सामूहिक सम्भोग का सुख 02

Story Info
We have fun with Raj's colleague Ruby and her friends.
5.9k words
4.45
42.1k
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1

Part 2 of the 3 part series

Updated 06/09/2023
Created 06/01/2018
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इस कहानी के सारे पात्र १८ वर्ष से ज्यादा आयु के हैं. गोपनीयता के हेतु पात्रोंके नाम बदले हुए है. हम एक शादीशुदा भारतीय कपल हैं - राज (२८) और सुनीता (२४).

इस नयी श्रृंखला "सामूहिक सम्भोग का सुख " में हर एक कहानी नीचे दी हुई पार्श्वभूमी पर आधारित हैं.

हर कहानी एक स्वतंत्र कहानी है, जिसका अपने आप में पढ़कर आनंद लिया जा सकता हैं.

आशा हैं आपको हमारा यह नया प्रयास भी हमारी पहली कहानी की तरह पसंद आएगा.

पार्श्वभूमी: हमारी पहली कहानी "पत्नी, साली और पड़ोसन" में आपने पढ़ा - नए पडोसी दांपत्य नीरज (२६) और निकिता (२४) के साथ हमने अदलाबदली की चुदाई करने की असफल कोशिश की. बाद में सुनीता की छोटी बहन सारिका (२२) और उसका पति रूपेश (२५) हमारे साथ रहने लगे और हम चारोंने पार्टनर स्वैपिंग कर लिया. उसके बाद नीरज और निकिता को भी इस खेल में शामिल कर लिया.

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श्रृंखला - सामूहिक सम्भोग का सुख

कहानी २ : रूबी के साथ मस्ती का सफर!

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सुनीता की जुबानी

राज जिस बैंक में मैनेजर थे, वहांपर महीने ले आखरी दिन काफी देर तक रूककर काम करना पड़ता था, जिसे मंथ एन्ड क्लोजिंग कहते है. उनके साथ एक लड़की काम करती थी जिसका नाम था रूबी. उसका असली नाम शबनम सिद्दीकी था मगर उसने ये छोटा और प्यारा सा नाम अपनाया हुआ था. रूबी की उम्र लगभग ३० साल की होगी, मगर वह २५-२६ के आसपास की लगती थी. चेहरा सुन्दर था मगर दिखने में सांवली, पतला शरीर और छोटे वक्ष थे. उसे सुबह बैंक छोड़ने के लिए और शाम को ले जाने के लिए अलग अलग लड़के आते रहते थे. बैंक के लोगोंमें उसके बारे में यह खुसफुस भी चलती थी की, उसका एक से ज्यादा लौण्डोंके साथ चक्कर चल रहा हैं.

एक दिन मंथ एन्ड क्लोजिंग के काम के सिलसिलेमें राज को शामको देर तक बैंक में रुकना पड़ा, साथमें रूबी भी काम कर रही थी. साढ़े नौ बजे के करीब बिजली चली गयी. अब बैंक के अंदर तो जनरेटर से काम चला मगर बहार आते ही पूरा अँधेरा था.

राज ने रूबी से कहा, "आज के दिन मेरे साथ मेरे घर पर चलो, वहाँ सुनीता के हाथ का बना खाना भी खा लेना और बिजली आने के बाद मैं तुमको टैक्सी करके भिजा दूंगा."

रूबी के पास कोई और चारा नहीं था, क्योंकि उसके दोस्तोंमें से कोई भी उसे लेने नहीं आया था. वो राज के पीछे उसकी मोटरसाइकिल पर बैठ गयी.

जैसे ही दोनों घर पहुँचे, राज ने रूबी को मुझसे मिलाया, "सुनीता, यह देखो मेरे साथ कौन आया हैं! ये हैं रूबी. आज देरतक मेरे साथ काम कर रही थी. इसे मैं अपने साथ डिनर के लिए लेके आ गया."

मैंने रूबी का स्वागत किया, "आओ रूबी, चलो इस बहाने से तुमसे मिलना तो हुआ."

"ओह सुनीता जी, सॉरी, मैं आप को तकलीफ नहीं देना चाहती थी, मगर राज सर ने जबरदस्ती करके मुझे यहाँ लाया. कहते रहे की इतनी रात में जब बिजली नहीं हैं, तब तुम्हारा अकेले घर जाना ठीक नहीं हैं."

