Seducing my Elder Sister

Info
Erotic story of elder sister & younger brother
1.6k words
4
707
00
Share this

Font Size

Default Font Size

Font Spacing

Default Font Spacing

Font Face

Default Font Face

Reading Theme

Default Theme (White)
You need to Log In or Sign Up to have your customization saved in your Literotica profile.
PUBLIC BETA

Note: You can change font size, font face, and turn on dark mode by clicking the "A" icon tab in the Story Info Box.

You can temporarily switch back to a Classic Literotica® experience during our ongoing public Beta testing. Please consider leaving feedback on issues you experience or suggest improvements.

Click here
starzcpl
starzcpl
10 Followers

नमस्कार दोस्तों मेरा नाम धीरज है। मेरी फैमिली में चार लोग हैं। मेरे अलावा मम्मी, पापा और दीदी। उनका नाम प्रिया है। मेरी दीदी दिखने में बहुत मासूम लगती हैं। वे दिखने में बहुत सुंदर हैं। बहुत ही ज्यादा गोरी हैं। उनकी हाइट कम है लेकिन देखने में बहुत आकर्षक है। उनको देखकर किसी की भी नीयत खराब हो सकती है। दीदी बीकॉम के फाइनल ईयर की स्टूडेंट हैं और मैं एक मेडिकल स्टूडेंट हूं। दीदी मुझको बहुत प्यार करती हैं। हम दोनों में बहुत प्यार है। हम दोनों एक ही रूम में अलग अलग बेड पर सोते हैं और वहीं अपनी पढ़ाई भी करते हैं। दीदी ने मुझको पढ़ाई में बहुत हेल्प की है। ऐसे में दीदी के प्रति मेरे मन में कभी भी बुरा खयाल नहीं आया था। कभी कभी पढ़ाई करते करते मैं दीदी के बेड पर ही सो जाता था। दीदी भी मुझको नहीं उठाती थी और मुझको अपने बिस्तर पर ही सोने देती थी। ऐसा अक्सर होता रहता था। यह बात कुछ दिन पहले की है। एक दिन ऐसे ही दीदी के साथ ही सोया हुआ था। उसी वक्त मेरी नींद किसी वजह से खुल गई। मैंने देखा कि दीदी अपना एक पैर मेरे शरीर पर चढ़ा कर लेटी हुई है और मुझे जोर से पकड़कर सो रही है। यह मुझको जरा अजीब सा लग रहा था, लेकिन मैंने दीदी को ऐसे ही सोने दिया। ऐसे सोने में मुझको भी अच्छा लग रहा था कि कोई लडकी मुझको अपनी बाहों में सुला रही है। वह रात तो ऐसे ही बीत गई लेकिन मेरे अंदर हलचल मच गई थी और उस दिन शायद.

पहली बार मैंने अपनी दीदी के जिस्म की गर्माहट का एहसास किया था। उसके बाद जब भी मैं दीदी के साथ सोता तो इस बात को देखता था कि मेरी दीदी मेरे साथ ऐसे ही चिपककर सोती थी। मुझको भी बहुत मजा आने लगा था और ऐसे में मेरा लंड खड़ा होने लगा था। शुरुआत में तो नहीं लेकिन बाद में मैं कुछ ही देर में अपनी चड्डी में ही झड़ जाता था। इतना सब होने के बाद भी मैं दीदी के साथ कुछ नहीं करता था। कुछ दिन ऐसे ही यह सब चलता रहा। मैं भी दीदी को इस बारे में कुछ नहीं बोल था और न ही दीदी कुछ बोलती। फिर एक दिन मैं दीदी के पास सोया हुआ था। इस बार मैंने जान बूझकर दीदी के ऊपर अपना पैर चढ़ा दिया और एक हाथ दीदी के बूब्स पर रख दिया। जब उनकी तरफ से कोई प्रतिकार नहीं हुआ तो मैंने उनका एक दूध दबा भी दिया। दीदी अभी भी कोई रियेक्ट नहीं कर रही थी। इससे मेरा मनोबल और बिगड़ गया। मैंने कुछ देर बाद अपना एक हाथ दीदी की पैंटी में डाल दिया और उनकी चूत सहलाने लगा। दीदी आराम से सो रही थी और कोई रियेक्ट भी नहीं कर रही थी। कुछ देर बाद मैंने दीदी को हिलता हुआ सा देखा तो अपनी दम साधे उसी पोजीशन में लेटा रहा। तभी दीदी ने अपने पैरों को थोडा और फैला दिया। इससे उनकी चूत सहलाने में मुझे आसानी हो गई। मेरा हाथ अभी भी दीदी की पैंटी में ही घुसा हुआ था तो मैंने उनकी फैली हुई टांगों के बीच चिकनी चूत को और आसानी से सहलाना शुरू कर दिया। कुछ देर बाद दीदी की चूत गीली हो.

