महारानी देवरानी 097

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साथ साथ स्नान
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Part 97 of the 99 part series

Updated 04/14/2024
Created 05/10/2023
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महारानी देवरानी

अपडेट 97

साथ साथ स्नान

बलदेव आगे बढ़ कर देवरानी के भीगे वक्षो को पकड़ कर साबुन लगा कर झाग बना कर स्तन दबाने लगता है.

"आह राजा जी आप ना बड़े नटखट हो. "

"देवरानी अब हम पति पत्नी हैं और हम आज से साथ हैं ही नहाएंगे. "

"जैसा आपकी आज्ञा महाराज बलदेव. "

"महारानी देवरानी अब मेरे इस शेर को शांत कर दो. "

"महाराज कितना बड़ा है ये, कितना कड़ा है मेरे हाथ में नहीं आ रहा हैं. "

देवरानी बलदेव का लौड़ा अपने हाथ में लिए हुए हिलाते हुए कहती है.

भीगी हुई देवरानी और भी ज्यादा सुंदर और कामुक लग रही थी । पानी की बुँदे उसके संगमरमरी बदन पर मोतियों जैसे चमक रही थी और चिकने बदन पर बार-बार फिसल रही थी । जिसे देख बलदेव भी और अधिक कामुक महसूस कर रहा था ।

"देवरानी अब हम पति पत्नी हैं और हम आज से साथ ही नहाएंगे।"

"जैसा आपकी आज्ञा महाराज बलदेव!"

"महारानी देवरानी अब मेरे इस शेर को शांत कर दो"

"महाराज कितना बड़ा है ये कितना कड़ा है मेरे हाथ में भी नहीं आ रहा हैं।"

देवरानी बलदेव का लौड़ा अपने हाथ में लिए हुए हिलाते हुए कहता है।

"रानी मेरा लौड़ा तुम्हारी चूत के लिए बिलकुल उपयुक्त है । मेरी रानी माँ!"

देवरानी खूब तेजी से अपने हाथ को आगे पीछे करते हुए बलदेव के हल्लबी लौड़े को हिला रही थी।

"बेटा अब चले जाओ ना पलंग पर मैं आती हूँ वहाँ कर लेना।"

"उह माँ तेरी जैसी माल को छोड़ कर जाने का दिल नहीं करता ।आह!"

बलदेव अपना आख बंद करते हुए कहता है ।

"पर बेटा अभी तो बहुत समय है। तुम मुझे 12 बजे से पहले कहा छोड़ने वाले हो।"

ये कहते हुए देवरानी बलदेव के लंड को जोर से भींच लेती है।

"आह साली रुक।"

बलदेव मुड़ कर देवरानी को ढकेलते हुए दीवार से चिपका देता है।

"उफ़्फ़ बेटा आह नहीं।"

"क्या नहीं मेरी माल माँ?"

बलदेव ये कहते हुए अपना लौड़ा देवरानी की चूत पर घिस देता है।

"बेटा आह ओह आआह।"

"क्या अब तुम्हे प्यार भी नहीं करू मेरी रानी? ।"

"आह करो उह्म्म्म आआआआह उह्म्म्म बेटा।"

बलदेव भीगी हुई अपनी नशीली महारानी देवरानी को अपनी गोद में भर कर अपना मोटा लौड़ा अपनी माँ की चूत पर घिसते हुए उसके रसीले होठों को चूम रहा था।

"गल्लल्लप्पप्प्प्प उह्म्म्म्म्म्म आह्ह्ह्ह्ह्ह्उउउम्म्म्म आआआ गैल्प्प्प्प गप्प्प्प गैल्प्प्प्प उम्म्म्म आआआह!"

"आह माआ ओह!"

"गलप्प्प्प उफ्फ्फ बेटा आआआह उम्म्म्म उम्म्मम्म गल्प!"

दोनों एक दूसरे को चूमते चाटते रहते हैं। कुछ देर यू ही चुसाई के बाद बलदेव अपनी माँ महारानी देवरानी को पलट देता है और पीछे से एक लंड चूत पर लगा कर जोरदार धक्का मारता है।

पानी से भीगी रसीली चूत अंदर से भी पनियायी हुई थी जिससे चूत बलदेव के लौड़े को "स्लरेप्प" कर के पूरा निगल लेती है।

"आआआह बेट्टट्टाआआआ!"

"उफ़फ्फ़ हाए ऊऊह ऊऊऊआआ हम्म्म आआह!"

हर धक्के में देवरानी चिल्लाती थी और उसके दोनों वक्ष एक अदा से हिल रहे थे।

"कैसा लगा रानी मेरा लौड़ा ये ले! हम्म्म!"

पच्छ से फ़िर से बलदेव अपना लौड़ा तेजी से अंदर बाहर करने लगता है।

"आआह मत पूछ कितना आनंद आ रहा है । मेरे राजा बेटा आह हम्म आआह!"

"हम्म" फच्च"फिर ये ले माँ! तेरे जैसी माल को चोद कर मैं धन्य होगया। मेरी पत्नी आज से हम रोज़ स्नान एक साथ करेंगे।"

बलदेव देवरानी से बातचीत करते हुए अपनी माँ की चूत को चोद रहा था।

कुछ देर ऐसे ही वह एक आसन में चुदाई चलती रहती है।

"उफ़ आआह बेटा मैं थक गयी आआह ओह्ह्!"

