एक नौजवान के कारनामे 273

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2.5.57 ऐश्वर्या रानी का स्वास्थ्य परिक्षण
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Part 273 of the 278 part series

Updated 04/23/2024
Created 04/20/2021
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे-273

VOLUME II-विवाह और शुद्धिकरन

CHAPTER-5

मधुमास (हनीमून)

PART 57

ऐश्वर्या रानी का स्वास्थ्य परिक्षण

इसके बाद हम सब ऐसे ही चुदाई करते उस रानिवास में सो गए और सुबह उठ कर हम गुरूजी से मिलने गए तो उन्होंने कहा आज पूर्णिमा है और हमे महागुरु अमर मुनि जी से मिलने और उनसे आशीर्वाद लेने जाने की आज्ञा दी। मैंने ससुर जी से जाने के लिए निवेदन किया तो गुरुआज्ञा जान उन्होंने भी जाने की आज्ञा दे दी ।

बिदाई के समय उन्होंने बहुत से उपहार और भेंट दी, मैंने भी उन्हें भेंट दी और अपने राज्य में आने का निमंत्रण दिया । मैं जाते हुए चाहता था की विजया भी हमारे साथ चले लेकिन कहने की हिम्मत नहीं कर पाया ।

ससुर जी बोले दामाद जी आपके भाई महाराज ने मुझे बताया की नयी बहु के स्वागत में एक दावत रखी गयी है और हमे उसके लिए आमंत्रित किया है और इसलिए जब गुरूजी के दर्शनों के उपरान्त हम अपने राज्य पहुँचे तो उन्हें पूर्व सूचना देने का आग्रह किया ताकि वे भी उस पार्टी में समय पर पहुँच सके । मैंने, ज्योत्स्ना, ऐश्वर्या भाभी और रोजी ने उन्हें प्रणाम किया और उनसे बिदा ली।

हमने महागुरु अमर मुनि जी के दर्शन किये और उनका आशीर्वाद लिया, गुरुदेव ने पास ही स्थित मंदिर में दर्शन के बाद पास ही दूसरी कुटिया में जाने के लिए आदेश दिया ।

क्योंकि मैं यह अवसर चूकना नहीं चाहता था। ऐश्वर्या भाभी, मैं और ज्योत्सना ऋषि की कुटिया में गए। वहाँ एक अन्य ऋषि थे, उन्होंने ऐश्वर्या भाभी की ओर देखते हुए कहा, "महारानी जी, हमने महाराज परीक्षण किया है, हमे ज्ञात है कि आपने राजकुमारी के मायके में देवी पूजन कर पाप नाशिनी पजा की है। अब हम आपके शरीर का परीक्षण करेंगे और जांचेंगे कि आप बच्चा पैदा करने में सक्षम हैं या नहीं।"

इस बयान से मुझे चिंता हुई और ऐश्वर्या भाभी भी परेशान दिखीं।' मैं उनके कान में फुसफुसाया भाबी जी! "चिंता मत करो, मैं तुम्हें आश्वस्त कर सकता हूँ कि तुम्हारी सभी समस्याएँ हल हो सकती हैं" इससे ऐश्वर्या भाभी के चेहरे पर थोड़ी ख़ुशी आ गई।

वो मेरे कान में फुसफुसाई "धन्यवाद!" ऐश्वर्या भाभी ने हाथ जोड़कर ऋषि को प्रणाम करते हुए कहा। "गुरुजी! हमें विश्वास है कि आप हमारी समस्याओं का समाधान करेंगे और हम संतान बच्चा पैदा करेंगे।"

ऋषि ने शांत मुस्कान के साथ उत्तर दिया, "तुम्हारे निश्चित रूप से बच्चे होंगे, रानी ऐश्वर्या।" जवाब में ऐश्वर्या भाभी नीचे झुक गईं। कुमार आप इन प्रश्न को ध्यान से याद कर ले । चूँकि आप भी डक्टर हैं आपको इनकी आगे आवश्यकता पड़ सकती है।

मैं: जी गुरूजी!

साधु: आइए रानी साहिबा आपकी परीक्षा कुछ प्रश्नों से शुरू करते हैं।

ऐश्वर्या भाभी: ठीक है गुरूजी!

साधु: क्या आप संतुलित आहार खाते हैं?

ऐश्वर्या भाभी: हाँ गुरूजी!