गई और दीदी झड़ गई। उनके झड़ते समय उनका जिस्म थोड़ा कर भी गया था जिसे मैंने बखूबी महसूस भी किया था। इससे मुझे बेहद सनसनी हुई थी और मैं भी अपने लंड को हिला कर सो गया था। ऐसे ही यह सब बहुत दिन तक चलता रहा। अब भी हम दोनों से आगे नहीं बढ़ पा रहे थे। न ही दीदी की तरफ से कुछ सिग्नल मिल रहा था और न ही मैं कुछ ज़्यादा कर पा रहा था। फिर एक दिन पढ़ाई करते करते मैं दीदी के पास ही सो गया। रात के 02:00 बजे के आसपास मेरी नींद खुल गई। दीदी मुझको पकड़कर आराम से सो रही थी। मैंने दीदी को साइड में कर दिया और उठकर लाइट ऑन की। उन्हें एक बार गौर से देखा। आज दीदी नाईटी पहनकर सोई थी। मैं बाथरूम में जाकर पेशाब करके वापस आकर दीदी के पास ही लेट गया। कुछ देर बाद मैंने दीदी की नाइटी को उठाया तो देखता ही रह गया। दीदी ने आज पेंटी नहीं पहनी थी। मैं आज पहली बार किसी एलईडी देश की की नंगी चूत देख रहा था। दीदी की चूत पर एक भी बाल नहीं था और एकदम पिंक चूत थी। चूत देखकर मन कर रहा था कि किस ले लूँ पर डर लग रहा था कि अगर दीदी जाग गई तो मेरी तो कहानी लिख जायेगी। हालांकि मुझको पता था कि दीदी को सब पता है। वे सोने का नाटक कर मजे लेती हैं। तभी मेरी गांड फट रही थी। कुछ देर तक मैंने सोचा। फिर दीदी के पैरों के बीच में आ गया। मैंने दीदी के पैर फैलाकर उनकी चूत पर एक किस किया। किस करते समय.

मैंने ध्यान से देखा कि दीदी के पूरे शरीर पर करंट दौड़ गया था। मैं रुक गया। फिर कुछ पल बाद देखा कि दीदी बड़े आराम से अपनी चूत खोले सो रही हैं। अब मैं दीदी की चूत को अच्छे से देखने लगा। उनकी चूत बहुत टाइट थी और चूत की फांकें बहुत मोटी थी। दीदी की चूत का छेद बहुत छोटा सा था यानी दीदी अभी तक किसी से नहीं चुदवाई थी। यह देखकर मैं बहुत खुश हुआ कि दीदी की चूत की सील मैं ही तोडूंगा। उसके बाद मैंने दीदी की चूत को दो तीन बार चूमा मगर दीदी ने अपनी आंखें नहीं खोली और न ही कुछ प्रतिक्रिया की। मैंने अपनी जेब से छूट को छांट लिया, तब भी कुछ नहीं हुआ। बस मैं समझ गया की दीदी सोने का ड्रामा कर रही हैं और चूत का काम 24 किया जा सकता है। मैं बिंदास अपनी बहन की चूत को चूसने लगा था। दीदी की चूत की बड़ी ही कामुक खुशबू थी जो मुझको मदहोश कर रही थी। मैं भी मस्त होकर चूत चूसने में लगा था। उसी दौरान एक बार तो दीदी के मुंह से आह भी निकल गई थी, लेकिन मैंने देखा कि दीदी अपनी आंखों को जोर से बंद की हुई है। इससे सब समझ में आ गया कि दीदी जाग रही हैं और अपनी चूत चुसाई का मजा ले रही हैं। फिर चूत चूसते चूसते देखा कि दीदी के शरीर में एंठन आने लगी है और दीदी जोर जोर से सांस लेने लगी है। मैं समझ गया दीदी झड़ने वाली है। फिर एक मिनट बाद दीदी झड़ गई और मेरे मुंह में उनके नमकीन माल का बाद ही मस्त स्वाद आया। मुझे बहुत.

