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Click hereमेरे अंतरंग हमसफ़र
नौवा अध्याय
डॉक्टरी की पढ़ाई
भाग 14
रैगिंग इंट्रोडक्शन
मैंने वह पूरी रात मोनिका के साथ बिताई, हम पहले सम्भोग के बाद सेक्स का पूरा आनंद उठाते रहेl एक साथ पूरे मजे लेते हुए हम बार-बार चुदाई करते रहेl हमने अलग-अलग आसान में चुदाई करते हुए एक दुसरे में खोये रहे। पता ही नहीं चला इस तरह प्यार करते-करते कब सुबह हो गयीl
सुबह जब उजाला हुआ, तो मेरे दायी और मोनिका बिस्तर पर, मुझ से चिपक कर सोई हुई थीl और दूसरी तरफ क्सान्द्र और उसके साथ केप्री चिपक कर सोई हुई थी। मैंने मोनिक्रा को अपनी और खींचा तो वह मेरी बाहो में समा गयी और अपना चेहरा मेरी छाती में छिपा दिया और उसे फिर उसके होठों पर एक नरम चुंबन कर दिया और वह मेरे कान में फुसफुसायी। उठ जाओ मेरे राजा। मैंने अपनी आँखे खोली और मुस्करायी और अपने बाहे मेरी गर्दन पर लपेट कर मुझे एक चुंबन के लिए नीचे खींचा और हम दोनों के ओंठ जुड़ गए।
उसके हिलने से उसके ऊपर पड़ी हुई कम्बल सरक गयी और मेरी निगाहें उसके गोल सुडोल स्तनों पर टिक गईं। उसको बदन पर हमारे रात के कारनामे के गवाह कई निशान थे। मैंने कहा मोनिका तुम्हे कल रात मैंने चूमा है चाटा है, चूसा है और शरीर के लगभग हर हिस्से को भोगा है। शायद ही कोई ऐसा हिस्सा है तुम्हारे बदन का जिसे मैंने नहीं देखा है फिर भी तुम्हे ऐसे देख और चूम कर देखो मेरा लिंग तुम्हे प्यार करना चाहता है ।
मैंने उसे चूमा और मेरा लिंग एकदम कड़ा हो चूका था । मैंने उसकी चुदाई करने के इरादे से अपना लिंग उसकी योनि के पास ले गया। मेरे लिंग का स्पर्श उससे हुआ तो मोनिका ने मेरे लिंग को मेरे दाहिने हाथ में पकड़ लिया। वह पीछे हुई और अपनी टाँगे फैला कर योनि के ओंठो को पूरी तरह से खोल लिया। मेरा लंड किसी रोड की तरह कड़ा और चिकना था। वह ध्यान से लंड अपनी योनी के पास ले गयी तो मैंने महसूस किया वह खुद भीगी हुई थी। उसने प्रवेश द्वार पर मेरे लंडमुंड को कई बार ऊपर और नीचे किया। उसने अपनी आँखें बंद कर लीं और मैंने कुछ देर के लिए अपने लंड के सिर को उसकी ज्वलंत लाल योनि के तंग उद्घाटन में दबा दिया और आगे की ओर धकेल दिया। मैंने बस आगे की ओर धक्का मारा और गेंदों को गहरा किया। उसकी योनि अविश्वसनीय रूप से तंग थी और उसकी योनि रस से भीगी हुई थी। उसने इसे एक झटके में भोलेपन से अपने अंदर लेने के लिए अपने नितम्बो को आगे धकेल दिया और मैंने उसी समय लंड आगे धकेल दिया। हम दोनों पूरी तरह से उत्तेजित थे। मैं जोर-जोर से लंड अंदर-बाहर करता रहा वह हर बार थोड़ा-थोड़ा कराह रही थी। मेरे तेज झटको ने जोर ने उसे स्खलन के लिए प्रेरित किया। उसने अपनी कमर मटका कर गांड को फड़फड़ाया। मेरा लंड उसकी चुत के अंदर था और लंड का सिर उसकी चूत में पूरा अंदर गया हुआ था।
आहह! (उसके कराहने की आवाज के साथ ही उसकी चूत में मेरा पूरा लंड जड़ तक घुस गया) ।