"अरे इसमें तकलीफ की क्या बात हैं? जो भी दाल रोटी हम लोग खा रहे हैं, तुम भी खा लेना," मैंने कहाँ.

"हाँ, ये शाकाहारी लोगोंका घर हैं, तुम्हे चिकन वगैरा कुछ नहीं मिलेगा यहाँ," हँसते हुए राज ने कहा.

"क्या राज सर, आप तो मुझे शर्मिंदा कर रहे हो. मुझे सब खाना अच्छा लगता हैं, और मैडम के हाथ का खाना तो नसीबवालोंको ही मिलता होगा."

मैं, राज, सारिका, रूपेश और रूबी सब ने साथ में बैठकर भोजन किया. अभी भी बिजली आयी नहीं थी, इसलिए राज ने उसे रोक कर रक्खा. बिजली न होने के कारण हम सब हॉल में बैठकर पंखे से हवा कर रहे थे, और हंसी मजाक चल रहा था. बातों बातोंमें रूबी से पता चला की उसके कई "ख़ास दोस्त" हैं.

उतने में बिजली आ गयी, फिर रूबी ने बड़ी अदब से कहा, "राज सर, अब मुझे जाना चाहिये. मैं आप लोगोंको और परेशान नहीं करना चाहती."

फिर राज ने उसके पहचानवाले टैक्सी को बुलाकर रूबी को घर भिजवा दिया. घर पहुंचकर उसने फ़ोन करके फिर से हमारा शुक्रिया अदा किया.

"मैंने सुना हैं बैंक के लोगोंसे की ये लड़की अलग अलग लडकोंके साथ लगी हुई हैं और काफी चालू टाइप की हैं," राज ने कहा.

"अच्छा, तो इसीलिए उसे घर लेकर आ गए, उसके साथ टांका भिड़ाने के लिए," मैंने राज पर व्यंग कसा.

"नहीं मेरी जान, वो सचमुच साथ में काम कर रही थी. अगर बिजली न जाती तो उसे घर पर नहीं लाता."

कुछ दिनोंके बाद किसी दूकान में फिर मेरी और राज की मुलाक़ात रूबी और उसकी रूममेट तान्या से हुई. रूबी हमारे घर से थोड़ी दूरीपर किसी वर्किंग वीमेन हॉस्टल में दो और लड़कियोंके साथ रहती थी. एक का नाम तान्या था जो उस समय उसके साथ थी. तान्या लगभग ६ फ़ीट लम्बी पंजाबी लड़की थी. वो एक अभिनेत्री बननेका प्रयास कर रही थी और छोटे मोटे विज्ञापन और मॉडलिंग भी करती थी. उसका फिगर एकदम बढ़िया था.

दूसरी का नाम भानुप्रिया था जो किसी बड़े कंपनी में सेक्रेटरी का काम करती थी. उसके पति पालघर में किसी अच्छी कंपनी में थे. वो शुक्रवार के दिन शाम को अपने घर चली जाती थी और फिर सोमवार के दिन सीधा ऑफिस जाती थी. हॉस्टल के कमरे में वो सिर्फ सोमवार से गुरुवार तक ही रहती थी. सारा वीकेंड रूबी और तान्या को कमरे में पूरी आज़ादी थी.

यहाँ वहां की बाते करके शॉपिंग करने के बाद हम चारों एक बढ़िया से राजस्थानी भोजनालय (रेस्ट्रॉन्ट) में चले गए. डिनर के बाद वो दोनों अपने घर चली गयी और मैं और राज अपने घर आ गए.

"क्या राज, तुम तो घूर घूर को तान्या को और उसके क्लीवेज को देख रहे थे!" मैंने राज को चूमते और बाहोंमें लेते हुए कहा.

"हां मेरी जान, इतनी लम्बी, गोरी चिट्टी और माल लड़की काफी दिनोंके बाद देखी मैंने," राज ने कहा.

"तो अब क्या, उसे भी पटाने का इरादा है क्या डार्लिंग?"

"नहीं यार, वो तो मॉडल और एक्ट्रेस टाइप की हैं, उसके तो कई चाहने वाले होंगे. अपना नंबर कब आएगा!"

"और रूबी, उसका क्या? वो तो सीधी साधि टाइप की लगती हैं मुझे," मैंने हँसते हुए कहा.