बलदेव एक ज़ोर का धक्का चूत में पेलता है फिर रुक जाता है।

"मां तू क्या सच में थक गई छोड़ दू...चला जाऊ बाहर...तुम स्नान कर लो।"

देवरानी पीछे मुड़ती है और बलदेव को देख मुस्कुराती है।

"बहुत चिंता करने लगे हो मेरी । एक रात में इतना बदलाव!"

बलदेव लंड हल्का बाहर खींचे हुए फिर से धीरे से पेलते हुए कहता हैं।

"मां इस रात से पहले तुम मेरी माँ थी और इस सुबह से तुम मेरी माँ के साथ पत्नी भी हो"

"तो ये बात है मेरे पति देव जी."

और हल्का झुक कर मुस्कुराए हुए अपने बड़े खरबूजे-सी गांड को लौड़े पर मारती है।

"हाँ जी मेरी पत्नी देवी जी."

बलदेव मुस्कुरा कर कहता है।

"मेरे पतिदेव को भला मैं कभी ना कह सकती हूँ। मैं तो सौभाग्यवती हूँ जो आपको जैसा पति मिला। वैसे मैं खड़े-खड़े थक गयी हूँ।"

"मेरी रानी मुझे पता है पीछे 18 साल की प्यासी चूत इतनी जल्दी नहीं थक सकती। झुक जाओ मेरी रानी मेरी माँ।"

"आआह आजा मेरे राजा।"

देवरानी अपना एक हाथ आगे टिका कर झुक जाती है अपने बेटे के लिए । बलदेव देवरानी का दूसरा हाथ पकड़ कर खींच के "खच्च" से लौड़ा पेल देता है। देवरानी के बड़े पपीतो गेंद की तरह उछल जाती है।

"आआआह राजाआ आआआ अम्म्म्म आआआह।"

"रानी तेरी पूरी गरमी उतार दूँगा मैं उह्म्म" घप्प" ये ले मेरी रानी!

"आह राजा मैं भी तो यही चाहती हूँ उतार दे तू पूरी गरमी!"

"तू सच कह रही है कि तू बहुत गरम माल है। प्रे देश में विदेश में तेरे जैसी तगड़ी माल कोई नहीं होगी।"

"आह उह राजा! तेरे जैसा तगड़ा घोड़ा कोई नहीं होगा । तूने ही मुझे जैसा माल को संभाल लिया है । आह!"

"पच पच" की आवाज गूंज रही थी और बलदेव अपनी माँ को झुकाए हुए देवरानी पर अनगिनत धक्को की बारिश कर रहा था ।, देवरानी भी निहाल हो गई थी। सालो बाद उसकी हुई चुदाई थी पर बलदेव की चुदाई के आगे राजपाल की चुदाई कुछ भी नहीं थी । आज देवरानी को अपने बेटे को पति बनाने के र अपने निर्णय पर गर्व महसस हो रहा था।

आधे घंटे से खड़े-खड़े चोदने से बलदेव की रफ्तार अब धीमी होती जा रही थी जिसका अंदाज़ा देवरानी लगा लेती है।

"बेटा अब मुझे घुड़सावरी करनी है।"

बलदेव अपनी माँ की ये बात सुनते हे पीछे हो कर स्नानागार में ही लेट जाता है।

देवरानी पीछे होते हुए बलदेव का लंड अपनी चूत में लेने के लिए बलदेव के ऊपर आ जाती है। बलदेव अपने सर दीवार पर टिकाए अपने आखे बंद किये, माँ दुवारा अपने लौड़े की चूत से मालिश का मजा ले रहा था।

देवरानी चुत को गोल-गोल घुमा कर अपने बेटे के लौड़े को जड़ तक निगल गई थी जिससे उसकी चुत में हलचल शुरू हो जाती है।

"आआह राजा आआह कितना बड़ा लौड़ा है आआआह उम्म!"

"माँ आआह ऐसे ही आह आ!"

"बेटा मैं गई आआह आह!"

बलदेव अपना हाथ आगे बढ़ाता है और देव नी के बड़े पपीतो को मसलने लगता है, जिससे देवरानी वासना के मारे ज़ोर से सिसकने लगती है, फिर झड़ने लगती है।

" अअअअअ आआआआअह्ह्ह आआअह्ह्ह अअअअअअअ आआअह्ह गयीईइ ।

बलदेव अब ज़ोर से धक्का मारता है और एक हाथ से देवरानी की चूत के दाने को सहलाता है।

देवरानी की चूत का पानी बहे जा रहा था। देवरानी अपने बेटे के ऊपर ऐसे ही लेटीरहती है पर बलदेव का लौड़ा अब भी खड़ा था

माँ बेटे की लम्बी साँसें तेजी से चल रही थी। कुछ देर यूँ ही लेटे रहने के बाद साँसें संभलती हैं।

देवरानी: हे भगवान ये अब तक खड़ा है।

बलदेव: सब वैध जी के जड़ी बूटी का असर है।

"राजा जी अब स्नान कर लेते हैं मुझे भूख लग गई है ।"

"माँ जब तक कमला नाश्ता नहीं देती तुम मेरा लौड़ा खाती रहो।"

"हट बदमाश"

जारी रहेगी

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