मैंने लंड जोर-जोर से अंदर-बाहर किया, मेरा हाथ उसके एक दृढ़ गोल स्तनों को सहलाने और दबाने लगा और उसके स्तनों की मालिश करने लगा तो वह कराहने लगी।
आहह, (उसके कराहने की आवाज के साथ ही मैंने अपना लंड पूरा जड़ तक घुस दिया था) । मैने उसे घूमाकर सीधा किया और अपने सीने से चिपका लिया और उसे लिए हुए ही पलट गया। अब वह बेड पर मेरे नीचे लेटी थी और मैं पूरी तरह से उसके ऊपेर चढ़ा हुआ था। मैंने कुछ देर उसका बदन सहलाया और पीठ पर हाथ फेरे और नितम्बो के महसूस किया और धक्के मारता रहा । मैं ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा। मोनिका की चूत पहले से ही पूरी गीली हो रही थी तो 'फच फिच' की आवाज़ आने लगी और थोड़े ही समय में ही उसके मुंह से 'आह आह ओह ओह...' की आवाज़ें निकल रही थी और उसने मुझको कस कर भींच लिया और अपनी गोल बाहों में जकड़ लिया।
मैंने अपना लंड मोनिका की योनि से बाहर निकाला लेकिन पूरा नहीं निकाला... इसके बाद पुनः थोडा-सा और अन्दर डाला और हर बार पहले से थोड़ा अन्दर डाला और ऐसे तीन बार करने के बाद पूरा जड़ तक अंदर डाल दिया और फिर पुनः निकाल लिया।
मोनिका कराह रही थी ओह्ह। हाय आह आहहह-आहहह आह हहहहह!
ऐसे ही मैंने कम से कम चार पांच बार किया। ओह्ह। हाय आह आहहह-आहहह आह हहहहह! मोनिका मेरी हर हरकत पर मजे लेते हुए कराह रही थी। ओह्ह। हाय आह आहहह-आहहह आह हहहहह!
मोनिका का मुंह पूरा खुला हुआ था और सांस लेने, करहै भरने और सिसकियाँ निकालने का इकलौता रास्ता। मेरे हर धक्के से उसके स्तन हिल जाते और नीचे का हिस्सा, जहाँ पेट और योनि मिलते हैं, मेरे पुष्ट मांसल लंड के प्रहारों से लाल होता जा रहा था।
मैंने चुदाई की गति तेज़ कर दी। मोनिकाा अपनी उत्तेजना के चरम पर थी, उसने मेरे कन्धों को जोर से जकड रखा था। हमारे सम्भोग की गति और तेज़ हो गई- मोनिका की रस से भीगी चुत में मेरे लंड के अन्दर बाहर जाने से 'पच-पच' की आवाज़ आने लग गई थी। उसी के साथ हमारी कामुकता भरी आहें भी निकल रही थीं। जल्द ही उसे एक अविश्वसनीय रूप से तेज संभोग सुख प्राप्त हुआ।
उसका बदन कांपने लगा और फिर अकड़ गया और वह कराहने लगे उसकी तेज मीठी कराह सुनकर मेरा बाँध भी टूट गया। मेरे लिंग से एक विस्फोटक स्खलन हुआ और उसके बाद तीन चार और बार वीर्य निकला। हर स्खलन में मैंने अपना लंड और मोनिका की योनि के और अन्दर पेल रहा था। मेरे चरमोत्कर्ष पाने के साथ ही मोनिक्रा एक और चरम आनंद प्राप्त कर चुकी थी। मैं उसके होंठो को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी। मेरी जीभ जब उसकी जीभ से मिली तो उसका शरीर सिहरने लगा और वह झड़ने लगी। इस उन्माद में उसकी पीठ एक चाप में मुड़ गयी, जिससे उसके स्तन और ऊपर उठ गए। मैंने उसका एक चूचक अपने मुह में ले लिया उसे चूमा तो वह बोली मास्टर अब आप उठिये । तब तक क्सान्द्रा, और केप्री भी उठ चुकी थी ।
मैं जल्दी से बाथरूम जा कर नहाया और फिर नाश्ता कर कॉलेज चला गया ।