मेरी चूचिया मसलते हुए राज बोला, "उसपर तो बैंक के सारे जवान लौंडे लाइन मारते हैं मेरी जान, मेरे जैसे शादीशुदा आदमी से थोड़े ही फसने वाली हैं वो!"

"अगर तुम इतना ही चाहते हो दोनोंको, तो इस वीकेंड पर बुलालो उनको अपने घर पर! दावत देकर खुश करेंगे, और अगर उनके कोई हैंडसम बॉयफ्रेंड हो, तो मेरे भी काम आ जाएंगे," मैंने उसके लंड को सहलाते हुए कहा.

"साला, मैं कितना लकी हूँ की मुझे तुझ जैसी चुदक्कड़ बीवी मिली हैं."

अब शायद राज दोनों लड़कियोंके बारे में सोचते हुए मुझे सहलाने और मेरे स्तनाग्र चूसने लगा. उसका कड़क लंड मेरी गीली चुत के द्वार पर जैसे ठोकरें मार रहा था. आज वो इतना ज्यादा एक्साइट हो गया की हमेशा की तरह सिक्सटी नाइन करे बिना ही मुझे मिशनरी पोज में चोदने लग गया.

मेरी भी चुत इतनी गीली हो गयी थी की मुझे भी चुत चटवाने की जरूरत नहीं लगी.

"आह राज, क्या मस्त मूड में हो आज, फक मी हार्डर, ओह, हाँ, ऐसे ही, फक," मैं भी उत्तेजित होती गयी.

"सुनीता रानी, अगर वो गोरी गोरी तान्या मुझे मिल जाए तो क्या मज़ा आएगा मेरी जान," आखिर राज के मुँह से उसकी फैंटसी निकल ही गयी. वैसे भी मैं जानती हूँ की, सुन्दर, सेक्सी और गोरी लड़किया उसका वीक पॉइंट हैं.

"आओ मेरे राजा, चोदो तान्या को, मेरी इस गीली चुत को फाड़ डालो, इस लम्बे लौड़े से मुझे चोदते रहो, डार्लिंग, फाड़ दो आज मेरी चूत को... रुकना नहीं! और जोर से... और जोर से!"," मैं चिल्लाकर बोली.

"आह, आह, हाँ.. तान्या डार्लिंग, और खोलो तुम्हारी टाँगे और मेरे लंड को पेलती रहो .. आह, कितनी माल हो तुम ..आह," राज अब आँखें मूंदकर तान्या को चोदने का मज़ा ले रहा था.

आखिर आधे घंटे तक कभी मिशनरी पोज तो कभी डॉगी पोज में राज मुझे चोदता गया और आखिर सारा पानी मेरे वक्षोंपर निकाल दिया. अगले कुछ रातोंतक तान्या के बारे में सोचते हुए मेरी ठुकाई होती रही. मुझे भी भरपूर सुख मिल रहा था.

दो दिन बाद राज ने बताया की उसने रूबी और उसकी रूममेट तान्या को रविवार के दिन लंच पर बुलाया हैं.

"मैं चाहता तो शनिवार के शाम के डिनर पर आये मगर वो लोग पहलेसे ही किसी पार्टी में जानेवाले हैं इसलिए रविवार के दिन लंच का तय हुआ हैं."

मैंने फिर से रसोईया बुलाकर अच्छा सा खाना बनवा लिया, जिसमे आलू के पराठे, राजमा, पुलाव, पनीर की सब्जी और रायता था. मिठाई और समोसे रूपेश हलवाई की दूकान से लेकर आ गया.

दोनों लड़किया लगभग दोपहर के बारह बजे घर पर आयी. दोनोंने ढंगके सलवार कमीज पहने थे. दोनोंको देखकर ऐसा लग रहा था की पिछली रात को दोनों देरी तक जगी होगी। उनके मुँहसे भी शराब की हलकी सी बू आ रही थी.

"सॉरी, राज सर, हमें आने में काफी देरी हो गयी," रूबी ने कहा.

"अरे कोई बात नहीं, और घर पर राज कहो, सर वर सिर्फ बैंक में. इनसे मिलो, यह हैं मेरी जान सुनीता, और यह है मेरी प्यारी साली सारिका और उसके पति रूपेश," राज ने परिचय कराया.