मजा आया। मैंने दीदी की चूत की पूरा पानी चाट चाटकर पी लिया और बाद में भी दीदी की चूत को चूसता रहा। कुछ देर बाद मैं अपना लण्ड दीदी की चूत पर रख कर चढ़ने लगा। दीदी की चूत के छेद में लंड सट कर अंदर डालने लगा। अब दीदी ने करवट ले ली। शायद दीदी अभी अपनी चूत में लंड नहीं लेना चाहती थी। वे अभी सेक्स नहीं करना चाहती थी। बस अपना चूत चुसवा कर मजे लेना चाहती है। मैंने भी उनकी भावना को समझा और उनकी चूत देखकर अपना लण्ड हिलाया और माल निकालकर दीदी के बाजू में ही सो गया। दीदी ने मुझे अपनी बाहों में भर लिया। हम दोनों भाई बहन सो गए। अगली रात फिर से मैंने दीदी की चूत चूसी और उन्हें छानकर चूत का रस चाट लिया। ऐसे ही हम दोनों भाई बहन का झूठ चुसवाने का खेल चलता रहा। फिर एक दिन मैं दीदी के पास सोया हुआ था। दीदी रात में नाइटी पहनकर सोने लगी थीं, लेकिन आज दीदी ने पैंटी भी पहनी थी। मैं दीदी के बूब्स दबाने लगा और उनके दूध को नाईटी के ऊपर से ही चूसने लगा। फिर मैंने दीदी की गर्दन में किस किया और उनके होंठों को चूम लिया। इसके बाद मैं दीदी की नाइटी उतारने लगा तो देखा कि दीदी खुद से अपना जिस्म उठाकर नाइटी उतारने में मेरी हेल्प कर रही है। मैंने दीदी की नाईटी को उतार दिया। मेरे सामने मेरी दीदी ब्रा और पैंटी में थी। उनकी ब्रा और पैंटी दोनों रेड कलर की थी और दीदी बहुत सेक्सी लग रही थी। ऐसा लग रहा था मानो हुस्न की परी मेरे सामने लेटी हुई है। मैंने.

दीदी की ब्रा को भी उतार दिया। उनके दोनों दूध एकदम तने हुए थे। मैंने दीदी के मम्मों को खूब चूसा और मसल मसल कर लाल कर दिया। दीदी आंख बंद करके मजे ले रही थीं। उनकी हल्की हल्की आह आह भी निकल रही थी। उसके बाद मैं अपनी दीदी की पैंटी उतारने लगा। दीदी ने अपनी गांड उठाकर पैंटी उतरवाने में भी हेल्प की। अब दीदी बिल्कुल नंगी थी। मैंने अपनी दीदी के पूरे शरीर को किस किया और बाद में मैं दीदी की चूत को चूसने लगा। दीदी अपने मुंह को जोर से हाथ से दबा कर रखी थी ताकि कामुक सिसकारियां न निकले। तभी थोड़ी तो निकल ही जा रही थी। कुछ देर बाद दीदी ने अपनी चूत की मलाई मेरे मुंह में ही छोड़ दी और मैं दीदी की चूत का खट्टा रस पी गया। दीदी की चूत चूसे जाने से पूरी लाल हो गई थी। अब मैंने दीदी की चूत के ऊपर ही अपना लंड हिलाना चालू किया और मुठ मारकर उनकी चूत के ऊपर ही टपकाकर नंगा हो गया। फिर से कुछ दिन तक हम दोनों भाई बहन का ऐसे ही खेल चलता रहा। सुबह सोकर उठने के बाद हम दोनों भाई बहन ऐसे रहते थे मानो हम दोनों कुछ करते ही नहीं हैं। मतलब एकदम नार्मल रहते थे। फिर एक दिन मैंने दीदी की चूत चूसकर आधे रास्ते में छोड़ दी। दीदी व्याकुल हो उठी। मैंने उनके दूध चूसना शुरू किया और उसके बाद उनके कान को चूसते हुए कहा दीदी मुझे लंड अंदर पेलना है। दीदी कुछ नहीं बोली। मैंने दांव खेला और कहा यदि चूत चुसवाने है तो लंड भी चूसना पड़ेगा। दीदी ने अभी कुछ नहीं कहा।.

--:--
--:--
1.0
starzcpl
starzcpl
starzcpl
10 Followers
Please rate this
The author would appreciate your feedback.
Share this

Similar Stories

Fungirl's Fantasy Ch. 1 Girls just gotta have fun.in Lesbian Sex
I'm Having You For Breakfast A sister thanks her brother with breakfast & more...in Audio
Mirror Young Black man experiences mom & daughter.in Interracial Love
That Was Different Pt. 01 Stacy and Joe want to liven up their sex life.in Group Sex
Ginny's Witnesses Ch. 01 Tropical vacation mixes pleasure with business.in Mature
More Stories