजा महसूस कर रहा था, बल्कि अधिक कामुक हो रहा था ।

अर्शी ने मेरे पूरे बाए शरीर को अपने हाथों से धोया, मेरे हर हिस्से को साफ करने, दुलारने और छेड़ने के लिए उनका इस्तेमाल किया, सभी बाहरी, या वास्तव में लगभग आंतरिक, जहां वह पहुंच सकती थी। उसने मेरी त्वचा को रगड़ना जारी रखा । उसने मुझे कभी-कभी अपनी तरफ घुमाया, दूसरी बार मेरे पेट पर, फिर मेरी पीठ पर, मेरे कानों के पीछे से मेरे पैर की उंगलियों के बीच और बीच में सभी जगहों तक पहुंचने के लिए अपने हाथो का इस्तेमाल किया ।

कहानी जारी रहेगी

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