रूबी और तान्या फिर सुनीता, सारिका और रूपेश से मिले. फिर सभीने साथ में बैठकर भोजन किया.

इतना सारा घर का बना हुआ खाना देखकर तो दोनों लड़कियोंके मुँह में पानी आ गया. दोनों हॉस्टल पर रहकर बाहर का खाना कहती थी, इतना अच्छा घर का बना हुआ खाना खाकर दोनों खुश हुई. फिर राजने मंगवाया हुआ पान भी ऑफर हुआ.

बाहर कड़ाके की धूप होने के कारण हम लोगोंका काफी देर तक घर के अंदर ही बैठकर बाते करना, गाने सुनना , टीवी देखना और ताश खेलना चलता रहा. आखिर पांच बजे के करीब धुप ढलने के बाद, दोनों लड़किया मुझे और सारिका को धन्यवाद करती चली गयी. जाते वक़्त राज और रूपेश को थोड़ा रूबी और तान्या से गले मिलने का मौका मिल गया. अब दूसरी बार साथ में मिलने के बाद दोनों लड़किया शायद हम लोगोंसे घुल मिल गयी थी.

अब तो रूपेश ने भी कहा," राज (अब वो राज भैया से राज पर आ गया था), ये दोनों काफी चालु लगती है, खास करके तान्या. साली मॉडलिंग का काम करती है, वो तो काफी लोगोंके साथ चक्कर चला चुकी होगी."

"तो क्या अब उसे भी पटाने का इरादा हैं क्या मेरे शेर?" सारिका ने पूंछा.

"पट गयी तो क्यों नहीं," अब राज के दिल की आवाज़ निकल कर बाहर आ गयी.

फिर रूबी और तान्या के बारे में सोचते हुए हम चारो हमेशा की तरह एक ही बिस्तर पर पार्टनर बदल कर सम्भोग सुख लेते रहे.

अगले दो महीनोंमें कोई न कोई बहाने से हम चारो रूबी और तान्या से मिलते रहे. एक दिन राज को रूबी से पता चला की अगले दिन तान्या का जन्मदिन हैं. फिर क्या, राज और रूपेश ने बाजार में जाकर अच्छे परफ्यूम और फूलोंका गुलदस्ता लेकर आ गए. वैसे तो जन्मदिन तान्या का था मगर तोहफे रूबी और तान्या दोनोंके लिए लाये गए.

वो दोनों सिर्फ कुछ ही देर के लिए हमारे घर पर रुकी, तोहफे लिए और थैंक्स बोलकर चली गयी. फिर एक बार, राज और रूपेश को रूबी और तान्या से गले मिलने का मौका मिल गया. इस समय ऐसा लगा की वो आलिंगन कुछ ज्यादा देरी तक चले और दोनों लडकोंके पैंटोसे उभरे हुए लंड भी दिखाई दिए. फिरसे मैंने और सारिका ने दोनों लड़कों की काफी टांग खींची. मगर मन ही मन मैं सोच रही थी की सही में अगर इनके हैंडसम, जवान और सेक्सी बॉयफ्रैंड्स हो तो चुदाई में और मजा आ जायेगा.

उस वीकेंड पर अब रूबी ने हम सब लोगोंको एक पार्टी का आमंत्रण दिया. ये पार्टी उसके दोस्त विक्रम के घर पर शनिवार की शाम की थी. पार्टी के लिए राज और रूपेश दोनोने नए टी-शर्ट और शॉर्ट्स पहने।

मैंने जामुनी रंग की मिनी स्कर्ट और काले रंग का स्लीवलेस टॉप पहना था, जिसका गला काफी खुला था. थोड़ा सा झुकते ही चूचियोंके क्लीवेज दर्शन देते थे. अब जब मौज मस्ती ही करने जाना था, तो अपने हुस्न को छुपाने में क्या मतलब?

सारिका नीले रंग की शार्ट और गुलाबी रंग के टैंक टॉप पहनी थी. उसकी गोरी जाँघे और भरे हुए वक्ष कहर बरसा रहे थे. हम दोनों भी एकदम माल लग रही थी.