कॉलेज के गेट पर ही मुझे आमिर और वारेन मिल गए और वह बोले भाई क्लब में तुम्हारा क्लब में बहुत चर्चा हो रही है और तुम इस शनि इतवार नहीं आये तो तुम्हारे लिए आज रात क्लब में विशेष सत्र रखा गया है और तुम्हे जरूर आना है । हम ये बाते कर ही रहे थे की आमिर ने मुझे बताया आज से कॉलेज में अन्य पाठ्यक्रम जैसे इंजीनियरिंग, विज्ञान, आर्ट्स और कॉमर्स अन्य स्नातक कार्यक्रमो के छात्र और छात्राये भी आ रहे हैं और हमे नए छात्रों और छात्राओं से मिलने का मौका मिलेगा ।
फिर वारेन अपने अन्य मित्रो के साथ दूसरी तरफ चला गया और मैं और आमिर एक दूसरी तरफ चले गए. उस दिन हमारे पहला पीरियड फ्री था ।
तभी वहाँ कुछ नयी लड़किया नजर आयी जो बहुत सुंदर थी। सब लड़के उन लड़कियों के वासना भरी नज़रों से देखने लगे। वैसे तो रैगिंग बैन हैं परन्तु इंट्रोडक्शन के नाम पर थोड़ी बहुत रैगिंग होती हैं और सुन्दर लड़की की सब से ज्यादा-हर कोई सुंदर लड़कियों के साथ इंट्रोडक्शन करना चाहता है । यूरोप में वैसे भी मौहौल काफी खुला हुआ होता है । कॉलेज में सीनियर लड़कियाँ भी बड़ी सुंदर और कमीनी थी-और रैगिंग लेने मैं पीछे नहीं थी । नए लड़के और लड़किया सब खुश लग रहे थे आखिर उन्हें सबसे अच्छे कॉलेज और यूनिवर्सिटी में से एक में अड्मिशन मिला था।
मेरे दोस्तों में लंदन जाते समय मुझ से कहा था, कुमार कॉलेज में सिर्फ पढाई नहीं, मस्ती भी करना, कॉलेज के यह पल बहुत हसीन होते हैं, जिंदगी मैं दुबारा नहीं आएंगे और खूब सारे दोस्त बनाना और रैगिंग से डरना मत । इसी से सीनियर्स के साथ परिचय होता है और सीनियर बहुत मदद करते हैं और कॉलेज ज्वाइन करके मुझे 8-10 दिन हो गए थे, अब रोज रैगिंग और इंट्रो से लगभग सभी MBBS के सीनियर्स लड़कों को जान गया था, एक दिन कॉलेज के सीढ़ियों पर कुछ सीनियर्स लड़कियों ने मुझे रोक लिया । उनमे कुछ MBBS की थी और कुछ अन्य कोर्सो की ।
सीनियर: ऐ फ्टचा (फ्रेशर) इधर आ...मैं उनके पास चला गया और विश किया-
मैं: गुड मॉर्निंग मैडमस!
यही रैगिंग मैं फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट्स को बताया गया था अपने सीनियर्स को हमेशा मैडम बोल कर विश करो । उस दिन मेरी रैगिंग कुछ इस तरह हुई...
सीनियर: कौन-सा कोर्स?
मैं: MBBS ।
सीनियर: क्या नाम है तुम्हारा?
मैं: दीपक कुमार ।
सीनियर: यहाँ इतना लम्बा नाम नहीं चलता हम कुमार कहेंगे।
मैं: गुडमॉर्निंग सर! जी सर । सब हसने लगे ।
सीनियर: कुमार! तेरी कोई गर्लफ्रेंड है।
मैं: नहीं मैडम?
एक सीनियर लड़का : क्यों नहीं हैं? सेक्स की इच्छा नहीं होती?
मैं: जी सर! होती हैं।
सीनियर: फिर क्या करते हो? हिलाते हो?...वगैरे वगैरे... फिर।
सीनियर: जा यह गुलाब का फूल ले और वहा जो लड़किया हैं, उनमे से किसी एक लड़की जो भी पसंद हो उसको प्रोपोज़ कर, हम देख रहे हैं, भाग न जाना। यह रैगिंग मैं कॉमन था... बहुत सारे लड़को और लड़कियों के साथ होता आया है।
मैं वहाँ से निकला तो आमिर जो वही था बोला यह कमीनी सीनियर लड़किया छोड़ेंगी नहीं। सबको देखना था कि मैं किस सुंदर लड़की को प्रोपोज़ करता हूँ, उनके ग्रुप के कुछ सीनियर लड़के भी आ गए और गौर से देखने लगे ।
कहानी जारी रहेगी