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आठवा अध्याय
हवेली नवनिर्माण
भाग10
गुलाबी बैग वाली गुलाबो
मेरी छोटी माँ, फुफा या मामा के घर जो लंदन की दूसरी और था इसलिए मैंने लंदन ट्यूब (लंदन भूमिगत ट्रैन व लंदन मेट्रो) का इस्तेमाल करने का फैसला किया क्योंकि उसके जरिये ही मैं सब से कम समय में अपने फूफा के घर में पहुँच सकता था । मैंने उन्हें फोन करके बतया की मैं उनसे मिलने आ सकता हूँ । पश्चिमी देशो में बिना नौमती किसी के निवास स्थान पर जाना अभद्रता माना जाता है ।
जब मैं ट्रैन के स्टेशन पर पहुँचा ही था और मैंने ट्रैन का पास बनवाया हुआ था और तभी मेरी ट्रैन आ गयी ट्रैन रुकी गेट खुले और ट्रैन केपायदा न पर कुछ हलचल हुई-पहले एक गुलाबी बेग आया और तेन के गेट पर स्थित पायदान कि पहली और आखरी पंक्ति के बीच में फंस गया। बैग इतना बड़ा था कि दूसरी तरफ कौन है ये नजर नहीं आ रहा था । एक बड़ा गुलाबी बेग मतलब निश्चित ही कोई सैलानी है या कोई निवासी था जो किसी दौरे से लौटा है, मैं ट्रैन में चढ़ने के लिए उतरने कि सीढियों तक पहुचा, उधर बारिस के बादल गरजने लगे ।
मैं सीढियों पर पहुच कर रुका और उसने स्थिति का जाएजा लिया गुलाबी ट्राली बेग रस्ते में कुछ इस तरह फंस गया था कि न बाहर निकाल रहा था और न ही अन्दर कि तरफ वापिस जा रहा था बेग का मालिक उसको अन्दर से धक्का दे रहा था पर बेग आगे खिसकने का नाम ही नहीं ले रहा था। इतने में बारिश शुरू हो गयी ।
मुझे लगा बैग के साइड की जेब में कुछ सामान रखा हुआ था जिसे अगर बैग की जेब से निकाल दिया जाए तो बैग आसानी से बाहर आ जायेगा। मैंने कहा-रुको अगर हम पॉकेट का सामान निकाल ले तो बेग आसानी से बाहर आ जायेगा बारिश बहुत तेज हो गयी थी और उसने बेग कि चैन खोली उसमे कुछ मेकअप का सामान था जो रास्ता रोक रहा था। मैंने वह सामान निकाल कर अपने हाथ में ले लीया, ऊपर से बेग के मालिक ने एक जोरदार धक्का दिया और आसानी से बाहर आ जाये पूरा बेग फिसल के मेरे हाथ में आ गया और पूरा बैग मेरे हाथ में आ गया और मैं लडखडा गया पर मैंने लडखडाते हुए अपना संतुलन संभाला और कैसे तैसे उस बेग को मैंने हाथ से छोड़कर जमीन पर रखा, उस बड़े बेग के दरवाजे से हटते ही उसके दोनों तरफ का दृश्य साफ दिखाई पड़ने लगा और मैंने अपना संतुलन सम्भालते हुए ट्रैन अन्दर दरवाजे पर एक महिला या लड़की खड़ी थी, वह बेहद सुंदर सुनहरे बालो वाली गोरी लडकी थी उसकी आखे बड़ी और नीली तीखे नाक नक्श और कुल मिला कर उसका चेहरा बहुत आकर्षक था, उसने लाइट पिंक कलर की शर्ट और वाइट स्कर्ट पहनी थी, उसके बाल खुले हुए थे और चेहरे पर बुद्धिमानी कि छाप थी, लम्बाई लगभग 5" 6 से ज्यादा और फीचर मिस यूनिवर्स से भी बढ़ कर थे । गुलाबी बैग वाली लड़की गुलाबो को मैंने देखा और बस देखता ही रह गया, झमाझम गिरती बारिश में वह गुलाबी बैग वाली लड़की गुलाबो सुन्दरी मुझे पहली नजर में ही भा गई थी।