जैसे ही हमारी टैक्सी उस पते पर पहुँची, हमने देखा की वो एक काफी बड़ा बंगला था. ऐसा लगा की विक्रम काफी पैसे वाले घर का होगा. तभी तो इन सेक्सी लड़कियोंने उसे फांस के रखा होगा. जैसे ही हमने घंटी बजायी, एक हसीं २२ वर्षीय युवक ने दरवाज़ा खोला. हमने अपना परिचय दिया और बताया की रूबी और तान्या ने हमें बुलाया हैं.

"ओह, अच्छा, तो आप लोग हैं स्पेशल गेस्ट, आईये आइये, मेरा नाम सागर हैं. मैं इन सबका दोस्त हूँ."

हमें उसने स्पेशल गेस्ट कहा, यह सुनकर अच्छा लगा. जैसे हि हम लोग अंदर दाखिल हुए, देखा की पार्टी का माहौल अच्छा था. संगीत , शराब और डांस चल रहे थे. वहाँ पर रूबी और तान्या पहले से ही मौजूद थे. रूबी ने फूलोंके डिज़ाइन वाली लाल रंग की स्लीवलेस टॉप और ब्राउन स्कर्ट पहनी थी. तान्या एक पीले रंग का चोली के स्टाइल का छोटा सा टॉप और जीन्स शॉर्ट्स पहनी हुई थी. उसका क्लीवेज और गोरी जाँघे देखकर, राज और रूपेश दोनोंके लंड खड़े होकर सलामी देने लगे.

दोनों हमारे पास आकर हमसे गले मिली और आने के लिए थैंक्स कहा.

"अरे, इतनी अच्छी पार्टी में बुलाया हैं तो हम तो जरूर आते, हैं न राज?" मैंने कहा.

"हां. हाँ, रूबी और तान्या बुलाये तो हम कही भी आने को तैयार हैं, ये तो बहुत बढ़िया जगह और ख़ास पार्टी हैं. हमें बुलाने के लिए फिर से थैंक्स रूबी," राज ने कहा. वैसे तान्या को उस सेक्सी ड्रेस में देखकर अब सिर्फ उसके मुँहसे लार टपकना ही बाकी था.

फिर उन्होंने अपने दोस्तोंसे हमारा परिचय कराया. विक्रम, जिसका वो घर था, गोरा चिट्टा २२ वर्ष का युवक था. सागर भी २२ का साल का और अक्षय २४ वर्ष का था. सागर और अक्षय सांवले थे मगर हट्टे कट्टे एकदम बॉडीबिल्डर टाइप के थे. हम सबसे मिलकर वाइन पी ही रहे थे तब एक और हैंडसम लड़का आ गया. उसने अपना नाम सनी बताया, वो भी कुछ २५ साल का ही होगा. अब वो चार लड़के, रूबी और तान्या, और हम चारो (राज, सुनीता, सारिका और रूपेश) मिलकर शराब पीकर नाचने लगे.

हम चारो लड़किया अदलबदल कर सभी लडकोंके साथ नाच रही थी. राज को भी तान्या के साथ नाचने का और यहाँ वहाँ छूने का मौका मिल रहा था, इसलिए वो भी बड़ा खुश था. मैं और सारिका भी सनी, विक्रम, सागर और अक्षय के साथ बिना झिझक के एकदम खुलकर नाच रही थी. जैसे ही नशा चढ़ता गया, वो लड़के मेरी और सारिका की गांड और चूचियोंको सहलाते और दबाते गए. हमने भी उनके सख्त लौडोंको छूने का कोई मौका नहीं गवाया.

फिर घंटे भर के बाद विक्रम ने संगीत को रोककर सबको एक जगह बुलाया.

"दोस्तों और आज के खास गेस्ट्स, चलो अब हम सब लोग थोड़ा खाना खाकर फिर पीने और नाचने का दौर शुरू करेंगे," उसने सबको सम्बोधित करके कहा.

सभी लोग किचन की तरफ बढे. वहाँ टेबल पर पिज़्ज़ा और सैंडविच रखे थे. सबने अपनी अपनी पसंद के हिसाब से खाना खाया. हमने भी गार्डन पिज़्ज़ा और वेजी सैंडविच का स्वाद लिया. दारू के नशे में सब ठीक ही लग रहा था. जैसे ही हम लोग किचन से फिर हॉल की तरफ वापस आये, विक्रम ने माइक हाथ में लेकर कहा,"चलो, अब स्पेशल डांस शुरू होगा."

