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नौवा अध्याय
डॉक्टरी की पढ़ाई
भाग 41
बहरूपिया
एंजेल में मुझे बताया की उसके पिता के एक अधेड़ दोस्त जो उसे क्लब में ले गया था वह मेरे पिताजी की दौलत पर कब्ज़ा करना चाहता है और इसलिए वह मेरे पीछे पड़ा हुआ है और वह उससे बचना चाहती है ।
तभी मैंने दरवाजे की घंटी बजने की आवाज सुनी। विरोनिका ने दरवाजा खोल दिया। दरवाजे पर एक जवान लड़की और लड़का खड़े हुए थे।
"आप क्या चाहतेी हैं, इतनी जोर से घंटी क्यों बजा रही थी?" वियोनिका ने बेरहमी से उसे लगभग डांटते हुए पूछा।
"प्लीज़ मैडम मुझे कुछ पैसे दे दो, मुझे बहुत भूख लगी है। हमने कल से खाना नहीं खाया," उनमे से लड़की ने विनती की।
मैंने पुछा कौन है उसे। विरोनिका बोली दो भिखारी हैं। कुछ पैसे मांग रहे हैं ।
मैं दरवाजे पर आया और पुछा आप कौन हो और दोनों को ध्यान से देखा तो भी उन्हें पहचान नहीं पाया। लड़की बोली मेरा नाम डिंकी हैं और ये मेरा भाई विक्टर है। दोनों का चेहरा गंदा था । विक्टर की ढाढी बढ़ी हुई थी बाल भी गंदे थे और दोनों ने फटे-पुराने कपड़े पहने हुए थे। लड़का 30 साल का लग रहा था और लड़की 18 साल की।
उनमे से लड़की ने जवाब दिया, "सर, तो कुछ खाने के लिए दे दीजिये, हमने कल से खाना नहीं खाया है।" सर आप भिखारियों को खाना दते हैं ये मुझे अलिसिया ने बताया था ।
अब मैं उन्हें पहचान गया ये जरूर डॉ एड़ी और ग्रेस हैं और मुझे याद आया एलिसिया जब अपनी बहन ग्रेस को लाने गयी थी तो वह लड़की के भेष में आयी थी । मुझे लगा की इनमे से एक डॉ एड़ी है पर कौन डॉ एड़ी और-और ग्रेस ये मैं बिलकुल पहचान नहीं पाया ।
तब तक लूना भी वहाँ आपने सामान ले कर आ गयी।
मैंने ग्रेस की कलाकारी का नमूना, लूना, एंजेला और विरोनिका को दिखाने के लिए मैंने भी नाटक करते हुए सख्त लहजे में कहा, मैं भिखारियों को पैसे नहीं देता वह चाहे तो हमारे साथ खाना खा सकती है। और फिर जोर से हस्ते हुए बोला आपका स्वागत है डॉ एड़ी और ग्रेस!
डॉ एड़ी हसने लगी और बोली पहचान नहीं पाए ना । यही ग्रेस का कमाल है । उसने हंसते हुए कहा, "यह ग्रेस है। वह हमारी मेकअप विशेषज्ञ है।" ग्रेस पच्चीस के आसपास थी, बहुत सुंदर, दुबली-पतली और अच्छे बड़े स्तन वाली लंबी युवती हमारे सामने 18 साल की कमसिन कन्या के वेश में थी और डॉ एड़ी 30 साल के भिखारी के वेश में थी।
मैंने ग्रेस को उनकी दक्षता और कलाकारी के लिए बधाई दी ।और उन्हें एंजेला की समस्या बताई । तो बोली मैं इनका भेष बदल दूँगी कोई इनको पहचान नहीं पायेगा आप अपनी यात्रा आराम से पूरी कर सकोगे ।
मैंने उनसे अपने साथ चलने का आग्रह किया । कुछ देर बुदबुदाहट के बाद वह मान गई और मैंने उन्हें हमारे प्रस्थान की आवश्यक तैयारी करने के लिए छोड़ दिया।
जैसा कि ग्रेस ने सुझाव दिया था एंजेला को युवक के भेष में और मुझे लड़की के भेष में जाना चाहिए और बाकी हमारे साथ केप्री, क्सान्द्रा और डॉ एड़ी पुरुष के भेष में और लूना, विरोनिका और ग्रेस नौकरानियों के भेष में जायेंगी । इसी के अनुसार कार्य करते हुए, हमने उचित कपड़े खरीदने के लिए मैंने आवश्यक सामान ख़रीदा और तय हुआ मैं, एंजेला, ग्रेस और विरोनिका एक बड़ी ट्रवेलोर बस में साथ में निकलेंगे और बाकी लोग पीछे दूसरी बस में रहेंगे और हमने अपने छद्म नाम चुने सिल्वेस्टर और मरीना ।
एंजेला के पिता के उस बदमाश दोस्त को चकमा देने के लिए ग्रेस ने एंजेला की एक नौकरानी को उसके कपडे पहना कर और मेकअप कर दिया जिससे वह एंजेला जैसी ही लग रही थी और उसे अपने घर में रहने को कहा और साथ ही ये भी बोला की वह हर रोज दो तीन बार घर की बालकोनी में निकले ताकि उसके पिता के उस बदमाश दोस्त को लगे तुम घर पर ही हो ।
शाम तक हमारे पास सब कुछ तैयार था और हम दिन के उजाले से पहले रात में सफर शुरू करने वाले थे। दिन के उजाले से पहले में हम पूरी गति से चले और इंग्लिश चैनल पार करके फ्रांस पहुँच गए ।
एंजेला को ग्रेस ने एक बहुत ही सुंदर दिखने वाला दाढ़ी मूँछोंवाला लड़का बनाया और ये हमारी यात्रा में कुछ बहुत ही मनोरंजक कारनामों का कारण बना। फ्रांस की बेल्जियम के साथ की सरहद पार करने के बाद हम एक छोटे से कस्बे में रुके. उस कसबे का मुखिया भूरे बालों वाला और गंजा साठ साल से भी ज्यादा भद्दा दिखने वाला बूढ़ा और उसका बड़ा-सा पेट था। अपने घर पहुँचने के बाद, उसने एक नौकर से अपनी पत्नी को सूचित करने के लिए भेजा कि घर में महमान आये हैं और वह हमे उससे मिलवाना चाहता था।
कुछ ही मिनटों में, हमारे सुखद आश्चर्य के लिए, हाल में एक बहुत ही आकर्षक, गुलाबी गालों वाली, जीवंत दिखने लगभग बीस साल की युवती मिकी ने प्रवेश किया जो की उस बूढ़े मुखिया की पत्नी थी।
कहानी जारी रहेगी