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Click here"साली.. पूजा..तुम कितनी चुड़क्कड़ बन गई है... बापरे... ले.. अपनी चाचा का लवड़ा अपने बुर में... यह आयी अंदर तक.. बोल अंदर घुसी या नहीं..." बोलते चोद रहे थे।
"यस.. यस.. फ़क मि.. फ़क मि यू.. रास्कल.. चोद अपनी भतीजी की..." मैं उत्तेजित होकर बोली.. लेकिन फिर ढर लगने लगा की कहीं चाचा मुझे चांटा न देदे रास्कल जो कही...
लेकिन वैसा कुछ नहीं हुआ..उल्टा चाचा खुश होगए... और बोले... "शबाश पूजा.. ऐसे ही बोलो.. गाली दो.. देखो कितना मजा अता है.. दे गाली ..."
फिर हमदोनों के बीच गली गलौज चलते रही.. चाचा मुझे पुरा 20 मिनिट तक चोदे और फिर मेरी चूत में अपना गर्म मसाला छोड़ कर मेरे ऊपर निढाल हो कर गिरे।
उस रात चाचा ने मुझे दो बार और चोदे। सवेरे चार बजे तक मुझे लेते रहे फिर थक कर मेरे ऊपर निढाल होकर गिरे। उसके बाद तीन दिन मैं और चाचा स्वर्ग में विचरते रहे। घर के हर हिस्से में और हर भंगिमा में चुदे। चाचा में मुझे मैथुन के भंगिमाये सिखाई। तीसरे दिन शाम हम कार से चची की यहाँ शदी के लिए निकले। रास्ते में एक सुन सान जगाह गाड़ी रोक कर चाचा ने मुझे कार के बोनेट पर झुकाकर भी पिछेसे लिए... वह एक यादगार अनुभव था मेरे लिए।
तो दोस्तों यह थी मेरी और मेरे चाचा के मस्त भरि दास्ताँ .... उम्मीद करती हूँ की यह दास्ताँ आपको पसंद आया होगा... आपका कमेंट देकर मझे प्रोत्साहित करे...
अगली एपीसोड़े तक मुझे; आपकी पूजा मस्तानी को इजाजत दीजिये...
प्यार के साथ आपकी
पूजा मस्तानी...
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