उसके बाद, चारो लड़के रूबी और तान्या के इर्द गिर्द नाचने और उनके अंगोंको सहलाने लगे. अब मैं और सारिका भी उत्तेजना और नशे में झूम रही थी. मैंने एक ऊँगली के इशारे से सनी को मेरे पास बुलाया. वो मुस्कुराता हुआ मेरे पास आकर मेरे वक्षोंको टटोलते हुए मेरे साथ नाचने लगा. अब राज और रूपेश भी रूबी और तान्या के करीब पहुंचकर उनसे छेड़छाड़ करने लगे. ये सब देखकर विक्रम और सागर दोनों सारिका के नजदीक आकर उसे सहलाने और चूमने लगे. कुछ देर तक पता नहीं चला की कौनसा लड़का (या लड़के) कौनसी लड़की के साथ मस्ती कर रहे हैं.

जैसे ही संगीत थम गया, फिर एक बार विक्रम ने माइक हाथ में लेकर कहा, "प्यारे दोस्तों, अब हमेशा की तरह पासे का खेल होगा. आज हमारे बीच चार नए और स्पेशल गेस्ट्स हैं, इसलिए हमें दो पासोंसे खेलना होगा."

सभी को एक एक नंबर दिया गया और आखरी के दो (ग्यारह और बारह) को रद्द किया गया. खेल यूँ इसप्रकार था, की जिसका भी नंबर आएगा उसे एक पनिशमेंट मिलेगा. अगर लड़के का नंबर आया तो कोई भी और लड़का पनिशमेंट बताएगा और लड़की का नंबर आया तो कोई भी और लड़की पनिशमेंट बताएगी.

पहले राउंड में अक्षय का नंबर आया, तो सागर ने कहा, "रूबी को चूमो."

अक्षय जाकर रूबी से लिपट गया और एक मिनट तक उसको चूमता रहा. सबने तालिया बजाई और फिर से पासे फेके गए. अब ग्यारह आये, इसलिए पासे दुबारा फेके गए. अब मेरा नंबर आया. मेरा दिल धड़क रहा था, तभी तान्या ने कहा, "सुनीता, हमारे मेजबान विक्रम को अच्छा सा आलिंगन और चुम्बन देके थैंक्स कहो."

मैंने राज की ओर देखा भी नहीं और जाके विक्रम की बाहोंमें समा गयी. उसने भी मुझे जकड लिया और मेरे रसीले होठोंको चूम लिया. कुछ पल के लिए उसकी जीभ मेरे होठो और जीभ के साथ भी खेली.

अगले राउंड में रूपेश का नंबर आया. राज कुछ बोलना चाहता था उसके पहले ही सनी ने कहा, "सुनीता के साथ लम्बा चुम्बन!"

अब किसी को भी ये पता नहीं था की मैं और रूपेश कई बार हमबिस्तर हो चुके हैं, इस कारण बाकि सभी के लिए ये एक बड़ी बात थी. रूपेश सीधा मेरे पास आकर मुझे सोफे पर लिटाया और मेरे होठोंको अपने हाथोंमें लेकर चूमता और चूसता रहा. साथ में उसने मेरे वक्षोंको भी उपरसे ही दबा दिया. सनी और विक्रम ने जोरदार सीटिया बजाई.

अगला नंबर तान्या का आया, और मैं झट से बोली, "टॉप खोलकर राज और रूपेश को आलिंगन और चुम्बन दो."

"सुनीता, तुम भी बड़ी चालू हो, ऐसे लग रहा हैं जैसे की तुम राह देख रही थी कब मेरा नंबर आये और तुम मुझे अपने पति के पास भेजोगी," ये कहते हुए उसे अपना पीले रंग का छोटा सा टॉप उतार कर फ़ेंक दिया और राज के पास गयी. उसने अंदर हलके नीले रंग की ब्रा पहनी थी. राजने उसे चूमा और बाहोंमें ले लिया. पीछेसे रूपेश भी उससे चिपट गया .

अगले पंद्रह मिनट में रूबी को छोड़कर बाकी तीनो लड़कियोंके टॉप निकल गए और काफी देर तक अलग अलग लड़कोंके साथ आलिंगन और चुम्बन हो गया था. अब मैं भी काफी गरम हो चुकी थी और मेरी योनि गीली होकर अपना रास छोड़ रही थी. वहाँ राज और रूपेश दोनोंके लंड तम्बूमें खड़े होकर रूबी और खास करके तान्या को सलामी दे रहे थे.