दूसरी और दरवाजे पर खड़ी गुलाबी बैग वाली लड़की गुलाबी ने पहली बार अपने मददगार को देखा और पहला ख्याल जो उसके मन में आया वह था ये तो हीरो है, ये लड़का सुंदर है और समझदार, मददगार और बुद्धिमान है और फिर वह कुछ पहचानने की कोशिश करती रही और उसे जैसे कुछ याद आ गया और उसके चेहरे पर मुस्कान आ गयी और मैं जल्दी से ट्रैन में चढ़ा और उसका जो सामान मैंने उसके बैग से निकला था वह मेरे हाथ में ही रह गया और ट्रैन के दरवाजे बंद हुए और इससे पहले की मैं उसका सामान लौटता या वह मुझे धन्यवाद देती ट्रैन चल पड़ी ।
जब तक वह गुलाबी बैग वाली लड़की गुलाबो अपने विचारो से बाहर आयी उसने अपने आपको सँभालते हुए मुझे ऐसे देखा मानो वह कह रही हो "थैंक यू वैरी मच"? तभी उसकी नजर अपने बेग पर पड़ी और उसने देखा बैग की वह जेब खुली हुई है और उसका वह सामान गायब है तो उसके चेहरे के भाव तेजी से बदल गये उसने अपना मुंह रोने जैसा कर लिया और अपने पांव पटकती हुए बोलने लगी--मेरा मेकअप का समान ले गया । मैं फूफा के परिवार के सदसयो और छोटी माँ और बहनो के लिए कुछ तोहफे लाया था । उस सामान के साथ उस लड़की या महिला का समान रख लिया ।
उसके बाद मैं फूफा के घर पहुँचा । वहाँ पूरे परिवार, छोटी माँ ने मेरा स्वागत किया और मैंने सब को तोहफे जो मैं उनके लिए लाया था उनको दिए. वह सब उनको पसंद आये और वहाँ उन सब ने मुझे बहुत प्यार दिया और उन सब की एक ही शिकायत थी की मैं उनको पास रुक कर क्यों नहीं पढ़ रहा!, तो मैंने उन्हें अपने कॉलेज से दूरी की समस्या बताई. सबसे बड़े मामू को मैंने हवेली के पुनर्निर्माण की आवश्यकता बयाई तो उन्होंने मुझे एक आरकिटेक्ट, इंटीरियर डेकोरेटर और ठेकेदार का नंबर दिया और उनसे बात करने के लिए बोला । उन्हें मुझे बताया की मेरे पिताजी ने उन्हें हवेली के पुनर्निर्माण में हर मदद करने का आग्रह किया था ।
फिर हमने शाम की जल्दी डिनर किया और मैं उनसे फिर मिलने और आते रहने का वादा कर ट्रैन से लौटने के लिए चल दिया ।
अपने स्टेशन पर उतर कर मैं वह के एक बड़े माल में गया जहाँ मुझे कुछ सामान लेना था । वहाँ पर मुझे वही गुलाबी बैग वाली लड़की गुलाबो नजर आयी । मैं एकटक उसी को ही देखे जा रहा था और जब वह मेरे पास से गुजरी हडबडाकर कहा-आई ऍम सोरी लेकिन मेरे पास और कोई चारा भी नहीं था। और मैं उसके पास गया और उसका सामान उसकी लौटाया और उसे बोला ये मेरे पास ही रह गया था और ट्रैन चल पड़ी और मैं उसे आपके उस समय लौटा नहीं पाया । कृपया मुझे माफ़ करे! फिर भी मैंने उस से कहा--मैं तो तुम्हारी मदद कर रहा था तुमको जरूरत क्या थी इतनी जोर से धक्का देने कि ये कोई कुश्ती थोड़ा हो रही थी केवल फंसा हुआ बेग निकालना था, उसके लिए दिमाग कि जरूरत थी जो लगा कर मेने आपका बेग निकाल दिया और ट्रैन चल पड़ी आपका ये सामान मेरे हाथो में ही रह गया तो मेरी क्या गलती थी।
लडकी के चेहरे के भाव नहीं बदले। और उसके हावभाव देख कर लग रहा था कि मिस यूनिवर्स नाराज है और अब मेरे पास चुपचाप निकल लेने के सिवा और कोई चारा नहीं था।
मैंने स्थिति कि गम्भीरता को समझा और उसके उलटे डायरेक्शन कि और बढ़ गया मैंने अब तक अपनी जिन्दगी में कई सैलानी लड़कियाँ और औरते देखी थी, पर इसकी बात कुछ और ही थी, इन दिनों में मैंने बहुत खुबसूरत लडकीया या महिलाये देखि थी लेकिन ये पहली गुलाबी बैग वाली लड़की गुलाबो थी जि्सके साथ पहली ही मुलाकात में मनमुटाव हो गया, था और मेरा मन एक अजीब से दर्द से भर गया।
कहानी जारी रहेगी