ऋषि: क्या आपके मासिक धर्म नियमित हैं?

ऐश्वर्या भाभी: हाँ गुरूजी!

ऋषि: क्या आपके मासिक धर्म के दौरान बहुत अधिक खून बहता है, या यह सामान्य है?

ऐश्वर्या भाभी: मुझे लगता है कि यह सामान्य है। मुझे बहुत अधिक रक्त हानि का अनुभव नहीं हुआ है।

ऋषि: क्या आपके पति द्वारा आपके लिंग में प्रवेश करने पर आपके पेट के निचले हिस्से में किसी प्रकार का दर्द महसूस होता है?

उसके होठों पर शर्मीली मुस्कान के साथ, "नहीं गुरुजी।"

साधु: अच्छा। महाराज आपको कितनी देर तक चोदते है?

जब मैंने ऐश्वर्या भाभी को देखा तो मेरे और ज्योत्सना के चेहरे पर एक विकृत मुस्कान थी। मैं उसके उत्तर की प्रतीक्षा करने लगा, जिसे मैं एक ताड़ के पत्ते पर नोट कर लूंगा।

ऐश्वर्या भाभी: (सवालों के ज्यादा गंभीर होने के कारण उनके गाल लाल हो गए) मुश्किल से लगभग 3 से 5 मिनट गुरुजी। (वह हकलाती हुई बोली।)

ऋषि मुझे और ज्योत्सना को मुस्कुराते हुए देखते हैं और कहते प्रतीत होते हैं, "केवल 5 मिनट? बेचारे।"

"फोरप्ले के साथ सेक्स कितने समय तक चलता है?"

ऐश्वर्या थोड़ी उत्तेजित हो रही थी क्योंकि गुरुजी उनके निजी रहस्यों को लगातार पूछ रहे थे।

"कोई फोरप्ले नहीं, वह केवल 5 मिनट चला।" मैंने दयापूर्ण मुख से ऋषि की ओर देखा। ऋषि ने सिर हिलाया और खेल को आगे बढ़ाने का फैसला किया।

"ठीक है, क्या तुमने यह सब नोट कर लिया है, कुमार?"

"हाँ, गुरुजी," उत्तर आया।

"ठीक है, रानी ऐश्वर्या, चलिए परीक्षा के दूसरे चरण की ओर बढ़ते हैं। हम यह देखने के लिए आपके शरीर की जांच करेंगे कि क्या आप मानव शुक्राणु के लिए उपयुक्त मेजबान हैं। इसलिए मैं चाहता हूँ कि तुम अपनी साड़ी उतार दो और चटाई पर लेट जाओ।"

गुरुजी के इस आदेश से ऐश्वर्या भाभी चौंक गयी। वह जानती थी कि जांच के लिए उसके शरीर को छुआ जाएगा। लेकिन कभी नहीं सोचा था कि उसे कमर से नीचे नंगी होना पड़ेगा।

"लेकिन गुरूजी, मैं दो ऐसे मर्दों के सामने नंगी कैसे हो सकती हूँ जो मेरे पति नहीं हैं?" उसने भ्रमित दृष्टि से पूछा।

मेरे चेहरे पर शांत मुस्कान के साथ, ऋषि ने उत्तर दिया, " पुत्री, एक चिकित्सक के लिए, पुरुष और महिला के बीच कोई अंतर नहीं है। हम आपको सिर्फ इंसान के रूप में देखते हैं आवर आपके बदन को ठीक करते है ताकि आप किसी भी रोग से मुक्त रहे। इसलिए किसी भी उम्र की महिला के लिए चिकित्सक को अपना शरीर दिखाना ठीक है। कृपया अपने ऊपर कोई भावनात्मक बोझ न डालें क्योंकि यह एक सामान्य बात है और साथ में ये भी याद रखें कि कुमार भी एक चिकित्सक हैं, इससे मदद मिलेगी।

जैसे ही ऐश्वर्या ने सिर हिलाया, उनकी बातें काम करती नजर आईं। फिर उसने मेरी और ज्योत्सना की तरफ देखा।

" वह उतना ही चिकित्सक है जितना मैं हूँ, मेरी उपस्थिति के बारे में चिंता मत करो। "

बोले दरअसल, वह आपकी जांच करने में मेरी मदद करने जा रहा है। थोड़ी-सी हिचकिचाहट के साथ ऐश्वर्या खड़ी हुईं और अपनी साड़ी और पेटीकोट उतार दिया। फिर अपनी पेंटी को भी नीचे सरका दिया ।