मैंने राज की तरफ देखा और उसे आँखों आखोंमें पूंछ लिया, "सब ठीक चल रहा हैं न? तुम खुश तो हो ना?"

वहांसे भी हाँ में ही जवाब आया. फिर मैं बिनधास्त हो गयी और मैंने विक्रम के पास जाकर माइक हाथ में लिया, "एक राउंड में एक को ही पनिशमेंट थोड़ा सा बोरिंग हो रहा हैं यार विक्रम. चलो कुछ ऐसा खेल खेलते हैं जिसमे और ज्यादा मज़ा आये."

अब सभी लोगोंके नाम की चिट्ठियां लिखी गयी, एक तरफ लडकोंके नामोंकी चिट्ठियोंका ढेर और दूसरी तरफ लड़कियोंके नामोंकी चिट्ठियोंका ढेर रखा गया. अब पासे के साथ साथ दोनों ढेर में से एक एक चिट्ठी उठायी जाने वाली थी.

"सुनीता, तुम तो बहुत ही हॉट और स्मार्ट भी हो," अक्षय ने मुझसे कहा. मैंने मुस्कुराते हुए उसे एक फ्लाइंग किस दिया.

अब पासे के अनुसार सनी, और चिट्ठियोंके हिसाब से रूबी और रूपेश का नंबर आया.

"रूबी, अपना टॉप खोलकर रूपेश को जहाँ मर्जी वहां चूमने दो. सनी, तुम सुनीता की मिनी स्कर्ट उतारकर उसको सेहलाओ और किस करो," अब तान्या ने मुझसे बदला लेने के लिए कहा.

रूपेश रूबी के पास गया और पहले तो उसे बाहोंमें लेकर उसके होंठ चूसे फिर वक्षोंको कपडेके उपरसे ही सहलाया. फिर उसका टॉप उठाया, देखा तो रूबी ने अंदर सफ़ेद रंग की बहुत ही छोटी सी ब्रा पहनी थी. फिर रूपेश ने उसके वक्षोंको, गर्दन को और कंधोंको चूमना शुरू किया. लग रहा था की एक नए पुरुष के इतने निकट स्पर्श से वो भी उत्तेजित हो रही थी और आँखें बंद कर मज़े ले रही थी.

सनी ने मेरे पास आकर मेरी मिनी स्कर्ट उतार दी और मुझे सोफे पर लिटा दिया. अब वह मेरी मांसल जांघें और वक्षोंके बीच चूमने लगा. क्योंकि वो मुझपर लेटा हुआ था, उसका कड़क और लम्बा लंड मुझे छूकर दीवाना बना रहा था.

अगले राउंड में राज, सारिका और विक्रम का नंबर आया. अब सारिका और विक्रम सोफे पर लेटकर चूमाचाटी में लग गए और राज को अपनी शॉर्ट्स उतारकर रूबी के साथ पीठ और कमर सहलाना था. जैसे ही रूबी पेट के बलपर लेट गयी, राजने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और उसकी नंगी पीठ को सहलाने और चूमने लगा. उसने हलके से रूबी की पैंटी नीचे सरकायी और उसकी गांड को भी चूमने लगा.

ये देखकर उत्तेजित होकर विक्रम और अक्षय मेरे पास आये और दोनों मेरे एक एक वक्ष को ब्रा के ऊपर से ही मसलने लगे.

अगला राऊंड अक्षय, रूबी और तान्या के नाम था. फिर तान्या को राज और अक्षय के साथ चूमाचाटी का आदेश हुआ और रूबी विक्रम के साथ कपडोंके ऊपर से ही सिक्सटी नाइन की पोज में एन्जॉय करने लगी.

अब विक्रम ने माइक उठाकर कहा, "अब सब लोग, हमारे स्पेशल गेस्ट्स भी, एक दुसरे से पूरी तरह खुल चुके हैं. इसलिए आगे का खेल यूँ होगा. हर लड़की को एक्का से लेकर चार में से एक पत्ता मिलेगा. जिसके पास एक्का आएगा, वो पहले लड़का या लड़कोंका चुनाव करेगी. चारो लडकियोंको एक और पत्ता मिलेगा, राजा या गुलाम. अगर राजा मिला तो एक लड़का चुनना होगा और अगर गुलाम मिला तो दो लड़के."

मैं, राज, सारिका और रूपेश ने एक दुसरे की तरफ देखा। सबकी आंखोंमें अजीब सा नशा था और दिलोंकी धड़कन बढ़ रही थी. ये संभव था की मुझे और सरिकाको पूर्ण रूपसे अजनबी लडकोंके साथ सम्भोग करना पद सकता था. वैसे ही राज और रूपेश को रूबी और तान्या मिल सकती थी या फिर किसी और लड़के के साथ अपनी पत्नी/साली को शेयर भी करना पड सकता था.

आखिर सारिका से रहा नहीं गया और उसने हम सब को सम्बोधित कर पूँछ लिया, "क्या हम चारो इस किये तैयार हैं?"

मैं राज, सारिका और रूपेश को लेकर सबसे थोड़ा दूर चली आयी और मैंने कहा, "अगर मैं इन लड़कोंसे सम्भोग करुँगी तो सिर्फ कंडोम के साथ ही. वो भी अगर राज या रूपेश भी तैयार हैं तो ही."

रूपेश ने कहा, "सच कहूँ तो तान्या को चोदने के लिए मैं तड़प रहा हूँ मगर इस खेल में कोई भी किसी के साथ जा सकता हैं. मेरी तरफ से सारिका को पूरी आज़ादी हैं किसी भी लड़के के साथ सेक्स करने की."

अब राज बोला, "मुझे थोड़ा अजीब लग रहा हैं, इन चारो लडकोंको हम जानते नहीं हैं. हो सकता हैं की रूबी और तान्या इन चारोंके साथ कई बार चुद चुकी हो, मगर ये चारो सुरक्षित हैं या नहीं, ये बताना कठिन हैं."

"अब इस समय तो उनसे टेस्ट का सर्टिफिकेट नहीं मांग सकते न? या तो तैयार होकर साथ में चुदेँगे या फिर उन लोगोंको चुदाई करते देखेंगे और हम चार अपने बीच हमेशा की तरह सम्भोग का सुख लेंगे," ये मेरी राय थी.

फिर राज ने कहा, "ठीक हैं मैं विक्रम से बात करता हूँ. अगर वो चारो लड़के कंडोम पहनकर चुदाई के लिए राजी हैं, तो हम भी इस में शामिल हो जायेंगे. और पत्तोंके हिसाब से किसके साथ कोई भी जाओ, बीच में जोड़ी बदलकर तान्या को तो मैं और रूपेश चोद ही सकते हैं. कोई रोकने वाला थोड़ा ही हैं?"

इसपर मैं और सारिका हंस दिए, और मैंने राज और रूपेश पर व्यंग कसते हुए कहा, "तुम दोनों भी ले जाके तान्या के पीछे पड़े हो!"

राजने विक्रम से बातचीत की और फिर वो चारो लड़के कंडोम पहनकर चुदाई के लिए राजी हो गए. यह बात जाहिर थी की वो लोग भी मेरी और सारिका की जवानी का रसपान करना चाहते थे.

अब नियम के अनुसार मैं, सारिका, रूबी और तान्या ने एक ढेर में से एक पत्ता (जिसमे इक्का से लेकर चार थे) और दुसरे ढेर में एक पत्ता (जिसमे दो राजा और दो गुलाम थे) उठाये. रूबी को इक्का और गुलाम , मुझे दो और राजा , सारिका को तीन और राजा और तान्या को चार और गुलाम मिला. सारे लड़के एक कतार लगाकर खड़े थे (और उनके लंड भी खड़े थे) इस इंतज़ार में की कौनसी लड़की किसको चुनेगी.

सबसे पहले रूबी आगे बढ़ी और उसने रूपेश और सनी को पास बुलाया. अब मेरी बारी थी, मैंने विक्रम को बुलाया, क्योंकि मुझे वो भा गया था. सारिका ने मेरे और राज की तरफ देखते हुए अक्षय को अपने पास बुलाया. उसी क्षण राज और सागर दोनों तान्या के पास गए. राज ने मन ही मन रूबी को धन्यवाद किया की उसने राज को नहीं चुना. वैसे रूबी भी जानती थी की राज तान्या को चोदने के लिए बेकरार था इसलिए उसने समझदारी दिखाकर राज को नहीं चुना.

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