ऐश्वर्या भाभी ने शर्मिंदगी से अपना सिर नीचे झुका लिया। ऋषि और मैंने तथा ज्योत्सना ने उस अवसर का लाभ उठाते हुए उस शानदार चूत पर अपनी नजरें जमा लीं जो हमारे सामने प्रदर्शित थी। भाभी ने उसे अच्छी तरह रखा था क्योंकि उसकी झांटे करीने से कटी हुई थी। वह मुड़ी और चटाई की ओर चली गई।

जब हमने देखा कि उसके चलते समय उसका बुलबुले गल नितम्ब थोड़ा हिल रहे थे जिसे देख मेरे होश उड़ गए। जैसे ही रानी ऐश्वर्या घबराई और शर्मिंदा होकर चटाई पर लेटी, हम उसके पास आए और उसके पास खड़े हो गए।

"उसके कूल्हे एक बच्चे को जन्म देने के लिए पर्याप्त स्वस्थ और चौड़े लगते हैं, है ना?" ऋषि ने पूछा।

"हाँ, मुझे ऐसा लगता है," मैंने जवाब दिया और ज्योत्सना मुस्कुरा दी।

ऋषि ने मुझे और ज्योत्सना को देखते हुए कहा, "कुमार! आप अपनी हथेली से कूल्हे के पिछले हिस्से को क्यों नहीं मापते और मुझे बताऔ।"

एक शालीन मुस्कान के साथ, मैं ऐश्वर्या के पास बैठ गया और उसके सेक्सी शरीर को देखने लगा। मैं उसकी टाँगें खोलकर उसकी चूत चूसना चाहता था, लेकिन मैंने खुद पर नियंत्रण रखा क्योंकि मुझे पता था कि गुरुजी जल्द ही इसकी व्यवस्था कर देंगे।

ऐश्वर्या छत की ओर देख रही थी, हलनि मैं उसकी अपने हैनिम्न में चुदाई कर चूका था पर वह अब दसरे के सामने इन परिस्तिथीयो में मेरे स्पर्श की आशा कर रही थी। जैसे ही मेरी हथेली उसके बाएँ पैर के जोड़ के ठीक ऊपर, उसके कूल्हों को छू गई, ऐश्वर्या सिहर उठी। उसके बंद होंठ खुल गए और उसके पूरे शरीर में झुनझुनी-सी दौड़ गई।

मैंने अपनी हथेली को फिर से घुमाया, यह सुनिश्चित करते हुए कि मैं उसके दाहिने पैर के जोड़ की ओर बढ़ रहा था, उसके नितमब की रेशमी चिकनी त्वचा पर ब्रश कर रहा था। पूरा नितम्ब मेरे हाथ में नहीं आ रहा था "मेरी हथेली से बड़ा," मैंने कहा। ऋषि ने कहा, "मतलब लगभग 35 से 36 इंच होगा और यह एक स्वस्थ आकार है।" यह सुनकर ऐश्वर्या को थोड़ी राहत महसूस हुई।

"अब अपने पैर फैलाओ ऐश्वर्या रानी," ऋषि ने शांत स्वर में कहा। ऐश्वर्या चौंक गयी । यह वही आदेश था जो उसके पति ने या मैंने उसे दिया था, मिशनरी स्थिति में लंग का योनि में प्रवेश करवाने से ठीक पहले। लेकिन यहाँ उसे दो मर्दों के सामने ऐसा करना पडेगा ।

वह जानती थी कि उसे ऋषि की आज्ञा माननी होगी क्योंकि इन हालात में उनका और हम सब का मानना था कि मैं केवल गुरूजी की सहायता से ही उनकी समस्याओं में मदद कर सकता हूँ।

"अब आप क्या करने जा रहे हैं गुरुजी?" ऐश्वर्या ने अपनी धीमी आवाज़ में पूछा।

"अब हम आपकी चूत, उसके रंग, गंध और योनि स्राव की मात्रा को देखेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि सब कुछ उचित है," ऋषि ने उत्तर दिया।

मैं मुस्कुरा रहा था क्योंकि मुझे पता था कि इस परीक्षा का आनंद ऋषि से ज्यादा मुझे आएगा।

जारी रहेगी

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